राधा रानी की आरती (आरती वृषभानु दुलारी की) – महत्व व लाभ सहित

Radha Rani Ki Aarti

आज हम आपके साथ श्री राधा रानी की आरती (Radha Rani Ki Aarti) करेंगे। राधा के बिना कृष्ण का कोई मोल नही और कृष्ण के बिना राधा का भी कोई औचित्य नही। राधा रानी की आरती में आज हम आरती वृषभानु दुलारी की करने जा रहे हैं। माता राधा की दो आरतियां है और दोनों ही बहुत प्रसिद्ध है

आज के इस लेख में आपको राधा रानी आरती (Radha Rani Aarti) का महत्व और उसे पढ़ने से मिलने वाले लाभ भी जानने को मिलेंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं राधा रानी की आरती हिंदी में।

Radha Rani Ki Aarti | श्री राधा रानी की आरती

आरती श्री वृषभानु लली की।
सत चित आनंद कंद कली की॥

भयभंजिनी भवसागर-तारिणी,
पाप ताप कलि कल्मष हारिणि,
दिव्य धाम गोलोक विहारिणी,
जनपालिनी जगजननी भली की॥

अखिल विश्व आनंद विधायिनी,
मंगलमयी सुमंगलदायिनी,
नंदनंदन पदप्रेम प्रदायिनी,
अमिय राग रस रंग रली की॥

नित्यानंदमयी आहादिनी,
आनंदघन आनंद प्रसाधिनी,
रसमयी रसमय मन उन्मादिनी,
सरस कमलिनी कृष्ण अली की॥

नित्य निकुंजेश्वरी राजेश्वरी,
परम प्रेमरुपा परमेश्वरी,
गोपीगणाश्रयी गोपिजनेश्वरी,
विमल विचित्र भाव अवली की॥

आरती वृषभानु दुलारी की।
सत चित आनंद कंद कली की॥
आरती श्री वृषभानु लली की।

इस तरह से आज आपने राधा रानी आरती (Radha Rani Aarti) को हिंदी में पढ़ लिया है। अब हम आपको बताएँगे कि माता राधा रानी की आरती पढ़ने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं और उसका क्या महत्व है।

राधा रानी आरती का महत्व

माता राधा को कई नाम से जाना जाता है। जैसे कि राधिका, वृषभानुसुता, बरसाने की छोरी, किशोरी, श्यामा, माधवी, राधारानी, श्रीजी इत्यादि। उनके इन नामो में ही उनका महत्व छुपा हुआ है। राधा रानी आरती के माध्यम से हम माता राधा के गुणों और महिमा के बारे में जान पाते हैं। राधा जी श्रीकृष्ण की प्रेमिका ही नहीं अपितु स्वयं नारायण अवतार थी।

इसका उल्लेख स्वयं श्रीकृष्ण ने राधिका से किया है। उन्होंने राधा से कहा था कि जब हम दोनों एक ही है तो फिर किस बात का बिछड़ना। द्वापर युग में माता राधा नारायण अवतार ही थी जबकि माता लक्ष्मी रुक्मिणी के रूप में इस धरती पर आई थी। इस तरह से राधा रानी की आरती करने से हमें श्रीकृष्ण का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यही श्री राधा रानी की आरती का महत्व है।

राधा रानी की आरती के लाभ

राधा रानी आरती करने से हमें कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। सबसे पहला लाभ तो यहीं है कि इस एक आरती के माध्यम से हम ना केवल माता राधा बल्कि भगवान श्रीकृष्ण को भी प्रसन्न करते हैं। श्रीकृष्ण को जो शब्द सबसे अधिक प्रिय है, वह राधे राधे ही है। ऐसे में उन्हीं माता राधा की आरती करने से श्रीकृष्ण तो प्रसन्न होंगे ही।

श्री राधा रानी की आरती करने से आपका अपने जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होता है। यदि आपके प्रेम प्रसंग या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या चल रही है तो वह दूर होती है। विवाह के लिए उचित जीवनसाथी को खोज रहे हैं तो वह भी पूरी हो जाती है। साथ ही राधा जी की कृपा से आपके सभी संकट भी दूर होने लगते हैं। यहीं राधा रानी की आरती के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में आपने श्री राधा रानी की आरती (Radha Rani Ki Aarti) को हिंदी में पढ़ लिया है। साथ ही आपने राधा रानी आरती करने से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। अब यदि आप इस लेख पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं या अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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