श्रीराम ने मेघनाथ से युद्ध के लिए लक्ष्मण को ही बार-बार क्यों भेजा?

Why Only Laxman Could Kill Meghnath

रावण की सेना में एकमात्र ऐसा योद्धा था जो अत्यंत बलशाली व पराक्रमी था जिस कारण उसका वध करना (Why Only Laxman Can Kill Meghnath In Hindi) स्वयं देवताओं के लिए भी असंभव था था। वह था रावण का सबसे बड़ा पुत्र मेघनाथ। वह शक्तियों व अस्त्रों में अपने पिता से भी ज्यादा पराक्रमी था। इसका बखान स्वयं वाल्मीकि रामायण में किया गया है व उसे महारथी की संज्ञा दी गयी है (Why Only Laxman Could Kill Meghnath)।

उसे भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश से इतनी शक्तियां व वर प्राप्त हुए थे कि उसे कोई योगी ही परास्त कर सकता था व उसका वध कर सकता था (Why Only Laxman Can Kill Meghnath)। एक कथा के अनुसार एक बार महर्षि वशिष्ठ ने रावण वध व श्रीराम के अयोध्या आगमन के पश्चात एक दिन उनसे जानना चाहा कि आखिर मेघनाथ को मारने के लिए उन्होंने बार-बार लक्ष्मण को ही क्यों भेजा।

उनका मत था कि यदि वह इतना शक्तिशाली था जिसने पहले दिन स्वयं श्रीराम व लक्ष्मण को नागपाश की शक्ति से बांध दिया था व दूसरे दिन शक्तिबाण के प्रभाव से लक्ष्मण को मुर्छित कर दिया था। फिर क्यों उन्होंने तीसरे दिन भी लक्ष्मण को ही मेघनाथ का वध करने भेजा। इसका उत्तर स्वयं भगवान श्रीराम ने ही दिया।

उन्होंने बताया कि उसे ऐसे वर प्राप्त थे कि स्वयं वे भी उसका वध करने में अक्षम थे क्योंकि उसका वध एक ऐसा सन्यासी ही कर सकता था जिसने कई वर्षों तक कठिन तपस्या की हो व उसकी अग्नि में तपा हो (Who Killed Meghnad As Per Indian Epic Ramayana)। यही सब लक्ष्मण ने 14 वर्षों के अंतराल में किया था व मेघनाथ को मारने में सक्षम हो पाए थे।

लक्ष्मण भगवान श्रीराम के साथ 14 वर्षो के वनवास में जब गये थे तब उन्होंने उर्मिला को अयोध्या में रहने का ही अनुरोध किया था। इस प्रकार उन्होंने 14 वर्षो तक ब्रह्मचर्य का पालन किया था व किसी पराई स्त्री का मुख तक नही देखा था। जब वे माता सीता को भी देखते या उनसे बात करते तो हमेशा उनके चरणों को ही देखते (Reason Of Meghnath Death By Laxman)। उन्होंने कभी भी माता सीता की ओर मुख करके ऊपर नही देखा।

इसी प्रकार भगवान श्रीराम व माता सीता की रक्षा के उद्देश्य से उन्होंने 14 वर्षो तक नींद नही ली व दिन रात उनकी सुरक्षा में तैनात रहे। एक कथा के अनुसार उन्होंने निद्रा की देवी से 14 वर्षों तक स्वयं से दूर रहने को कहा था व उनके हिस्से की नींद उनकी पत्नी उर्मिला को देने को कहा था। इसके पश्चात लक्ष्मण 14 वर्षों तक सोये नही थे व उर्मिला इतने समय तक सोती रही थी।

साथ ही लक्ष्मण ने 14 वर्षों तक योग व साधना से अपने अंदर इतनी शक्ति व ऊर्जा का संचार कर लिया था कि वह मेघनाथ का वध करने में सक्षम हो चुके थे। यही कारण था कि मेघनाथ से युद्ध करने व उसका वध करने के लिए भगवान श्रीराम ने हमेशा लक्ष्मण का ही चुनाव किया।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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