भारत के साथ ही सनातन धर्म की गूँज विश्व के कई अन्य देशों में भी गूंजती है। इसी में एक देश है इंडोनेशिया। इंडोनेशिया के ब्रोमो पर्वत पर भगवान गणेश की मूर्ति (Mount Bromo Ganesha Statue In Hindi) स्थापित है जो वहां किसी आश्चर्य से कम नहीं है। दरअसल गणेश जी की यह मूर्ति चारों ओर धधकते ज्वालामुखियों के बीच में स्थित है।
यहाँ के स्थानीय निवासी ब्रोमो पर्वत पर स्थित भगवान गणेश की मूर्ति (Mount Bromo Ganesha Idol In Hindi) को बहुत ही भाग्यशाली मानते हैं। उनका ऐसा मानना है कि भगवान गणेश ही उनकी ज्वालामुखी से रक्षा करते हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस स्थान का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है और देश-विदेश से लाखों लोग हर वर्ष यहाँ पहुँच रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको इंडोनेशिया के इसी गणेश मूर्ति के बारे में सबकुछ बताएँगे।
ब्रोमो पर्वत पर स्थित भगवान गणेश की मूर्ति
इंडोनेशिया एक ऐसा देश है जो मुस्लिम बहुतायत है लेकिन फिर भी यहाँ भगवान गणेश की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। किसी समय यह एक हिंदू राष्ट्र था और भारतवर्ष का अंग था। पर समय के साथ-साथ यहाँ मुस्लिम आक्रांताओं के आक्रमण और अत्याचार इतने ज्यादा बढ़ गए कि हिंदू नामात्र रह गए और पूरा देश मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया।
किंतु यहाँ के लोगों और शासकों ने समय के साथ-साथ लचीलापन अपनाया और हिंदू धर्म को पूरी तरह से नही त्यागा। इसी कारण मुस्लिम बहुतायत होने के कारण भी हिंदू देवी-देवताओं को यहाँ मुख्य रूप से स्थान दिया गया है। यहाँ के सबसे बड़े नोट 20 हज़ार पर गणेश जी का चित्र अंकित (Bromo Mountain In Hindi) है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि भगवान गणेश यहाँ कितने पूजनीय हैं। यहाँ वर्ष में कई आयोजन गणेश जी के लिए किए जाते हैं।
इसी के साथ यहाँ एक विशाल पर्वत स्थित है जिसका नाम है ब्रोमो पर्वत जिसे स्थानीय भाषा में माउंट ब्रोमो कहा जाता है। यह पर्वत ज्वालामुखी के विस्फोट से बना है व यहाँ पर 141 ज्वालामुखी हैं जिनमे से 130 ज्वालामुखी अभी भी सक्रिय स्थिति में हैं। इसी पर्वत के शीर्ष पर भगवान गणेश जी की ज्वालामुखी के अवशेषों से बनी मूर्ति विद्यमान है जो यहाँ के आसपास के लोगों के लिए अत्यधिक पूजनीय है।
ब्रोमो पर्वत पर कैसे विद्यमान हुई भगवान गणेश की मूर्ति?
ब्रोमो पर्वत पर भगवान गणेश की मूर्ति करीब 2,329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो इसी ज्वाला के लावा से बनी है। इसकी स्थापना आज से लगभग 700 वर्षों पूर्व की गई थी। इस पर्वत के आसपास करीब 48 गाँवो में हिंदू बहुसंख्यक हैं जो 3 लाख की संख्या में हैं। इन लोगों को यहाँ की स्थानीय भाषा में टेंगरेस कहा जाता है।
इन सभी के लिए भगवान गणेश अत्यंत पूजनीय हैं। आज से 700 वर्षों पहले जब इस जगह पर ज्वालामुखी का प्रकोप बहुत बढ़ गया था तब इन्हीं लोगों ने इस पहाड़ की चोटी पर भगवान गणेश की लावा से मूर्ति बनाकर स्थापित की थी। तब से आज तक वे सभी लोग वहां पर सुरक्षित हैं व आराम से रहते हैं। यहाँ के लोगों का कहना है कि भगवान गणेश उनकी इन भीषण ज्वालामुखियों से रक्षा करते हैं।
ब्रोमो पर्वत का नाम भगवान ब्रह्मा के नाम पर पड़ा
दरअसल वहां की जैवनीज भाषा में भगवान ब्रह्मा को ब्रोमो के नाम से जाना जाता है तभी इस पर्वत का नाम ब्रोमो पर्वत पड़ा। जब आप इस पहाड़ी की चढ़ाई करेंगे तो आपको शुरुआत में सदियों पुराना विशाल ब्रह्मा जी का मंदिर भी देखने को मिलेगा। यह मंदिर करीब 9वीं शताब्दी का है जो अपनी भव्यता के लिए लोगों के बीच प्रसिद्ध है। यह मंदिर संपूर्ण रूप से काले पत्थरों की सहायता से बनाया गया है।
कब की जाती है भगवान गणेश की पूजा?
वैसे तो वर्षभर यहाँ भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उसके लिए कई आयोजन व उत्सव भी आयोजित किए जाते हैं। यहाँ पर मुख्य पूजा 15 दिनों तक चलती है व यह परंपरा वर्षों से चलती आ रही है। धधकते ज्वालामुखी के बीच भी यह परंपरा कभी नहीं टूटी। हर वर्ष 15 दिनों के लिए यहाँ विशाल आयोजन किया जाता है व हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा करने के लिए यहाँ पहुँचते हैं।
2016 में फटा था आखिरी ज्वालामुखी
वर्ष 2016 में यहाँ आखिरी ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था तब यहाँ भीषण गर्मी हो गई थी। उस समय इंडोनेशिया की सरकार ने 15 पुजारियों को यहाँ भगवान गणेश की पूजा करने की अनुमति दी थी। तब भी हजारों की संख्या में लोग यहाँ पहुँच गए थे व वर्षों से चली आ रही परंपरा को निभाया था।
आखिर क्यों है लोगों के बीच में इसकी इतनी मान्यता?
लोगों का कहना है कि जब यहाँ गणेश जी की मूर्ति नहीं थी तब उन्हें ज्वालामुखी का बहुत प्रकोप सहना पड़ता था। परंतु जब से उनके पूर्वजों ने यहाँ गणेश जी की मूर्ति स्थापित की है तब से उन्हें यहाँ किसी भी प्रकार की कोई समस्या नही हुई है। उनकी मान्यता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश उनकी इन ज्वालामुखियों से रक्षा करते हैं।
कैसे पहुंचे ब्रोमो पर्वत?
यदि आप यहाँ घूमने जाने का मन बना रहे हैं तो हम आपको बताएँगे कि यहाँ तक कैसे पहुंचा जाए। इसके लिए कोई सीधी सेवा नही है लेकिन आप विभिन्न माध्यमों के सहारे यहाँ पहुँच सकते हैं। सबसे पहले आपको किसी भी अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे से सुराबाया के जुआंडा अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Surabaya, Juanda International Airport) पर पहुंचना होगा।
इसके बाद आपको यहाँ से एक बस मिलेगी जिसका रास्ता Surabaya-Pasuruan-Wonokitri-Mt Bromo route हो या फिर आपको यहाँ से प्राइवेट टैक्सी की सुविधा भी मिल जाएगी। यहाँ से ब्रोमो पर्वत 2 से 3 घंटे की दूरी पर है लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप शाम या रात के समय की बजाए सुबह के समय यहाँ पहुंचें।
ब्रोमो पर्वत पर कहाँ रुकें?
यदि आप वहां 1 या 2 दिन के लिए रुकने का विचार कर रहे हैं तो आपको वहां आसानी से होटल की सुविधा मिल जाएगी। इसी के साथ वहां होमस्टे की सुविधा भी उपलब्ध है जहाँ आप रुक सकते हैं।
ब्रोमो पर्वत जाने से पहले किन-किन बातों का रखें विशेष ध्यान
- चूँकि हम आपको बता चुके हैं कि यह ज्वालामुखियों के बीच में स्थित एक विशाल पर्वत है तो संभवतः यहाँ गर्मी भी बहुत होगी। इसी के साथ यहाँ की हवा में हानिकारक कण व धुल-मिट्टी बहुतायत में है जो आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आप एक अच्छी गुणवत्ता का मास्क अपने साथ रखें।
- इसी के साथ आप गर्मी से बचने का सामान भी अपने साथ रखें व पानी भरपूर मात्रा में पिएं।
- यहाँ पर आपको एटीएम की सुविधा भी आसानी से नही मिलेगी, इसलिए अपने साथ कैश ले जाना बिल्कुल ना भूलें।
- शाम या रात को यहाँ पहुँचने की बजाए सुबह जल्दी पहुँच जाएंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
- यहाँ से आने और जाने के लिए वाहनों की सुविधाएँ बहुत कम है। इसलिए आप पहले से ही पूरा प्रबंध करके चलें।
ऐसे में आपको इन सभी बातों का ध्यान रखने की जरुरत होगी ताकि आपकी इंडोनेशिया में ब्रोमो पर्वत पर स्थित गणेश मंदिर की यह यात्रा (Mount Bromo Ganesha Idol In Hindi) सुखद और आनंदमय बन सके।
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