आखिरकार रावण ने सीता हरण क्यों किया (Ravan Ne Sita Haran Kyon Kiya) व इसके पीछे क्या कारण थे? ऐसा क्या हो गया था कि उसे माता सीता का अपहरण करने के लिए स्वयं जाना पड़ा था। वह तो लंका का राजा था जिसने भगवान ब्रह्मा व शिव से अनेक शक्तियां व वरदान प्राप्त किए थे। इस कारण उसे जीतना किसी के लिए भी लगभग असंभव था।
ऐसे में उसने श्रीराम व लक्ष्मण से युद्ध करके सीता को जीतने की बजाए छुपके उनका अपहरण करने का क्यों चुना? आज हम आपको इसी बात का ही उत्तर देंगे कि आखिरकार रावण ने सीता का हरण क्यों किया था (Ravan Ne Sita Ka Haran Kyon Kiya) व उसके पीछे क्या कुछ कारण निहित थे।
रावण एक राक्षस था जिससे नीति की अपेक्षा करना अनुचित था। उसने आज तक अपने जीवन में सभी अनैतिक काम ही किए थे। ऐसे में युद्ध करके सीता को जीतने की बजाए उनका चोरी छुपे हरण कर लेना भी रावण के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। हालाँकि इसके पीछे एक नहीं बल्कि पाँच मुख्य कारण थे।
पहला कारण तो रावण की बहन शूर्पणखा से ही जुड़ा हुआ है जिसके बारे में तो सभी जानते हैं। किंतु सीता हरण के लिए रावण को केवल बहन के अपमान का बदला लेना नहीं कह सकते और यह बात शूर्पणखा भी भलीभाँति जानती थी। आइए जाने आखिरकार रावण ने सीता हरण क्यों किया था।
रावण की एक बहन शूर्पनखा थी जो समुंद्र के उस पार दंडकारण्य के वनों में अपने भाई खर-दूषण के साथ रहती थी। एक दिन वह रावण के दरबार में आई व सभी के सामने प्रलाप करने लगी। श्रीराम व लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी जो उसकी बहन का अपमान था। भरे दरबार में स्वयं की बहन का यह अपमान वह भी किसी मनुष्य के द्वारा रावण को यह बात सहन नहीं हुई थी। साथ ही सूर्पनखा ने इस बात को बढ़ा चढ़ाकर रावण की प्रतिष्ठा के साथ जोड़कर सभी के सामने प्रस्तुत किया था।
खर-दूषण रावण के सौतेले भाई थे जो समुंद्र के उस पार दंडकारण्य में रावण का राज्य सँभालते थे। रावण का राज्य केवल लंका तक ही सीमित नहीं था अपितु वह दक्षिण भारत में भी फैला हुआ था। श्रीराम व लक्ष्मण ने उस ओर के सभी राक्षसों व खर दूषण का वध करके रावण को सीधे चुनौती दे डाली थी।
रावण एक दुष्ट चरित्र का प्राणी था। हालाँकि उसने वेदों व शास्त्रों का अध्ययन किया हुआ था लेकिन वह पराई स्त्री को उसकी इच्छा के विरुद्ध पाने की इच्छा भी रखता था। जब शूर्पनखा ने रावण के सामने माता सीता के रूप का बखान किया तो रावण कामातुर हो उठा। शूर्पनखा ने सीता को सृष्टि की सबसे सुंदर नारी व रावण के लिए उपयुक्त स्त्री बताया जिसे सुनकर रावण गदगद हो उठा।
सीता के रूप का ऐसा बखान सुनकर रावण के मन में उसे पाने के लिए लालसा उमड़ पड़ी। इस कारण उसने श्रीराम व लक्ष्मण का वध कर सीता को हरने का सोचा।
जब रावण ने श्रीराम व लक्ष्मण पर आक्रमण करके सीता को हरने का निश्चय कर लिया तब उसके मंत्रियों ने उसे परामर्श दिया कि दो तुच्छ मानवों पर आक्रमण करके उसे कुछ नहीं मिलेगा। इसलिए वह छल से सीता का अपहरण कर ले जिससे राम उसके दुःख में ही अपने प्राण त्याग दे। यह प्रस्ताव रावण को पसंद आया व इससे वह सीता को आसानी से पा भी सकता था। इसलिए रावण ने अंत में सीता का छल से अपहरण करने का निश्चय किया।
श्रीराम ने चौदह वर्षों तक भारत भूमि को राक्षस विहीन कर दिया था। श्रीराम के वनवास में आने से पहले सभी राजा, खासतौर पर दक्षिण भारत के राजा, रावण के राक्षसों से परेशान और आतंकित रहते थे। फिर जब श्रीराम ने उन सभी राक्षसों का अंत कर दिया तो सभी राजा भी भयमुक्त हो गए थे। ऐसे में रावण श्रीराम की पत्नी सीता का हरण कर उन्हें सीधे संदेश देना चाहता था कि कोई भी उससे टक्कर नहीं ले सकता है।
ऊपर आपने रावण के द्वारा माता सीता के अपहरण के पाँच मुख्य कारणों को जाना। अब यदि हम इन पाँचों कारणों का निचोड़ निकालेंगे तो मुख्य रूप से दो चीजें उभर कर सामने आएंगी जो रावण के द्वारा माता सीता के हरण का मुख्य कारण बनी थी। यह दो चीजें थी रावण की प्रतिष्ठा पर आघात होना और दूसरी सीता को पाने की लालसा।
शूर्पणखा यह जानती थी कि रावण को केवल इसी बात पर ही उत्तेजित नहीं किया जा सकता कि वह उसके अपमान का बदला ले। इसलिए उसने भरी सभा में रावण की प्रतिष्ठा पर चोट की और उसे युद्ध ना करने की स्थिति में कायर जैसे शब्दों से पुकारा। साथ ही खर-दूषण के वध का सुनकर रावण के बने बनाए साम्राज्य को भी चुनौती मिल गई थी। इस तरह से रावण की प्रतिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया था।
दूसरा कारण जो सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण कारण था, वह था शूर्पणखा द्वारा सीता के रूप का बखान करना और रावण के मन में उसे पाने की तीव्र लालसा का उत्पन्न होना। शूर्पणखा जानती थी की उसका भाई अवश्य ही सीता के रूप का गुणगान सुनकर उसे पाना चाहेगा और हुआ भी वही।
यदि रावण को सच में अपनी प्रतिष्ठा की चिंता होती तो वह श्रीराम व लक्ष्मण से युद्ध कर सीता को लेकर आता। इससे उसके दोनों उद्देश्य पूर्ण हो जाते। किंतु उसने अपने तुच्छ मंत्रियों के परामर्श के आधार पर कायरता पूर्ण सीता हरण का निर्णय लिया। आशा है कि आपको आपके प्रश्न रावण ने सीता हरण क्यों किया (Ravan Ne Sita Haran Kyon Kiya), का उत्तर मिल गया होगा।
सीता हरण से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: सीता हरण का क्या कारण था?
उत्तर: सीता हरण का मुख्य कारण रावण की सीता को पाने की लालसा थी। जब से शूर्पणखा ने सीता के रूप का बखान किया था तब से रावण के मन में उसे पाने की तीव्र लालसा थी।
प्रश्न: सीता और रावण का क्या रिश्ता था?
उत्तर: वैसे तो सीता और रावण का कोई रिश्ता नहीं था लेकिन कुछ जगह सीता को रावण व मंदोदरी की पुत्री बताया गया है।
प्रश्न: कैसे बनी माता सीता रावण की मृत्यु का कारण?
उत्तर: कहते हैं कि सीता अपने पिछले जन्म में वेदवती नाम की स्त्री थी। वेदवती की मृत्यु रावण के अत्याचार के कारण हुई थी। इसलिए उसने अपने अगले जन्म में रावण की मृत्यु का कारण बनने का श्राप उसे दिया था।
प्रश्न: रावण ने सीता अपहरण क्यों किया?
उत्तर: रावण ने सीता अपहरण केवल और केवल अपनी वासना के वश में आकर किया था।
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