आज हम आपको बताएँगे कि बिना नदी-तालाब के घर पर छठ पूजा कैसे करे (Chhath Puja Kaise Karen)। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना की जाती है। इसमें सूर्य देव का जितना महत्व होता है उतना ही वरुण देवता का भी अर्थात जल का। सृष्टि के कल्याण के लिए इन दोनों तत्वों का विशेष रूप से महत्व होता हैं इसलिये इन दोनो के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए छठ पूजा का त्यौहार पूरे उत्तर भारत में विशेष रूप से आयोजित किया जाता है।
इस दिन व्रती गंगा नदी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते (Chhath Puja Kaise Hota Hai) हैं। यह छठ पूजा का एक विशेष अंग हैं। चार दिनों के इस पर्व में तीसरे दिन संध्या काल में व्रती पूजन की सभी सामग्री लेकर गंगा नदी के घाट पर जाते हैं तथा आधे शरीर को जल में डुबोकर सूर्य देव की आराधना करते है। इसमें तांबे के लौटे से सूर्य देव को जल अर्पित करना व उनकी पूजा करना सम्मिलित है।
Chhath Puja Kaise Karen | नदी-तालाब नहीं होने पर छठ पूजा कैसे करे?
जिनके शहर या गाँव में गंगा नदी नही होती हैं तो वे अन्य नदियों, नहर या तालाब में इस विधि को करते हैं लेकिन मुख्य समस्या उनके लिए होती हैं जिनके शहर या गाँव में कोई नदी या तालाब ही नही होता। होता भी हैं तो उनके घर से बहुत दूर जहाँ तक जाना उनके लिए संभव नही होता।
साथ ही बहुत से लोगो के मन में यह भी शंका होती (Chhath Puja Kaise Hoti Hai) हैं कि आज की आधुनिकता व भाग दौड़ से भरे जीवन में यदि उन्हें नदी इत्यादि में जाने का समय ना मिले या परिस्थिति वैसी ना बन पाए तो क्या कोई ऐसा उपाय हैं जिससे घर पर ही छठ पूजा को संपन्न किया जा सके।
जी हां, जिनके घरो के आसपास कोई नदी या तालाब नही हैं या जो वहां तक जा पाने में असमर्थ हैं वे अपने घर में ही पूरे विधि-विधान के साथ इसका आयोजन कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने घर के बाहर या आसपास मिट्टी में एक गड्डा खोदे। यह गड्डा इतना गहरा हो कि इसमें व्रती का आधा शरीर आसानी से आ जाए।
Chhath Puja Kaise Hota Hai | घर पर छठ पूजा कैसे होता है?
गड्डा खोदते समय इस बात का ध्यान रखे कि वहां से उगता हुआ व डूबता हुआ सूर्य आसानी से दिख जाए। गड्डे को खोदने के बाद इसके आसपास साफ-सफाई कर दे व इसे चारो ओर रंगोली, दीयो से सजा दे। अब इसमें स्वच्छ जल भर दे।
व्रती इस गड्डे में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपना व्रत कर सकते (Chhath Puja Kaise Manate Hain) है। इसमें भी आपको छठ पूजा की उसी विधि का पालन करना हैं जो नदी में खड़े होकर करना होता है। यदि घर के आसपास गड्डा खोदना संभव ना हो तो आप अपने घर की छत पर किसी बड़े पात्र में जल को इकठ्ठा करे।
यह पात्र इतना बड़ा हो कि इसमें व्रती का आधा शरीर डूबना चाहिए। ऐसे भी आप अपने व्रत का पालन कर सकते हैं। इस विधि में आपको इस बात का ध्यान रखना हैं कि आप सूर्य पूजा जल्दी करे क्योंकि सूर्योदय व सूर्यास्त होने में ज्यादा समय नही लगता है। जब आप नदी या नहर में होते हैं तो सभी व्रती एक साथ पूजा कर लेते है लेकिन इस गड्डे में एक बारी में एक व्यक्ति ही खड़ा हो पाएगा।
इसलिये यदि एक व्यक्ति ज्यादा देर लगाएगा तो बाकि पूजा करने से रह जाएंगे। इस तरह से आप अपने शहर या गाँव में नदी-तालाब ना होने पर भी घर पर ही छठ पूजा (Chhath Puja Kaise Karen) कर सकते हैं।
छठ पूजा से जुड़े प्रश्नोत्तर
प्रश्न: छठ पूजा पर कौन उपवास कर सकता है?
उत्तर: छठ पूजा पर घर का कोई भी एक सदस्य उपवास कर सकता है। मुख्य तौर पर विवाहित महिलाएं छठ पूजा का उपवास रखती है या फिर उनके पति।
प्रश्न: छठ पूजा के बाद क्या खाना चाहिए?
उत्तर: छठ पूजा के बाद आपको सात्विक आहार ही लेना चाहिए तथा मांस-मदिरा इत्यादि के सेवन से दूर रहना चाहिए। सात्विक भोजन में आप फल, नारियल पानी, सब्जी-रोटी इत्यादि खा सकते हैं।
प्रश्न: क्या हम छठ पूजा के दौरान पानी पी सकते हैं?
उत्तर: यह पूर्ण रूप से आप पर निर्भर करता है कि आपकी शारीरिक क्षमता कैसी है। यदि आप पानी पिए बिना नहीं रह सकते हैं तो आप पानी पीकर भी छठ का व्रत रख सकते हैं।
प्रश्न: छठ पूजा पर कौन सा खाना बनता है?
उत्तर: छठ पूजा पर घर में केवल सात्विक भोजन ही बनाया जाता है। इसमें भी ठेकुआ छठ का मुख्य व्यंजन है जिसे सभी बहुत ही चाव के साथ खाते हैं।
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