शिक्षा व सुविचार

बच्चों को संस्कार कैसे दें? (Baccho Ko Sanskar Kaise De)

आज हम आपको 10 अच्छी आदतें In Hindi (Good Habits For Childrens In Hindi) में बताने जा रहे हैं। बच्चे ही भविष्य की पीढ़ी होते हैं जो हमारी सिखाई बातों को आगे तक लेकर जाते हैं। इसलिये यह हमारा उत्तरदायित्व बनता है कि हम उन्हें बचपन से ही ऐसे संस्कार दें जिससे एक सभ्य व सुशिक्षित समाज का निर्माण हो सके। अब इसमें समस्या यह है कि अपने बच्चों को संस्कार कैसे दें (Baccho Ko Sanskar Kaise De)।

यहाँ हम आपको बता दें कि यदि आप अपने बच्चों के अंदर शुरुआत से ही अच्छे संस्कार के बीज बोना शुरू कर देंगे तो आगे चलकर उनके लिए और आपके लिए दोनों के लिए ही बेहतर रहेगा। बच्चों को सिखाई गयी अच्छे संस्कार की बातें उनका बेहतर चरित्र निर्माण करती है व समाज में उनको अच्छे कर्मों के लिए जाना जाता है। इसी के साथ यह उनके मानसिक स्वास्थ्य व भावनात्मक विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। आइये जानते हैं बच्चों को अच्छे संस्कार कैसे सिखाएं।

10 अच्छी आदतें In Hindi (Good Habits For Childrens In Hindi)

कई माता-पिता की यह समस्या रहती है कि उनके बच्चे ना समय पर सोते हैं और ना ही समय पर जागते हैं। इस वजह से वे भी सही से नहीं सो पाते हैं। अब यदि आप शुरुआत से ही उनके सोने और उठने का सही समय निर्धारित कर देंगे तो यह भी तो एक संस्कार ही कहा जाएगा ना।

अब इसमें समस्या यह रहती है कि बच्चों में यह आदत कैसे डाली जाए। क्योंकि माता-पिता तो चाहेंगे नहीं कि उनके बच्चे के सोने-उठने का समय बिगड़े। इसलिए आज हम आपको ना केवल बच्चों में डालने के लिए 10 अच्छी आदतें In Hindi में बताएँगे बल्कि बच्चों को संस्कार कैसे सिखाएं (Baccho Ko Sanskari Kaise Banaye), इसके बारे में भी जानकारी देंगे।

#1. सोने और जागने का सही समय

आजकल ज्यादातर सभी की ऐसी आदत बन गयी है जिसमे लोग रात को देर से सोते हैं व सुबह देर से उठते हैं। यह बिल्कुल गलत आदत है जिसका बुरा प्रभाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसी के साथ सूर्योदय के समय मिलने वाली लाभदायक किरणों के प्रभाव से भी हम वंचित रह जाते (Healthy Sleep Habits For Child In Hindi) हैं।

इसलिये ना केवल आप बच्चों में यह आदत डालिए बल्कि स्वयं भी अपनाएं क्योंकि बच्चे हमेशा अपने बड़ों से ही सीखते हैं। आप रात को जल्दी सोने व सुबह सूर्योदय से पहले या एक घंटे के भीतर उठने की आदत डालें। इसे प्रतिदिन की आदत बनाएं व बच्चों को भी ऐसा ही सिखाएं।

सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रम करके नहा धो लें व सूर्य नमस्कार भी करें। सूर्योदय होने के एक घंटे के अंदर सूर्य से आने वाली किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होती है जिससे हमारे शरीर को कई पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसी के साथ प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने से शरीर व मन स्वस्थ बना रहता है।

मुख्य लाभ: आजकल सभी में विटामिन डी की कमी मुख्य रूप से पायी जाती है। फिर इसके लिए वे कई प्रकार के फलों और दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं किंतु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि विटामिन डी का प्रमुख स्रोत सुबह के समय निकली धूप ही होती है। साथ ही सुबह के समय जल्दी उठने से पूरा दिन अच्छा बीतता है व तनाव में कमी आती है।

#2. बच्चों के लिए योग का महत्व

यदि आप अपने साथ-साथ बच्चों में भी शुरू से यह आदत डाल देंगे तो यकीन मानिये यह जीवनभर उनके बहुत काम आएगी। उनको शरीर की कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा तो मिलेगा ही व साथ ही वे दीर्घायु भी (Yoga For Kids In Hindi) बनेंगे। इसी के साथ उनका मन हमेशा शांत व सकारात्मक विचारों वाला रहेगा जो उनकी सीखने की क्षमता व मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रतिदिन योग व ध्यान लगाने से आपके बच्चे हर क्षेत्र में अव्वल रहेंगे व उनमें विनम्रता भी आएगी। योग से व्यक्ति भगवान के और समीप महसूस करता है व अपने शरीर पर नियंत्रण कर पाता है। इससे उनके व्यवहार में आश्चर्यजनक परिवर्तन देखने को मिलेगा। इसलिये प्रतिदिन अपने जीवन में एक घंटा योग व ध्यान को अवश्य स्थान दें।

मुख्य लाभ: योग की महिमा हम भारतीयों से अच्छा और कौन समझ सकता है भला। पूरे विश्व को योग की महत्ता समझाने वाले हम ही हैं। ध्यान लगाना भी योग का एक प्रकार होता है। योग से एक नही अनेक लाभ होते हैं। कुल मिलाकर कहें तो योग से आपका और आपके बच्चे का सर्वांगीण विकास होता है।

#3. बच्चों को दो बार ब्रश करना सिखाएं

यदि आप अपने बच्चों के दांतों को लंबे समय तक स्वस्थ देखना चाहते हैं तो उनमें दिन में दो बार ब्रश करने की आदत आवश्यक रूप से डालें, एक बार सुबह उठने के बाद व एक बार रात को सोने से पहले। सुबह उठकर ब्रश तो हर कोई करता है किंतु रात को सोने से पहले बहुत कम लोग इस नियम का पालन करते हैं जिसका बुरा प्रभाव हमारे दांतों पर पड़ता है।

दिन भर का खाया-पिया हमारे दांतों पर लगा रहता है। इसलिए यदि हम रात को बिना ब्रश किये सो जाते हैं तो कई प्रकार के जीवाणु-विषाणु हमारे दांतों को समय के साथ-साथ धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते रहते हैं। इसलिये रात को सोने से पहले ब्रश करने की आदत डालें व उसके बाद कुछ ना खाएं।

मुख्य लाभ: यदि हम रात में बिना ब्रश किये सोते हैं तो दिनभर का जो खाया-पिया होता है उससे पनपे कई प्रकार के कीटाणु रातभर हमारे दांतों को खराब करते हैं। इसलिए उम्र के साथ-साथ लोगों के दांत सड़ने, पीले होने, टूट जाने, जाड़ में दर्द होने जैसी शिकायते देखने को मिलती है। इसलिए यदि आप रात में भी नियमित रूप से ब्रश करके सोने की आदत डाल लेंगे तो जीवनभर आपके दांत स्वस्थ और मजबूत बने रहेंगे।

#4. बड़ों का सम्मान करना

आप अपने बच्चों में शुरू से ही अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की आदत अवश्य डालें व स्वयं भी इसका पालन करें। आपसे घर में जो बड़े हैं, प्रतिदिन आप नहा धोकर उनके चरण स्पर्श करें व यही आदत अपने बच्चों में भी विकसित करें।

चरण स्पर्श के शारीरिक व मानसिक दोनों रूपों में लाभ मिलते हैं। इससे आपका बच्चा बड़ों का सम्मान करना तो सीखता ही है व साथ ही झुककर चरण स्पर्श करने से उसका लघु व्यायाम भी हो जाता है। इसलिये प्रतिदिन अपने से बड़ों के चरण स्पर्श अवश्य करें।

मुख्य लाभ: यदि आज आप उन्हें बड़ों का सम्मान करना सिखाएंगे और स्वयं भी बड़ों का सम्मान करेंगे तभी आगे चलकर वे आपका सम्मान करेंगे। एक चीज़ हमेशा याद रखिए, जैसा व्यवहार आज आप अपने बड़ों के साथ करेंगे वैसा ही व्यवहार आने वाले समय में वह आपके साथ करेंगे।

#5. भगवान की पूजा करना

यदि आप सोचते हैं कि बच्चों को केवल स्कूल भेज देने और किताबे पढ़ाने से ही वे एक अच्छे व्यक्ति बन जाएंगे तो आप गलत हैं। उनके अंदर नैतिक शिक्षा का विकास करने के लिए धर्म का ज्ञान देना अति-आवश्यक हो जाता है। इस बात का मुख्यतया ध्यान रखिए कि यदि आप शुरुआत से ही उसे धर्म की शिक्षा नही देंगे तो औरों के लिए उसे अधर्म की शिक्षा देना बहुत ही आसान हो जाएगा।

इसके लिए आप प्रतिदिन उससे धर्म से जुड़ी शिक्षाप्रद कथाएं, उनका संदेश, सुविचार इत्यादि साँझा करते रहा करें। आप चाहें तो उन्हें शिक्षाप्रद कार्टून, सीरियल, फिल्म इत्यादि भी दिखा सकते हैं। धर्म से जुड़ा ज्ञान बच्चों को देना बहुत आवश्यक होता है। यही उनके मन में एक अच्छा व्यक्ति होने का बीज बोते हैं।

मुख्य लाभ: सही और गलत के बीच में पहचान, नैतिकता, भावनाएं, सुख-दुःख, संतोष, शिष्टाचार, अनुशासन इत्यादि ऐसी कई चीजें हैं जो धर्म के द्वारा बच्चों को बहुत जल्दी और आसानी से सिखाई जा सकती है। इसी के सहारे एक बच्चा भविष्य में क्या सही है और क्या गलत, इसके बारे में पहचान करना सीखता है।

#6. अपशब्दों को ना

आजकल हमारे आसपास का वातावरण इतना दूषित हो गया है कि छोटे-छोटे बच्चे भी अपशब्दों का प्रयोग करने लगे हैं जो कि एक सभ्य समाज के निर्माण में बहुत बड़ी बाधा है। बच्चे जब अपने आसपास के लोगों व घरों में भी अपशब्दों को सुनते हैं तो वे भी इनका इस्तेमाल करने लगते हैं।

इसलिये यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने बच्चे के सामने किसी भी प्रकार के अपशब्द का प्रयोग ना करें व ना ही किसी को करने दें। इसी के साथ उसके मित्रों को भी अच्छे से जाने क्योंकि जैसे उसके मित्र होंगे, उसका आचरण भी कुछ वैसा ही होगा। एक अच्छा मित्र आपके बच्चे के लिए बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है।

मुख्य लाभ: अपशब्द आपके बच्चे के विकास में बहुत बड़ी बाधा है। ऐसा करके वह अपने साथ-साथ आपका नाम भी खराब करेगा। साथ ही उसमे रिश्तों को लेकर उदासी आएगी। अपशब्द किसी भी प्रकार से आपके बच्चे के लिए सही नही ठहराया जा सकता है। यदि वह इसका इस्तेमाल करता भी है तो उन्हें डांटने की बजाए, प्यार से समझाएं।

#7. भोजन की सही आदत

हमारे जीवन में भोजन का बहुत बड़ा योगदान होता है व सही खानपान का ही हमारे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिये आप ना केवल उनमे सही भोजन करने की आदत डालें अपितु कब भोजन करना चाहिए व कितनी मात्रा में करना चाहिए, इन सब बातों का भी ध्यान (Good Eating Habits For Kids In Hindi) रखें।

जैसे कि सुबह के समय जल्दी भोजन करें व भोजन को एक बारी में ज्यादा मात्रा में लेने की बजाये, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में एक निश्चित अंतराल में लें। इसी के साथ रात को सोने से दो घंटे पूर्व ही भोजन कर लें। भोजन करते समय पानी ना पिएं बल्कि पानी को भोजन से आधे घंटे पहले या बाद में पिएं। पानी भी दिन में ज्यादा से ज्यादा पीने की आदत डालें। भोजन करने के बाद कुछ समय के लिए बाहर टहलने अवश्य जाएं।

बाहर का या तला हुआ खाना बहुत कम खाएं। यदि बच्चों का खाने का मन भी करता है तो प्रयास करें कि आप उसे घर पर ही बनाएं। इसी के साथ इसकी मात्रा नियंत्रित रखें। ऐसी ही कुछ और भोजन की अच्छी आदतों को अपने जीवन में अपनाएं।

मुख्य लाभ: सही समय पर भोजन ना करने या सही भोजन ना करने से शरीर की कई बीमारियाँ समय-समय पर हमें घेर लेती है। छोटी उम्र में ही बच्चों को हो रही बीमारियाँ इसका एक प्रमुख उदाहरण है। इसलिए शुरू से ही उन्हें सही समय पर भोजन देने की आदत डालेंगे तो वे स्वस्थ रहेंगे।

#8. प्रकृति से प्रेम करना

हिंदू धर्म में प्रकृति को ईश्वर समान ही माना गया है व उसको पूजने की बात कही गयी है क्योंकि उनसे ही हमे जीवन मिलता है जैसे कि पेड़-पौधे, जल, वायु, सूर्य, मिट्टी, नदियाँ इत्यादि। मानव शरीर भी इन्ही के मिश्रण से बना होता है जिसे पंच तत्व कहते हैं। मृत्यु के पश्चात यह शरीर अंतिम संस्कार के द्वारा पुनः इन्हीं पंच तत्वों में मिल जाता है। इसलिये बहुत आवश्यक है कि आप प्रकृति के प्रति अपने बच्चों को जागरूक करें व उनसे प्रेम करना सिखाएं।

यह प्रकृति है तो ही हम हैं, इसके बिना मानव जीवन का कोई औचित्य नही रह जायेगा। इसलिये अपने बच्चों के अंदर प्रतिदिन तुलसी व अन्य पौधों को पानी देना, नदियों या सड़क पर कचरा ना फेंकना, प्रदूषण ना फैलाना इत्यादि जैसी अच्छी आदतें डालें। यदि जल, वायु, मिट्टी स्वच्छ रहेंगे तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे।

मुख्य लाभ: आज का समाज आधुनिकता के चक्कर में इन सब चीज़ों को भूल गया है जिसका परिणाम हम जलवायु परिवर्तन, जगह-जगह आ रही बाढ़, बेमौसम बारिश, सूखा पड़ना इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सह रहे हैं। इतना ही नही, जीवन जीने के सबसे आवश्यक तत्व जल व वायु भी प्रदूषित हो चुके हैं। इसलिए इनका सरंक्षण करना और इनका उचित सम्मान करना अति-आवश्यक है अन्यथा इस पृथ्वी से एक दिन हम मिट जाएंगे।

#9. पशु पक्षियों से प्रेम करना

अपने बच्चों को यह आवश्यक रूप से समझाएं कि यह पृथ्वी केवल मनुष्यों की ही नही है अपितु इसमें विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतु भी रहते हैं व उनका भी इस पृथ्वी पर उतना ही अधिकार है जितना हमारा। इसलिये जानवरों के प्रति हमेशा दयाभाव रखें व शाकाहार भी अपनाएं। शाकाहार हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।

इसी के साथ उन्हें समझाएं कि चाहे कोई भी जानवर हो जैसे कि गाय, कुत्ता, बैल, चींटी, पक्षी इत्यादि, सबका आदर करें। आप प्रतिदिन उनमें गाय व कुत्ते को रोटी देने की आदत डालें, छत पर पक्षियों के लिए एक बर्तन रखें व उसमे पानी डालने को बोलें, घर के बाहर भी पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करें, चींटियों को दाना डालने की आदत डालें इत्यादि।

मुख्य लाभ: इस बात को हमेशा गांठ बांध लें कि ईश्वर ने यह पृथ्वी केवल मनुष्यों के लिए ही नही बनाई है। साथ ही हर एक पशु, पक्षी, कीट, जीव का इस पृथ्वी पर अपना-अपना योगदान है। हम सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपस में जुड़े हुए हैं। इस पृथ्वी से यदि कोई भी प्रजाति विलुप्त होती है तो उसका भुगतान हम सभी को करना पड़ता है। इसलिए सभी का सम्मान करना स्वयं भी सीखें और यही आदत अपने बच्चों में भी डालें।

#10. बातचीत पर जोर देना

आजकल की आधुनिक दुनिया में हर कोई अपने मोबाइल, टीवी इत्यादि जैसे संसाधनों पर निर्भर रहने लगा है। सभी इस पर चैट, मैसेज इत्यादि के द्वारा ही आपस में बातचीत करने लगे हैं जो कि उचित नही है। हालाँकि यह हमसे दूर बैठे लोगों से संपर्क करने का एक माध्यम है किंतु यदि आपका बच्चा हमेशा इसी में लगा रहेगा तो यह उसके मानसिक विकास के लिए बहुत ही बुरा है। इससे आपके बच्चे में अकेले रहने की भावना आएगी तथा वह दूसरों से ज्यादा घुल मिल नही पायेगा जिससे उसके बोलने की क्षमता भी प्रभावित होगी।

इसलिये आज के समय में यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने बच्चों को दिन में ज्यादा से ज्यादा 1 से 2 घंटे के लिए ही मोबाइल इत्यादि दें। इसमें भी उन्हें ज्ञानवर्धक चीजें देखने व सिखने को कहें जैसे कि अच्छी कविताएं पढ़ना या कहानी देखना। इसी के साथ उनमें बाहर खेलने, लोगों व रिश्तेदारों से मिलने, बात करने, इत्यादि की आदत विकसित करें। इसी के साथ आप भी अपने बच्चों को समय दें व उनसे प्रतिदिन कुछ बातचीत करें।

मुख्य लाभ: मोबाइल में लगे रहने से आपके बच्चे का ज्ञानवर्धन तो होगा लेकिन इससे उसकी बोलने की क्षमता, व्यवहारिकता, बातचीत करना, घुलना-मिलना इत्यादि बहुत बुरी तरह प्रभावित होंगे। इन सभी गुणों को विकसित करने के लिए उन्हें मोबाइल, टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रखें और शारीरिक खेल खेलने या दूसरों से बातचीत करने की आदत डालें।

निष्कर्ष

तो यह थी 10 अच्छी आदतें In Hindi (Good Habits For Childrens In Hindi) जो आपके बच्चे के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक विकास के लिए अति-आवश्यक है। यदि आप अभी से इसका पालन शुरू कर देंगे तो आपको कुछ ही समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। याद रखिए आपके दिए गए यह संस्कार उनके जीवनभर के लिए काम आयेंगे जिनके लिए आपका बच्चा हमेशा आपका आभारी रहेगा।

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कृष्णा

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