जाहरवीर बाबा की आरती – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Goga Ji Ki Aarti

आज हम आपके साथ गोगा जी की आरती (Goga Ji Ki Aarti) का पाठ करेंगे। भारत देश में समय-समय पर कई तरह के महापुरुषों, संतों व गुरुओं ने जन्म लिया है। उन्होंने मानव जाति को तरह-तरह के उपदेश दिए हैं और मानवता की रक्षा की है। इसी में एक प्रसिद्ध नाम है गोगा जी का जिनकी महिमा अपरंपार है।

गोगा जी को जाहरवीर के नाम से भी जाना जाता है। इस कारण उनकी आरती को जाहरवीर बाबा की आरती (Jaharveer Baba Ki Aarti) भी कह देते हैं। ऐसे में आज के इस लेख में हम गोगा आरती का पाठ करेंगे और साथ ही उसका अर्थ भी समझाएंगे। आखिर में हम गोगा जी की आरती के फायदे और महत्व भी आपको बताएँगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं गोगा जी की आरती हिंदी में।

Goga Ji Ki Aarti | गोगा जी की आरती

जय जय जाहरवीर हरे जय जय गूगा वीर हरे
धरती पर आ करके भक्तों के दुःख दूर करे॥ जय-जय॥

जो कोई भक्ति करे प्रेम से हां जी करे प्रेम से
भागे दुःख परे विघन हरे, मंगल के दाता तन का कष्ट हरे॥ जय-जय॥

जेवर राव के पुत्र कहाये रानी बाछल माता
बागड़ जन्म लिया वीर ने जय-जयकार करे॥ जय-जय॥

धर्म की बेल बढ़ाई निश दिन तपस्या रोज करे
दुष्ट जनों को दण्ड दिया जग में रहे आप खरे॥ जय-जय॥

सत्य अहिंसा का व्रत धारा झूठ से आप डरे
वचन भंग को बुरा समझकर घर से आप निकरे॥ जय-जय॥

माड़ी में तुम करी तपस्या अचरज सभी करे
चारों दिशा में भक्त आ रहे आशा लिए उतरे॥ जय-जय॥

भवन पधारो अटल क्षत्र कह भक्तों की सेवा करे
प्रेम से सेवा करे जो कोई धन के भण्डार भरे॥ जय-जय॥

तन मन धन अर्पण करके भक्ति प्राप्त करे
भादों कृष्ण नौमी के दिन पूजन भक्ति करे॥ जय-जय॥

Jaharveer Baba Ki Aarti | जाहरवीर बाबा की आरती – अर्थ सहित

जय जय जाहरवीर हरे जय जय गूगा वीर हरे
धरती पर आ करके भक्तों के दुःख दूर करे॥

हे वीर जाहरवीर! हे गोगा जी महाराज! आपकी जय हो, आपकी जय हो। आपने इस धरती पर आकर अपने भक्तों के सभी दुःख दूर कर दिए।

जो कोई भक्ति करे प्रेम से हां जी करे प्रेम से
भागे दुःख परे विघन हरे, मंगल के दाता तन का कष्ट हरे॥

जो कोई भी व्यक्ति आपकी सच्चे मन से भक्ति करता है और आपसे प्रेम करता है, आप उसके सभी दुःख दूर कर देते हैं और उसके शरीर के सभी कष्ट दूर कर उसका मंगल करते हैं

जेवर राव के पुत्र कहाये रानी बाछल माता
बागड़ जन्म लिया वीर ने जय-जयकार करे॥

आपके पिता का नाम जेवरराव है और माता बाछल देवी जी हैं। बागड़ भूमि में आपने जन्म लिया और सभी ने आपकी जय-जयकार की।

धर्म की बेल बढ़ाई निश दिन तपस्या रोज करे
दुष्ट जनों को दण्ड दिया जग में रहे आप खरे॥

आपने हर दिन के प्रयास के फलस्वरूप धर्म को आगे बढ़ाने का कार्य किया और दुष्ट लोगों को उनके कुकर्मों का दंड दिया

सत्य अहिंसा का व्रत धारा झूठ से आप डरे
वचन भंग को बुरा समझकर घर से आप निकरे॥

आपने सत्य व अहिंसा का मार्ग चुना और असत्य से आप डरते थे। इसी कारण आप अपने द्वारा वचन तोड़े जाने के कारण घर से निकल गए थे।

माड़ी में तुम करी तपस्या अचरज सभी करे
चारों दिशा में भक्त आ रहे आशा लिए उतरे॥

आपने बागड़ भूमि की माड़ी में गहन तपस्या की और इसे देख कर सभी अचंभित रह गए थे। आपकी भक्ति करने चारों दिशाओं से भक्त आपके पास आते हैं।

भवन पधारो अटल क्षत्र कह भक्तों की सेवा करे
प्रेम से सेवा करे जो कोई धन के भण्डार भरे॥

आप अपने भक्तों की हर तरह से सेवा करते हैं और जो कोई भी भक्तगण आपकी सच्चे मन से सेवा करता है, आप उसके घर को सुख-सम्पति से भर देते हैं

तन मन धन अर्पण करके भक्ति प्राप्त करे
भादों कृष्ण नौमी के दिन पूजन भक्ति करे॥

कोई भी व्यक्ति भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के दिन तन-मन-धन से आपकी भक्ति करता है तो उसे अवश्य ही आपका आशीर्वाद प्राप्त होता है

जाहरवीर बाबा की आरती का महत्व

अभी तक आपने जाहरवीर आरती का पाठ कर लिया है व साथ ही उसका अर्थ भी जान लिया है किन्तु आपको इसी के साथ जाहरवीर जी की आरती का महत्व भी पता होना चाहिए। सनातन धर्म में समय-समय पर कई महापुरुषों और संतों ने जन्म लिया है जिन्होंने मानव जीवन को उत्तम बनाने की दृष्टि से कई तरह के कार्य किये हैं। अब उनके कामो को दिखाने और उनकी महिमा को बताने के लिए ही उनकी आरती लिखी जाती है।

आपने ऊपर गोगा जी की आरती पढ़ी और साथ ही उसका अर्थ भी जाना। तो इसके द्वारा आपको केवल इसी आरती के माध्यम से ही गुरु जाहरवीर जी के बारे में समूची जानकारी संक्षिप्त रूप में प्राप्त हो गयी। तो इस तरह से इस आरती के माध्यम से हमें गुरु जाहरवीर जी के बारे में बेहतर तरीके से जानने का अवसर प्राप्त होता है और उनकी महत्ता का ज्ञान होता है।

गोगा जी की आरती के फायदे

अब यदि आप प्रतिदिन गोगाजी आरती का पाठ करते हैं और उनकी सच्चे मन से भक्ति करते हैं तो अवश्य ही उनकी कृपा दृष्टि आप पर रहती है और उनका आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है। देशभर में करोड़ो श्रद्धालु प्रतिदिन जाहरवीर की चालीसा व आरती का पाठ करते हैं और उनका ध्यान लगाते हैं जिस कारण उनके मन को शांति का अनुभव होता है।

ऐसे में यदि आप भी उनका ध्यान व मनन करना चाहते हैं तो इसके लिए जाहरवीर जी की आरती का पाठ करने से उत्तम कुछ भी नहीं है। आज से ही आप प्रतिदिन सुबह उठ कर जाहरवीर की आरती का पाठ करने का नियम बना लें और इसका परिणाम आपको कुछ ही दिनों में देखने को मिल जायेगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने गोगा जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Goga Ji Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने जाहरवीर आरती के पाठ से मिलने वाले फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या इस विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपको प्रत्युत्तर देंगे।

जाहरवीर की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: गोगा जी की पूजा कब की जाती है?

उत्तर: गोगा जी की पूजा सावन महीने की पूर्णिमा में होती है और उसके बाद नौ दिनों तक यह पूजा की जाती है

प्रश्न: गोगा जी के गुरु का नाम क्या है?

उत्तर: गोगा जी के गुरु का नाम बाबा गोरखनाथ है जिनका मंदिर उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिले में स्थित है जिसके महंत श्री योगी आदित्यनाथ जी हैं।

प्रश्न: गोगा जी को पीर क्यों कहा जाता है?

उत्तर: मुस्लिम आक्रांता व दुष्ट महमूद गजनवी के साथ गोगाजी ने भीषण युद्ध किये थे और वे युद्ध भूमि में हर जगह पहुँच कर शत्रु सेना में मार काट मचा देते थे। इसी से भयभीत व प्रभावित होकर दुष्ट गजनवी ने उन्हें पीर कहा था अर्थात जो हर जगह प्रकट हो जाता हो।

प्रश्न: गोगा जी की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर: इसको लेकर कई तरह की धारणाएं हैं। एक के अनुसार उन्होंने अनंगपाल के द्वारा माड़ी में समाधि ले ली थी तो दूसरी मान्यता के अनुसार वे दुष्ट आक्रांता महमूद गजनवी के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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