सिक्खों का माघी त्यौहार जिस दिन 40 सिक्ख मुगलों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे

Maghi Festival In Punjab In Hindi

हर वर्ष सिक्ख धर्म के लोग 13 जनवरी के दिन लोहड़ी का पवित्र त्यौहार मनाते हैं। इसके ठीक अगले दिन अर्थात 14 जनवरी को माघी का त्यौहार (Muktsar Horse Mela 2021 Dates) मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह में पड़ता है इसलिये इसे माघी पर्व (Maghi Da Mela) के नाम से जाना जाता हैं। इस पर्व की शुरुआत गुरु अमर दास जी ने की थी लेकिन बाद में यह चालीस सिक्खों के बलिदान से याद किया जाने लगा। आइए इस पर्व से जुड़ी घटना के बारे में जानते हैं।

सिक्खों में मनाया जाने वाला माघी पर्व (Maghi Festival In Punjab In Hindi)

गुरु अमरदास ने की शुरुआत (Maghi Festival In Hindi)

सिक्खों के तीसरे गुरु गुरु अमर दास जी ने इस पर्व की शुरुआत की थी। उन्होंने सिक्खों को दिवाली और बैसाखी मनाने के साथ-साथ इस दिन को भी मनाने को कहा था। इस दिन उन्होंने सभी सिक्खों को इकट्ठे होकर नदी-तालाब में स्नान करने और खुशियाँ मनाने का संदेश दिया था।

माघी के दिन चालीस सिक्खों का बलिदान (Essay On Maghi Mela In Hindi Language)

पंजाब के मुक्तसर शहर में श्री मुक्तसर साहिब गुरूद्वारे में ही सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह जी रहते थे। उन्हें मुगल आक्रांताओं के द्वारा समय-समय पर धमकियाँ मिलती रहती थी। वे इस किले में अपने चालीस शिष्यों के साथ रहते थे।

एक दिन मुगलों ने इस किले को घेर लिया और उन्हें यहाँ से चले जाने को कहा। तब गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपने सभी शिष्यों को कहा कि यदि वे यहाँ से चले जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं लेकिन उन्हें यह लिखकर देना होगा और साथ ही शिष्य का पद त्यागना होगा।

सभी शिष्य भय के मारे वहां से चले गए और गुरु अकेले रह गए थे। जब वे सभी अपने घरो को पहुंचे (Maghi Da Mela In Muktsar In Hindi Language) तो सभी ने गुरु को अकेला छोड़कर आने के लिए उन्हें बहुत दुत्कारा। शर्म के मारे सभी चालीस सिक्ख वापस उस किले में आए और गुरु से क्षमा याचना की।

इसके बाद मुगल सेना ने उस किले पर आक्रमण कर दिया। उन चालीस शिष्यों ने गुरु रक्षा के लिए मुगल सेना के साथ भयंकर युद्ध किया। यह युद्ध सन 1705 में लड़ा गया था। मुगल सेना वजीर खान के नेतृत्व में लड़ रही थी। श्री मुक्तसर साहिब के पास जो पानी का कुंड था वही सभी चालीस सिक्ख शिष्य शहीद हो गए थे।

गुरु गोविन्द सिंह ने रखा मुक्तसर शहर का नाम (Muktsar Hindi Meaning)

इसके बाद गुरु गोविन्द सिंह जी ने उन चालीस सिक्खों की याद में उस शहर का नाम ही मुक्तसर रखा। मुक्तसर दो शब्दों के मेल से बना है, “मुक्त” अर्थात चालीस सिक्खों की मुक्ति और “सर” अर्थात जिस सरोवर के पास वे सब शहीद हुए।

माघी के दिन क्या करते हैं (Maghi Mela In Hindi)

इस दिन सभी सिख पंजाब के मुक्तसर शहर में इकट्ठे होते हैं और श्री मुक्तसर साहिब के सरोवर में स्नान करते है। सभी मिलकर उन चालीस सिक्खों की शहीदी को याद करते हैं। इस दिन मुक्तसर शहर में माघी मेले का भी आयोजन किया जाता हैं। यह मेला केवल मुक्तसर शहर में ही नही अपितु पंजाब के विभिन्न शहरो में लगता हैं।

माघी के दिन बनने वाली खीर (Maghi Ki Kheer)

इस दिन मीठी या गुड़ वाली खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इसको माघी से एक दिन पहले की शाम को ही बना लिया जाता हैं और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है। अगले दिन सुबह तक यह खीर ठंडी हो जाती है और तब इसे स्नान करने के पश्चात प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता हैं।

पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में माघी का त्यौहार (Maghi Da Tyohar In Hindi)

वैसे तो यह मुख्यतया सिक्खों व पंजाब राज्य का त्यौहार है लेकिन इसके साथ ही इसे हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में भी आयोजित किया जाता है।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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