जगन्नाथ जी की आरती – महत्व व लाभ सहित

Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

आज हम आपके साथ जगन्नाथ आरती (Jagannath Aarti) का पाठ करेंगे। जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा से कौन परिचित नहीं होगा। हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होती है जो दस दिन पश्चात जगन्नाथ मंदिर में वापसी के साथ संपन्न हो जाती है। हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक धाम जगन्नाथ पुरी है जो भगवान श्रीकृष्ण के जगन्नाथ रूप को समर्पित है।

यहीं कारण है कि आज हम जगन्नाथ जी की आरती (Jagannath Ji Ki Aarti) करने जा रहे हैं। लेख के अंत में जगन्नाथ जी की आरती करने से मिलने वाले लाभ व महत्व भी साझा किए जाएंगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं श्री जगन्नाथ भगवान की आरती।

Jagannath Aarti | जगन्नाथ आरती

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी।

अगर कपूर बाती भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,
अगर कपूर बाती भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी…

ऊपर आपने जगन्नाथ जी की आरती (Jagannath Ji Ki Aarti) पढ़ ली है। जो लोग प्रतिदिन जगन्नाथ भगवान का ध्यान कर उनकी आरती करते हैं, उन्हें अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं। ऐसे में अब हम जगन्नाथ आरती के फायदे और महत्व भी जान लेते हैं।

जगन्नाथ जी की आरती का महत्व

जगन्नाथ भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप हैं। मान्यता है कि श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद उनके हृदय से ही भगवान विश्वकर्मा जी ने जगन्नाथ सहित तीनों मूर्तियों का निर्माण किया था। ऐसे में जगन्नाथ भगवान का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। उनका यह रूप इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि जब यशोदा माता द्वारका नगरी के लोगों को श्रीकृष्ण के बचपन की अठखेलियाँ बता रही थी तब श्रीकृष्ण की लज्जा के मारे आँखें बहुत बड़ी हो गयी थी।

ऐसे में जगन्नाथ भगवान का महत्व बताने के उद्देश्य से ही जगन्नाथ जी की आरती की रचना की गयी है। इसी के साथ ही जगन्नाथ आरती के माध्यम से उनकी आराधना भी की गयी है। तो यही जगन्नाथ भगवान की आरती का महत्व होता है।

जगन्नाथ आरती के लाभ

यदि आप प्रतिदिन सच्चे मन के साथ भगवान जगन्नाथ की आरती का पाठ करते हैं तो इससे आपको अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ऐसे अवतार थे जो सभी कलाओं में निपुण थे। उनका यह अवतार कलयुग की दृष्टि से बहुत ही प्रासंगिक था। कलयुग में मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग श्रीकृष्ण के दिखाए गए मार्ग पर चलकर बहुत आसानी से पाया जा सकता है।

एक तरह से श्रीकृष्ण ही कलयुग में हमारा मार्गदर्शन करने में सक्षम हैं। भगवान जगन्नाथ उनके अनेक रूपों में से एक रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में जगन्नाथ जी की आरती के माध्यम से हमें कलयुग में अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने, मोहमाया से बचे रहने तथा मोक्ष प्राप्ति के मार्ग में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। यही जगन्नाथ आरती के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने जगन्नाथ आरती (Jagannath Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने जगन्नाथ जी की आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

जगन्नाथ आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: जगन्नाथ का मंत्र क्या है?

उत्तर: जगन्नाथ भगवान का मंत्र “नीलांचल निवासाय नित्याय परमात्मने। बलभद्रा सुभद्राभ्यम् जगन्नाथाय ते नमः॥” है जिसका जाप आप किसी भी समय कर सकते हैं।

प्रश्न: जगन्नाथ जी की पत्नी कौन है?

उत्तर: जगन्नाथ जी भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है। ऐसे में उनकी पत्नियाँ 16108 है जिनमें से 8 मुख्य पत्नियाँ है। इनमें सबसे प्रधान पत्नी का नाम माता रुक्मिणी जी है।

प्रश्न: जगन्नाथ को खुश कैसे करें?

उत्तर: यदि आप जगन्नाथ भगवान को खुश करना चाहते हैं तो उसके लिए सच्चे मन के साथ उनका ध्यान कर जगन्नाथ आरती व जगन्नाथ अष्टम का पाठ करना चाहिए।

प्रश्न: जगन्नाथ से प्रार्थना क्यों करें?

उत्तर: कलयुग में श्रीकृष्ण भगवान को जगन्नाथ के रूप में भी पूजा जाता है और साथ ही पुरी नगरी में स्थित उनका मंदिर चारों धामों में से एक है। इस कारण हमें जगन्नाथ भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *