विंधेश्वरी चालीसा PDF फाइल व इमेज सहित

Vindhyavasini Chalisa

आज हम विंधेश्वरी चालीसा (Vindhyeshwari Chalisa) का पाठ करेंगे। माँ आदिशक्ति के कई रूप हैं और हर रूप भक्तों के लिए पूजनीय है। माँ के भिन्न-भिन्न रूप अलग-अलग महत्व रखते हैं और उन्हीं गुणों को आत्मसात करने के लिए या उद्देश्य प्राप्ति के लिए उनकी पूजा की जाती है। इसी में माँ दुर्गा का एक रूप माँ विन्ध्येश्वरी बहुत ही महत्वपूर्ण है जिनका अस्तित्व इस सृष्टि से पहले भी था और बाद में भी रहेगा।

आज के इस लेख में आपको विंध्यवासिनी चालीसा (Vindhyavasini Chalisa) तो पढ़ने को मिलेगी ही, साथ ही हम विंधेश्वरी चालीसा PDF फाइल और इमेज भी आपके साथ साझा करेंगे। इसे आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में आगे पढ़ने के लिए सेव कर सकते हैं। तो आइए सबसे पहले करते हैं श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा का पाठ।

Vindhyeshwari Chalisa | विंधेश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥

नमो नमो विन्ध्येश्वरी,
नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में,
करती नहीं विलम्ब॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी॥

सिंह वाहिनी जै जगमाता।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी॥

महिमा अमित अपार तुम्हारी।
शेष सहस मुख वर्णत हारी॥

दीनन का दुःख हरत भवानी।
नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥

सब कर मनसा पुरवत माता।
महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावै।
सो तुरतहिं वांछित फल पावै॥

तू ही वैष्णवी तू ही रुद्रानी।
तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका श्यामा काली।
तू ही मातु सन्तन प्रतिपाली॥

उमा माधवी चण्डी ज्वाला।
बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तू ही हिंगलाज महारानी।
तू ही शीतला अरु विज्ञानी॥

दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता।
तू ही लक्ष्मी जग सुख दाता॥

तू ही जान्हवी अरु उत्रानी।
हेमावती अम्ब निर्वानी॥

अष्टभुजी वाराहिनी देवा।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्ठी देवी कल्यानी।
गौरी मंगला सब गुणखानी॥

पाटन मुम्बा दन्त कुमारी।
भद्रकालि सुनु विनय हमारी॥

बज्र धारिणी शोक नाशिनी।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी॥

जया और विजया बैताली।
मातु संकटी अरु विकराली॥

नाम अनन्त तुम्हार भवानी।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी॥

जापर कृपा मात तव होई।
जो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी।
सिद्ध करिए अब यह मम बानी॥

जो नर धरै मात तव ध्याना।
ताकर सदा होय कल्याना॥

विपति ताहि सपनेहु नहिं आवै।
जो देवी कर जाप करावै॥

जो नर कहँ ऋण होय अपारा।
सो नर पाठ करै शतबारा॥

निश्चय ऋण मोचन होई जाई।
जो नर पाठ करै मन लाई॥

अस्तुति जो नर पढ़े पढ़ावै।
या जग में सो अति सुख पावे॥

जाको व्याधि सतावै भाई।
जाप करत सब दूर पराई॥

जो नर अति बन्दी महँ होई।
बार हजार पाठ कर सोई॥

निश्चय बन्दी ते छुटि जाई।
सत्य वचन मम मानहु भाई॥

जापर जो कछु संकट होई।
निश्चय देविहिं सुमिरे सोई॥

जा कहं पुत्र होय नहिं भाई।
सो नर या विधि करे उपाई॥

पाँच वर्ष जो पाठ करावे।
नौरातन महँ विप्र जिमावे॥

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी॥

ध्वजा नारियल आनि चढ़ावे।
विधि समेत पूजन करवावे॥

नितप्रति पाठ करे मन लाई।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई॥

यह श्री विन्ध्याचल चालीसा।
रंक पढ़त होवे अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहुँ भाई।
कृपा दृष्टि जापर हुई जाई॥

जै जै जै जग मातु भवानी।
कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

इस तरह से आज आपने विंध्यवासिनी चालीसा (Vindhyavasini Chalisa) पढ़ ली है। अब हम विंधेश्वरी चालीसा PDF फाइल और इमेज भी आपके साथ शेयर कर देते हैं।

विंधेश्वरी चालीसा इमेज

यह रही विंधेश्वरी चालीसा की इमेज:

Vindhyeshwari Chalisa
Vindhyeshwari Chalisa

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Vindheshwari Chalisa PDF | विंधेश्वरी चालीसा PDF

अब हम विंधेश्वरी चालीसा की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: Vindheshwari Chalisa PDF

ऊपर आपको लाल रंग में Vindheshwari Chalisa PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने विंधेश्वरी चालीसा (Vindhyeshwari Chalisa) पढ़ ली है। यदि आपको विंधेश्वरी चालीसा PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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