आज हम सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti) का पाठ करेंगे। सूर्य देव इस पृथ्वी के सबसे बड़े देवता हैं और उन्हीं के कारण ही हम सभी का अस्तित्व है। बिना सूर्य भगवान के जीवन संभव नही और यही कारण है कि मानव रूप में जन्मे श्रीहरि के अवतार भी सूर्य देव के उपासक रहे हैं।
ऐसे में सूर्य देव की आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से सूर्य देव आरती (Surya Dev Aarti) का महत्व और उसके पाठ से मिलने वाले लाभ भी आपको बताएँगे। आइए सबसे पहले करते हैं सूर्य देव जी की आरती।
Surya Dev Ki Aarti | सूर्य देव की आरती
ऊँ जय कश्यप नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…॥
सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दुःखहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…॥
सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…॥
सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…॥
कमल-समूह-विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत, अति मनसिज-संतापा॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…॥
नेत्र-व्याधि-हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि-विमोचन संतत, परहित-व्रतधारी॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन…।।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
इस तरह से आज आपने सूर्य देव आरती (Surya Dev Aarti) को हिंदी में अर्थ सहित पढ़ लिया है। अब हम सूर्य देव की आरती पढ़ने के लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लेते हैं।
सूर्य देव की आरती का महत्व
यदि हम सूर्य आरती के अर्थ को समझकर उसके भावार्थ को समझेंगे तो पाएंगे कि पृथ्वी के लिए सबसे बड़े देवता सूर्य देव ही हैं। हालाँकि इंद्र देव को सबसे महान बताया गया है लेकिन वे स्वर्ग लोक में सभी देवताओं के राजा हैं किंतु यदि पृथ्वी की बात की जाए तो पृथ्वी के लिए सबसे महान देवता सूर्य देव को माना गया है।
यही कारण है कि जब भगवान विष्णु ने मानव रूप में श्रीराम व श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया तो वे भी सूर्य देव के उपासक रहे किंतु विष्णु भगवान ने कभी सूर्य देव की आराधना नही की। ऐसा इसलिए क्योंकि ईश्वर सर्वोच्च है व उनके सामने सभी देव तुच्छ हैं। यहाँ तक कि आप कभी भी इंद्र देव को भी सूर्य की उपासना करते हुए नही देखेंगे किंतु वही ईश्वर या देवता मानव रूप में जन्म लेते हैं तो उनके लिए सूर्य देव आराध्य बन जाते हैं।
बस सूर्य भगवान की इसी महत्ता का बखान सूर्य आरती के माध्यम से हमें बताया गया है। सूर्य देव के कारण ही इस पृथ्वी का अस्तित्व है और पृथ्वी के अस्तित्व के कारण ही हम सभी का अस्तित्व है। जिस दिन सूर्य का अंत समय आएगा उस दिन पृथ्वी भी नही बचेगी। इन्हीं कुछ कारणों से सूर्य आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।
सूर्य देव आरती के लाभ
यदि आप सच्चे मन के साथ सूर्य देव की आरती का पाठ करते हैं तो इससे कई लाभ देखने को मिलते हैं। सूर्य देव के कारण ही हमें अन्न व जल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आपके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। सूर्य देव की कृपा से आपके शरीर के सभी विकार भी दूर हो जाते हैं।
सूर्य देव आरती के निरंतर पाठ से आपकी आध्यात्मिक व मानसिक चेतना में वृद्धि देखने को मिलती है। यदि आपको कोई असाध्य रोग है तो वह भी सूर्य देव के प्रभाव से दूर हो जाता है। वही कुंडली में किसी भी प्रकार के दोष को दूर करने के लिए भी सूर्य देव की आरती का पाठ किया जाता है। यहीं सब सूर्य देव आरती के लाभ होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने सूर्य देव की आरती (Surya Dev Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने सूर्य देव आरती के लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। आशा है कि आपको धर्मयात्रा के द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं या इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपको प्रत्युत्तर देंगे।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख: