आज हम आपके साथ वैष्णो माता की आरती (Vaishno Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। हर वर्ष लाखों लोग कटरा के वैष्णो माता मंदिर में माथा टेकने पहुँचते हैं। माता वैष्णो माँ आदिशक्ति का ही एक रूप हैं जो पहाड़ों पर स्थित हैं। उनके दर्शन करने के साथ ही ऊपर स्थित भैरव बाबा के दर्शन करने भी जरुरी होते हैं और उसके बाद ही वैष्णो देवी की यात्रा सफल मानी जाती है। ऐसे में यदि आप वैष्णो माता आरती का पाठ कर लेंगे तो यह और भी शुभ फल देने वाला होगा।
आज के इस लेख में हम आपके साथ वैष्णो माता आरती (Vaishno Mata Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। इसी के साथ आपको माता वैष्णो माता की आरती का हिंदी अर्थ भी पढ़ने को मिलेगा ताकि आप वैष्णो माता की आरती का संपूर्ण ज्ञान ले सकें। अंत में आपको वैष्णो माता आरती पढ़ने के फायदे और महत्व भी जानने को मिलेंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं वैष्णो माता की आरती हिंदी में।
Vaishno Mata Ki Aarti | वैष्णो माता की आरती
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी।
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे।
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे।
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा।
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे।
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
Vaishno Mata Aarti | वैष्णो माता आरती – अर्थ सहित
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥
हे वैष्णवी माता!! आपकी जय हो, जय हो। मैं आपके सामने हाथ जोड़कर आपकी आरती करता हूँ और आपके गुणगान करता हूँ।
शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी।
गंगा बहती चरनन, ज्योति जगे न्यारी॥
आपके शीश पर छत्र विराजमान है और आपकी मूर्तियाँ बहुत ही सुन्दर लग रही है। आपके चरणों से माँ गंगा बह रही है और आपकी ज्योति इस जगत में हर जगह जलती है।
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥
आपके द्वार पर तो स्वयं भगवान ब्रह्मा वेद पढ़ते हैं और शिव शंकर ध्यान करते हैं। आपके सेवक आपको चंवर करते हैं और नारद मुनि नृत्य करते हैं।
सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे।
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥
आपकी वैष्णो गुफा बहुत ही सुंदर है जो हमारे मन को बहुत सुहाती है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्तगण बार-बार यहां आते हैं।
भवन पे झण्डे झूलें, घंटा ध्वनि बाजे।
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥
आपके भवन के पास आपकी ध्वजा लहरा रही है और घंटों की ध्वनि गुंजायेमान है। आपका पर्वत बहुत ही ऊँचा है और यह हमारे मन को बहुत भाता है।
पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा।
दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥
भक्तगण आपके द्वार पर पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल, पुष्प इत्यादि मेवा की भेंट चढ़ाते हैं। हम सभी आपके सेवक आपके चरणों में अपना शीश झुकाते हैं और अब आप हमें दर्शन दे दीजिये।
जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥
जो भी त्रिकूट पर्वत की चढ़ाई कर आपके धाम पहुँच कर माँ वैष्णो के दर्शन करने हेतु आता है, आप उसकी हरेक इच्छा को पूरा कर देती हैं।
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे।
कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥
जो भी माँ वैष्णो देवी की स्तुति दिन-रात करता है, वह इस संसार में सभी तरह के सुख व संपत्ति को प्राप्त करता है।
वैष्णो माता की आरती का महत्व
अभी तक आपने वैष्णो देवी आरती पढ़ ली है और साथ ही उसका अर्थ भी जान लिया है। तो वैष्णो आरती के माध्यम से भक्तों को वैष्णो माता के जीवन, कर्मों, गुणों इत्यादि के बारे में बताया जाता है। साथ ही वैष्णो माता की पूजा करने से हमें क्या कुछ फायदा मिलता है और क्यों हमें उनकी आराधना करनी चाहिए, इसके बारे में भी पता चलता है। तो यही तो वैष्णो माता की आरती का महत्व होता है।
वैष्णो आरती को पढ़ने से हम माता वैष्णो देवी के बारे में तो जानते ही हैं, साथ ही वैष्णो माता की कृपा भी हम पर बरसती है। वैष्णो माता की आरती का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि माँ वैष्णो माँ आदिशक्ति का ही एक रूप हैं जो भगवान विष्णु को प्रिय हैं। ऐसे में वैष्णो देवी आरती का महत्व किसी से भी छुपा नहीं है।
वैष्णो माता आरती के फायदे
यह तो आप जान ही गए हैं कि माँ वैष्णो ही माँ आदिशक्ति हैं और वही हम सभी की जननी हैं। उनके द्वारा ही इस सृष्टि की रचना की गयी है और मातारानी का वास हर जगह है। ऐसे में यदि हम अपनी जननी अर्थात माँ वैष्णो देवी की आरती करते हैं तो उनकी कृपा दृष्टि अवश्य ही हम पर होती है। वैष्णो जी की आरती के निरंतर पाठ से हमारे मन में चल रहा द्वंद्व व तनाव दूर हो जाता है और हम आंतरिक शांति का अनुभव करते हैं।
इसी के साथ ही हम अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं, सभी तरह के बिगड़े हुए कामो को बना सकते हैं, घर में सुख-समृद्धि ला सकते हैं तथा वह सब कुछ पा सकते हैं जिसकी कामना हम करते हैं। वैष्णो माता आरती का पाठ करने से बहुत लाभ देखने को मिलते हैं जो किसी भी मनुष्य को इस विश्व का सबसे सुखी मनुष्य बना सकता है। इसलिए आपको भी प्रतिदिन वैष्णो देवी आरती का पाठ करना चाहिए।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने वैष्णो माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Vaishno Mata Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने वैष्णो माता आरती के फायदे और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
वैष्णो आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: वैष्णो देवी में आरती कितने बजे होती है?
उत्तर: वैष्णो देवी में आरती सुबह व शाम को होती है। सुबह के समय यह सूर्योदय के समय 6 बजे और शाम में यह सूर्यास्त के समय 6 बजे के आसपास होती है।
प्रश्न: वैष्णो देवी में किसकी पूजा की जाती है?
उत्तर: वैष्णो देवी में माँ महाकाली, माँ सरस्वती व माँ लक्ष्मी पिण्डी रूप में विराजित हैं और इन तीनो पिंडियों को मिलाकर ही वैष्णो माता कहा जाता है जिसकी वैष्णो देवी में पूजा की जाती है।
प्रश्न: वैष्णो देवी कितने घंटे का रास्ता है?
उत्तर: कटरा से वैष्णो देवी की चढ़ाई 13 किलोमीटर के पास है जिसे चढ़ने में 3 से 4 घंटो का समय लगता है।
प्रश्न: वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी फिट है?
उत्तर: वैष्णो देवी की चढ़ाई पांच हज़ार तीन सौ (5300) फिट है।
प्रश्न: वैष्णो देवी में तीन देवी कौन हैं?
उत्तर: वैष्णो देवी में तीन देवी माँ महाकाली, माँ महासरस्वती व माँ महालक्ष्मी है।
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