सुखकर्ता आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Sukhkarta Dukhharta Aarti In Hindi

आज के इस लेख में आपको सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची (Sukhkarta Dukhharta Aarti In Hindi) आरती अर्थ सहित पढ़ने को मिलेगी। भगवान श्रीगणेश हमारे सभी सुखों और दुखों के स्वामी हैं। उन्ही की कृपा से ही हमें सुख व दुःख की अनुभूति होती है। भगवान गणेश ही हमारे दुखों को दूर कर हमें सुख प्रदान करते हैं। उन्हें विघ्नविनाशक भी कहा जाता है अर्थात हमारे संकटों को दूर करने वाले देवता।

यदि आपके जीवन में कोई संकट है तो अवश्य ही आपको गणपति जी की इस आरती का पाठ करना चाहिए। लेख के अंत में आपको सुखकर्ता आरती (Sukhkarta Aarti) के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइए सबसे पहले जान लेते हैं सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची आरती का हिंदी अर्थ।

Sukhkarta Dukhharta Aarti In Hindi | सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची – अर्थ सहित

सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम, कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर, उटी शेंदुराची।
कंठी झलके माल, मुक्ताफळांची॥

गणपति देव हमारे सभी तरह के दुखों को दूर कर सुख प्रदान करते हैं। वे ही हमारे सभी तरह के संकटों को हर लेते हैं। गणपति जी को सुगंधित पुष्प व शास्त्रीय राग से अत्यधिक प्रेम है। हे गणपति देव!! अपने भक्तों पर कृपा कीजिये।

गणपति का रूप सबसे सुंदर है और उनका पेट बाहर निकला हुआ है। उन्होंने अपने गले में मोतियों की माला पहन रखी है और वे हमें सभी तरह के फल प्रदान करते हैं।

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति।
दर्शनमात्रे मन, कामनांपूर्ति॥

गणपति देव की जय हो, जय हो। वे ही मंगल मूर्ति का रूप हैं अर्थात हम सभी का मंगल करते हैं। गणपति जी के तो दर्शन करने मात्र से ही हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

रत्नखचित फरा, तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी, कुमकुमकेशरा।
हिरेजड़ित मुकुट, शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे, चरणी घागरिया॥

गणपति जी ने अपने शरीर पर नाना प्रकार के रत्न पहन रखे हैं। वे ही गौरी माता के पुत्र हैं। उन्होंने कुमकुम व केसर को मिलाकर उसका लेप अपने शरीर पर लगाया हुआ है। साथ ही उन्होंने हीरे से जड़ित मुकुट को अपने मस्तक पर पहना हुआ है जो उनकी शोभा को बढ़ा रहा है। गणपति जी ने अपने पैरों में घुंघरू बाँध रखे हैं जिसकी झंकार हर जगह सुनायी देती है।

लंबोदर पीतांबर, फणिवर बंधना।
सरल सोंड, वक्रतुंड त्रिनयना।
दास रामाचा, वाट पाहे सदना।
संकटी पावावें, निर्वाणी रक्षावे, सुरवरवंदना॥

गणपति जी का पेट मोटा है और उन्होंने पीले रंग के वस्त्र पहन रखे हैं। साथ ही उन्होंने अपनी कमर में सर्पबंध अर्थात कड़डोरा बाँध रखा है। उनके मुख पर हाथी की सूंड है तो एक दांत टूटा हुआ है। उनकी तीन आँखें हैं। मैं श्रीराम का भक्त और सेवक, अपने घर में आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।

आप हम सभी के संकट को दूर कर देते हो और हमें मोक्ष प्रदान करते हैं। आप सभी देवताओं व मनुष्यों के द्वारा पूजनीय हो और हम सभी आपकी वंदना करते हैं।

ऊपर आपने सुखकर्ता आरती हिंदी में अर्थ सहित (Sukhkarta Aarti) पढ़ ली है। इससे आपको गणपति आरती का भावार्थ समझ में आ गया होगा। अब हम सुखकर्ता दुखहर्ता आरती के लाभ और महत्व भी जान लेते हैं।

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची आरती का महत्व

भगवान गणेश के कई रूप हैं और अपने अलग-अलग रूप व गुणों के अनुसार ही उनकी पूजा की जाती है। उदाहरण के रूप में वे हमारे विघ्नों का नाश कर हमें सुख तो प्रदान करते ही हैं लेकिन इसी के साथ ही उन्हें बुद्धि का देवता भी माना जाता है। यही कारण है कि माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय भगवान गणेश की पूजा करना अनिवार्य होता है अन्यथा माँ लक्ष्मी की पूजा का कोई फल नहीं मिलता है। इसका तात्पर्य यह होता है कि बुद्धि के बिना धन का कोई महत्व नहीं होता है।

ठीक इसी तरह भगवान गणेश के द्वारा हमारे संकटों का नाश कर और दुखों को दूर कर सुख प्रदान करने वाले रूप की पूजा सुखकर्ता दुखहर्ता आरती के माध्यम से की जाती है। इसी की अर्थ सहित व्याख्या हमने ऊपर की है। तो गणपति जी के इसी रूप व गुणों को प्रकट करने के लिए सुखकर्ता दुःखहर्ता आरती की रचना की गयी है।

सुखकर्ता आरती के लाभ

यदि आपके जीवन में बार-बार संकट आ रहा है, कोई काम नहीं बन पा रहा है, भविष्य का मार्ग नहीं दिखाई दे रहा है, करियर में सफलता नहीं मिल पा रही है या पढ़ाई में व्यवधान आ रहा है तो उसके लिए आपको गणपति जी की सुखकर्ता दुखहर्ता आरती का पाठ करना शुरू कर देना चाहिए। गणपति आरती के प्रतिदिन पाठ से आपको कुछ ही दिनों में अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं।

आपके जीवन में जो भी संकट या दुःख है, वह दूर होने लगते हैं या फिर उनका समाधान आपको मिल जाता है। साथ ही आपके अंदर नए कार्य करने की शक्ति आती है और आप उन्हें बेहतर तरीके से कर पाने में समर्थ होते हैं। यही सुख कर्ता दुख हर्ता आरती के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची आरती हिंदी में अर्थ सहित (Sukhkarta Dukhharta Aarti In Hindi) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने सुखकर्ता दुखहर्ता आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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