गुरुदेव को समर्पित गुरुवार आरती हिंदी में – महत्व व लाभ सहित

गुरुवार आरती (Guruvar Ki Aarti)

आज हम गुरुवार की आरती (Guruvar Ki Aarti) का पाठ करेंगे। वेदों और शास्त्रों में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना गया है क्योंकि वे ही ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। एक सच्चा गुरु हमारे जीवन तक को बदल सकता है और ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग सुगम बना सकता है। इसी कारण सप्ताह का एक दिन गुरु को समर्पित किया गया है जिसे हम गुरुवार कहते हैं।

इस दिन हम सभी के द्वारा गुरुवार आरती (Guruvar Aarti) की जाती है। गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है क्योंकि देवताओं के गुरु बृहस्पति जी हैं। इस तरह से वे मनुष्यों के लिए भी सर्वोच्च गुरु हैं। इस कारण गुरुवार आरती को बृहस्पतिवार आरती के नाम से भी जाना जाता है।

इसी के साथ ही इस दिन को वीरवार भी कहा जाता है। इस कारण इस आरती को वीरवार की आरती के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख के अंत में हम आपके साथ गुरुवार की आरती करने का महत्व व लाभ भी साझा करेंगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं गुरुदेव को समर्पित गुरुवार की आरती हिंदी में।

Guruvar Ki Aarti | गुरुवार की आरती

जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
जेठानंद आनंदकर, सो निश्चय पावे॥

जय बृहस्पति देवा, ॐ जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा॥
ॐ जय बृहस्पति देवा॥

तो यह थी गुरुवार आरती (Guruvar Aarti)। जो लोग प्रतिदिन अपने गुरु का ध्यान कर उनकी आरती करते हैं, उन्हें अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं। ऐसे में अब हम गुरुवार की आरती करने के लाभ और महत्व भी जान लेते हैं।

गुरुवार की आरती का महत्व

हमारे जीवन में गुरु का कितना महत्व है, क्यों सनातन धर्म में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर माना गया है, सच्चे गुरु की क्या भूमिका होती है, वे किस तरह से हमारा मार्गदर्शन कर उद्धार कर सकते हैं और क्यों हमें उनकी उपासना करनी चाहिए, इन्हीं सब बातों के बारे में बताने के लिए ही गुरुवार की आरती लिखी गयी है। साथ ही गुरु की आराधना करने के लिए सप्ताह के एक दिन को उनके नाम किया गया है।

ऐसे में बृहस्पतिवार की आरती के माध्यम से हमें गुरु का अपने जीवन में क्या कुछ योगदान हो सकता है, उसके बारे में ज्ञान होता है। एक गुरु चाहे तो सामान्य व्यक्ति के अंदर भी दिव्य ज्ञान का प्रसार कर सकता है और उसे ईश्वर के समीप लेकर जा सकता है। ऐसे में गुरु की भूमिका का वर्णन करने के कारण ही वीरवार की आरती का महत्व बढ़ जाता है।

गुरुवार आरती के लाभ

यदि हम सभी सच्चे मन के साथ गुरुवार के दिन अपने गुरु का ध्यान कर गुरुवार की आरती का पाठ करते हैं तो हमारे अंदर ज्ञान का सृजन होता है। इससे ना केवल हमारा मानसिक विकास तेजी के साथ होता है बल्कि आध्यात्मिक विकास भी होता है। हमारे मन में जो भी उथल-पुथल चल रही थी या किसी तरह का तनाव था, तो वह भी स्वतः ही दूर हो जाता है।

बृहस्पतिवार आरती के माध्यम से गुरु बृहस्पति भी हमसे प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से हमारी कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह का दोष है या वह सही स्थिति में नहीं है तो वह भी ठीक हो जाता है। बृहस्पति जी की कृपा से हमारे घर में धन-संपदा की कमी नहीं होती है और करियर में भी उन्नति देखने को मिलती है। यही वीरवार की आरती का महत्व है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने गुरुवार की आरती (Guruvar Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने गुरुवार आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

गुरुवार आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: गुरुवार के दिन क्या क्या नहीं करना चाहिए?

उत्तर: गुरुवार के दिन कई कामों को करने की मनाही होती है, जैसे कि बाल धोना, दाढ़ी बनवाना, बाल या नाखून काटना इत्यादि। ऐसे में आपको इन कामों को करने से बचना चाहिए।

प्रश्न: गुरुवार के दिन कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

उत्तर: गुरुवार के दिन आप “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः। ॐ बृं बृहस्पतये नमः। विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्। विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।” मंत्र का जाप कर सकते हैं।

प्रश्न: गुरुवार को पानी में क्या डालकर नहाना चाहिए?

उत्तर: गुरुवार के दिन पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाया जा सकता है। मान्यता है कि ऐसा करने से हमारा बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है जो धन-संपत्ति का परिचायक है।

प्रश्न: क्या गुरुवार को कपड़े धोना ठीक है?

उत्तर: गुरुवार के दिन महिलाओं को बाल धोने की तो मनाही होती ही है लेकिन इसी के साथ-साथ उन्हें कपड़े धोने की भी मनाही होती है। मान्यता है कि गुरुवार के दिन कपड़े धोने से घर से सुख-संपदा चली जाती है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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