प्रम्बानन मंदिर की कहानी (Prambanan Temple Story In Hindi)

Roro Jonggrang Story In Hindi

आज हम आपके साथ रोरो जोंग्गरंग की कहानी (Roro Jonggrang Story In Hindi) सांझा करने वाले हैं। इंडोनेशिया देश के योग्यकर्ता शहर के पास जावा शहर में भगवान शिव को समर्पित एक विशाल मंदिर है जिसका नाम है प्रम्बनन शिव मंदिर। यह 240 मंदिरों का एक विशाल समूह है जिसमें सबसे बड़ा और मुख्य मंदिर भगवान शिव का है।

भगवान शिव के इसी मंदिर में एक जगह माँ दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की मूर्ति रखी हुई है। वहां के स्थानीय लोग इस मूर्ति को राजकुमारी जोंग्गरंग की मूर्ति और मंदिर को रोरो जोंग्गरंग के नाम से जानते हैं। दरअसल इसके पीछे प्राचीन समय की राजकुमारी रोरो जोंग्गरंग व राजकुमार बांडुंग बोंदोवोसो की कहानी (Roro Jonggrang Ki Kahani) जुड़ी हुई है।

यह कहानी रक्तरंजित इतिहास, युद्ध, प्रेम, दैवीय शक्तियों, विश्वासघात, श्राप सभी का मिश्रण है। आज हम आपके साथ प्रम्बानन मंदिर की कहानी (Prambanan Temple Story In Hindi) व रोरो जोंग्गरंग का माँ दुर्गा से संबंध के बारे में बताएँगे।

रोरो जोंग्गरंग की कहानी (Roro Jonggrang Story In Hindi)

रोरो जोंग्गरंग की कहानी बोंदोवोसो से जुड़ी हुई है। दरअसल एक समय पहले तक राजा मोयो के पुत्र बोंदोवोसो को दूसरे राजा की पुत्री रोरो जोंग्गरंग से प्रेम हो गया था। किन्तु रोरो को वह पसंद नहीं था क्योंकि उसी ने ही उसके पिता की हत्या की थी। ऐसे में रोरो जोंग्गरंग ने उससे विवाह करने के लिए दो शर्तें रखी थी।

बोंदोवोसो के अंदर चमत्कारिक शक्तियां थी लेकिन रोरो जोंग्गरंग के विश्वासघात के कारण वह यह शर्तें पूरी नहीं कर पाया था। इसके फलस्वरूप बोंदोवोसो ने क्रोधवश रोरो जोंग्गरंग को श्राप दे दिया था। इस श्राप के कारण रोरो एक मूर्ति में बदल गयी थी जो प्रम्बानन मंदिर में रखी हुई है। ऐसे में आइये प्रम्बनन मंदिर की कहानी (Prambanan Mandir Ki Kahani) जान लेते हैं।

राजा मोयो व राजा बोको का युद्ध

प्राचीन समय में जावा के इस शहर में दो राज्य थे जिन पर दो अलग-अलग राजा राज करते थे। एक राज्य था पेंग्गिंग जिसके राजा थे प्रबु दमार मोयो (Raja Prabu Damar Moyo) व दूसरा राज्य था बोको जिसके राजा थे प्रबु बोको (Raja Prabu Boko)। राजा मोयो धर्म का पालन करने वाले राजा थे जबकि राजा बोको दैत्य प्रवृत्ति का था। एक ओर राजा मोयो उदारवादी व प्रजा की सहायता करने वाले थे तो वहीं दूसरी ओर राजा बोको आदमखोर थे जो मनुष्यों को कच्चा खा जाते थे।

राजा मोयो का एक पुत्र था जिसका नाम था बांडुंग बोंदोवोसो। राजकुमार बोंदोवोसो के अंदर दैवीय शक्तियां थी जिस कारण वह कई चमत्कार कर सकता था। दूसरी ओर, राजा बोको की एक पुत्री थी जिसका नाम था जोंग्गरंग। राजकुमारी जोंग्गरंग अत्यधिक सुंदर व रूपवती थी।

राजा मोयो का राज्य समृद्ध था जिस कारण राजा बोको उससे ईर्ष्या करता था। बोको का एक सहायक/ मंत्री था जिसका नाम था पतिह गुपोलो। गुपोलो भी बोको की तरह एक आदमखोर प्रवृत्ति का मनुष्य था। बोको ने गुपोलो की सहायता से एक शक्तिशाली सेना का निर्माण किया और पेंग्गिंग राज्य पर आक्रमण कर दिया।

राजा मोयो ने अपने राज्य के लोगों की रक्षा के लिए सेना को युद्ध में उतारा। दोनों ओर से भीषण युद्ध शुरू हो गया और इसमें राजा मोयो की सेना को बहुत नुकसान हुआ। राजा बोको और उसकी सेना बर्बरता की सारी सीमाएं लांघ रही थी जिस कारण मोयो की सेना का आत्म-विश्वास टूटने लगा था।

बोंदोवोसो ने किया राजा बोको का वध

अपनी सेना में मचे चीत्कार को देखकर राजा मोयो ने दैवीय शक्तियों से युक्त अपने पुत्र बोंदोवोसो को युद्धभूमि में भेजा। बोंदोवोसो ने युद्धभूमि में उतरते ही त्राहिमाम मचा दिया। इसके बाद राजा बोको और राजकुमार बोंदोवोसो के बीच भीषण युद्ध शुरू हो गया।

अन्तंतः राजकुमार बोंदोवोसो ने अपनी दैवीय शक्तियों से राजा बोको का वध कर दिया। जब गुपोलो को यह पता चला कि राजा बोको मारे जा चुके हैं तो वह अपनी सेना सहित भाग खड़ा हुआ। वह भागकर अपने राज्य बोको चला गया और राजमहल जाकर राजकुमारी जोंग्गरंग को सारी सूचना (Prambanan Temple Story In Hindi) दी। राजकुमारी जोंग्गरंग अपने पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर बहुत दुखी हुई और मन ही मन बोंदोवोसो से घृणा करने लगी।

बोंदोवोसो हो गया जोंग्गरंग पर सम्मोहित

गुपोलो और उसकी सेना का पीछा करते हुए राजकुमार बोंदोवोसो बोको राज्य के राजमहल तक पहुँच गया। उसकी सेना ने बोको को चारों ओर से घेर लिया। वह राजमहल पर अपना अधिकार करने के लिए राजमहल के अंदर गया लेकिन वहां राजकुमारी रोरो जोंग्गरंग को देखकर उस पर सम्मोहित हो गया।

राजकुमारी की सुंदरता ने बोंदोवोसो पर ऐसा प्रभाव डाला कि उसने उसी समय जोंग्गरंग के सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिया। राजकुमारी अपने पिता की मृत्यु से इतनी ज्यादा क्रुद्ध थी कि उसने राजकुमार का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।

रोरो जोंग्गरंग की बोंदोवोसो के सामने दो शर्तें

जब राजकुमार ने जोंग्गरंग से विवाह का प्रस्ताव वापस नही लिया और उससे विवाह को अड़ा रहा तो राजकुमारी ने उसके सामने दो शर्तें रखी। पहली शर्त के अनुसार राजकुमार को जलातुंड के नाम से एक कुएं का निर्माण करवाना था और दूसरी शर्त के अनुसार उसे एक ही रात में एक हज़ार मंदिरों/ मूर्तियों का निर्माण करना (Roro Jonggrang Story In Hindi) था। राजकुमार ने दोनों शर्तें मान ली।

बोंदोवोसो द्वारा जलातुंडा कुएं का निर्माण व जोंग्गरंग का विश्वासघात

इसके बाद बोंदोवोसो ने अपनी दिव्य शक्तियों से एक विशाल कुएं का निर्माण कर दिया। जब जोंग्गरंग ने यह देखा तो उसने बोंदोवोसो को उस कुएं में जाने को कहा। बोंदोवोसो राजकुमारी के कहने पर उस कुएं में चला गया।

ऊपर से राजकुमारी ने गुपोलो की सहायता से उस कुएं में भारी पत्थर डलवा दिए ताकि बोंदोवोसो उस कुएं में दबकर मर जाए लेकिन बोंदोवोसो अपनी चमत्कारिक शक्तियों की सहायता से बच निकला और कुएं से बाहर आ गया। राजकुमारी के प्रेम में उसने इस छल को भुला दिया और दूसरी शर्त को पूरी करने चल पड़ा।

बोंदोवोसो ने दिया जोंग्गरंग को श्राप

फिर वह रात आ गयी जब राजकुमार को 1000 मूर्तियों का निर्माण करना था। उस रात बोंदोवोसो ने अपनी दैवीय शक्तियों से आत्माओं का आह्वान किया जो भूमि में से प्रकट हुई। उन सभी आत्माओं की सहायता से बोंदोवोसो ने एक रात में ही 999 मूर्तियों का सफलतापूर्वक निर्माण कर (Roro Jonggrang Ki Kahani) दिया।

जब वे अंतिम 1000वीं मूर्ति पर काम कर रहे थे तब इसकी भनक राजकुमारी को लग गयी। शर्त पूरी होने पर राजकुमार से विवाह करने की बात ने जोंग्गरंग को भयभीत कर दिया। तब उसने अपनी सेविकाओं की सहायता से पूर्वी दिशा के चावल के खेतों में आग लगा दी।

इस आग से रात में भी दिन जैसा उजाला हो गया। यह देखकर उन आत्माओं को लगा कि सुबह हो गयी है और वे आखिरी मूर्ति का निर्माण बीच में ही छोड़कर वापस भूमि में समा गयी। जब बोंदोवोसो को इस छल का पता चला तो वह अत्यधिक क्रोधित हो गया।

उसने उसी समय राजकुमारी रोरो जोंग्गरंग को श्राप (Roro Jonggrang 1000 Candi Story In Hindi) दिया कि वह एक पत्थर की मूर्ति में बदल जाएगी। इसके बाद रोरो जोंग्गरंग एक पत्थर की मूर्ति में बदल गयी जो कि बोंदोवोसो की 1000वीं मूर्ति कहलाई। रोरो जोंग्गरंग की यही मूर्ति प्रम्बनन शिव मंदिर में स्थापित है।

सेवू बुद्ध मंदिर व प्रम्बनन शिव मंदिर का रोरो जोंग्गरंग से संबंध

मान्यता है कि राजकुमार ने जिन 999 मूर्तियों का निर्माण करवाया था वह सेवू बुद्ध मंदिर में हैं। इसके साथ ही प्रम्बनन शिव मंदिर के मुख्य शिव मंदिर में भगवान शिव के उत्तरी दिशा के कक्ष में माँ दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी की जो मूर्ति स्थापित है, वह असलियत में रोरो जोंग्गरंग का मूर्त रूप है।

इसलिए वहां के स्थानीय लोग प्रम्बनन शिव मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से जानते हैं और माँ दुर्गा की महिषासुर मर्दिनी वाली मूर्ति को राजकुमारी रोरो जोंग्गरंग की मूर्ति मानकर उसकी पूजा करते हैं।

जोंग्गरंग के नाम के आगे रोरो कैसे जुड़ा?

रोरो का अर्थ होता है एक अविवाहित राजकुमारी जो कि अपने लोगों के लिए बहुत अच्छी हो। यह जावानीज भाषा का शब्द है। इसलिए राजकुमारी के अच्छे स्वभाव को देखकर उनके नाम के आगे रोरो जोड़ दिया गया। इसके बाद राजकुमारी जोंग्गरंग का नाम रोरो जोंग्गरंग (Roro Jonggrang Story In Hindi) पड़ गया।

रोरो जोंग्गरंग की कहानी से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: प्रम्बानन मंदिर क्यों बनाया गया था?

उत्तर: प्रम्बानन मंदिर को भगवान शिव की भक्ति स्वरुप में बनाया गया था साथ ही यहाँ स्थापित माँ दुर्गा की मूर्ति का इंडोनेशिया में प्रसिद्ध कथा रोरो जोंग्गरंग से भी संबंध है

प्रश्न: प्रम्बानन में कितने मंदिर हैं?

उत्तर: प्रम्बानन में छोटे व बड़े मंदिरों को मिलाकर कुल 240 मंदिर हैं इन्हें चरणबद्ध तरीके से बनाया गया है

प्रश्न: इंडोनेशिया में मंदिर किसने बनवाए थे?

उत्तर: एक समय पहले तक इंडोनेशिया हिन्दू देश था और वहां के राजा भी हिन्दू ही हुआ करते थे ऐसे में वहां के राजाओं और लोगों के द्वारा ही मंदिरों का निर्माण करवाया गया था

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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