रक्षाबंधन कैसे बनाया जाता है? भाई के साथ इन 5 जनों को भी बांधे राखी

Raksha Bandhan Kaise Banate Hain

आज हम आपको बताएँगे कि रक्षाबंधन कैसे बनाते हैं (Raksha Bandhan Kaise Banate Hain) और इसका उद्देश्य क्या है। रक्षाबंधन के पर्व को मुख्यतया भाई व बहन के बीच पावन संबंध के तौर पर देखा जाता है। इस दिन सभी बहने अपने-अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं तथा उनके स्वस्थ रहने की कामना करती हैं लेकिन क्या इस दिन केवल भाई की कलाई पर ही राखी बांधी जा सकती है? यदि हम आपको बताएं कि पहली राखी एक पत्नी ने अपने पति की रक्षा के उद्देश्य से बांधी थी तो आपको कैसा लगेगा?

तभी तो आज हम जानेंगे कि रक्षाबंधन कैसे बनाया जाता है (Raksha Bandhan Kaise Banaya Jata Hai) और आप किस-किस को राखी बाँध सकती हैं। वैसे तो रक्षाबंधन का त्यौहार मुख्यतया भाई व बहन के बीच का ही पर्व होता है लेकिन आप अपनी रक्षा करने वाले कुछ अन्य लोगों को भी राखी बांध सकती हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसे लोग भी जिनका कोई भाई या बहन नहीं हैं तो आप उन्हें भी राखी बांध सकती हैं। आइए जानते हैं आप अपने भाई के अलावा अन्य किन लोगों को राखी बांध सकती हैं।

Raksha Bandhan Kaise Banate Hain | रक्षाबंधन कैसे बनाते हैं?

यहाँ बात केवल उनकी नहीं हो रही है जिनका कोई भाई नहीं है, बल्कि हम सभी की बात कर रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि जिन लोगों की हम राखी बाँधने की बात करने जा रहे हैं, उन्हें सभी राखी बाँध सकते हैं और बाँधते भी हैं। ज्यादातर घरों में पहली राखी ईश्वर और उसमें भी मुख्यतया लड्डूगोपाल को बाँधी जाती है।

वहीं कुछ लोग भारत देश की सीमाओं पर जाकर सैनिकों को भी राखी बाँधते हैं। इसी तरह और भी कई लोग हैं जिन्हें आप राखी बाँध सकते हैं। आज हम आपको कुल पांच ऐसे विकल्प देंगे जिन्हें आप राखी बाँध सकती हैं। आइए जाने उनके बारे में।

#1. ईश्वर

कई परिवारों में भगवान श्रीकृष्ण के छोटे रूप लड्डूगोपाल को राखी बांधी जाती है। इसी के साथ कुछ परिवारों में श्रीराम तथा श्रीकृष्ण को भी प्रथम राखी बांधी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम सबकी रक्षा करने का प्रथम दायित्व ईश्वर का है। उन्हीं के द्वारा दी गई प्राणवायु, भूमि, जल इत्यादि के मिलेजुले रूप के कारण हम जीवित हैं।

उन्हें राखी बांधकर हम इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि वे हमेशा स्वस्थ रहें। वे स्वस्थ रहेंगे तो विश्व की सभी चीजों को संतुलन में रखेंगे। इसलिए भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था प्रकट करने के उद्देश्य से हम उन्हें अपना भाई मानकर राखी बांध सकते हैं।

#2. गुरु/ शिक्षक

विश्व कल्याण में ईश्वर के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है तो वह होता है एक गुरु का। एक गुरु के ऊपर विश्व के संचालन तथा शिक्षा देने का सबसे बड़ा उत्तरदायित्व होता है। एक शिक्षक ही हमें, हमारे माता-पिता, समाज इत्यादि को मूलभूत शिक्षा प्रदान करता है तथा अच्छे व बुरे में भेद सिखाता है।

बिना शिक्षक के ना ही हमें ईश्वर का ज्ञान हो पाएगा तथा ना ही सत्कर्मों का। बिना उनके इस संसार में केवल अधर्म, अराजकता व भय का वातावरण रहेगा। इसलिए समाज के प्रति उनके इतने महत्वपूर्ण योगदान के कारण हमारा भी यह दायित्व बनता है कि हम उनके प्रति अपना आभार प्रकट करें। इसलिए इस दिन अपने गुरुजनों को भी अवश्य रक्षा सूत्र बांधें।

#3. सैनिक

एक सैनिक को हम केवल वीरगति प्राप्त होने या स्वतंत्रता दिवस इत्यादि जैसे विशेष अवसरों पर ही याद करते हैं। किंतु एक बार सोचकर देखिए वह अपने परिवारवालों, समाज, मित्रों, यहाँ तक कि सभी प्रकार की सुख-सुविधाओं का त्याग करके सीमा पर हर समय हमारी सुरक्षा के लिए खड़ा रहता है। आपको क्या लगता है कि उसके पास कोई अन्य काम करने का अवसर नहीं हो सकता लेकिन यह अवसर की बात नहीं, एक जज्बे की बात होती है।

इसलिए ऐसे समय में जब सभी परिवारवाले, सगे संबंधी उससे दूर होते हैं व वह ज्यादातर अपने सभी त्यौहार वहीं सीमा पर बनाता है तो उनमें मानसिक तनाव व अकेलेपन की भावना आने लगती है। इसलिए ऐसे कुछ विशेष अवसरों पर यदि आप सब महिलाएं एकत्रित होकर अपने देश की सीमा पर जाकर या छावनी में जाकर उन्हें राखी बांधेंगी तो यकीन मानिए उन्हें बहुत अच्छा (Raksha Bandhan Kaise Banaya Jata Hai) लगेगा।

#4. पेड़-पौधे

हम सभी ने विद्यालय में यह तो अवश्य पढ़ा है कि पेड़ भी सजीव हैं तथा उनमें भी प्राण होते हैं। वे हमारे जैसे चल फिर नहीं सकते तथा ना ही बोल सकते हैं लेकिन वे महसूस कर सकते हैं अपने पास के प्रेम को। क्या आपने कभी अनुभव किया है कि एक सकारात्मक वातावरण में पेड़ अच्छे से फलता-फूलता है जबकि एक नकारात्मक वातावरण में वह मुरझा जाता है।

इसलिए उन्हें भी प्रेम व आत्मीयता की आवश्यकता होती है। पेड़ पौधों के कारण इस प्रकृति, मानव तथा पशु-पक्षियों को बहुत लाभ होता है यह बताने की आवश्यकता नहीं। इसलिए हिंदू धर्म में सभी प्रकार के पेड़-पौधों को विशेष महत्व दिया गया है तथा उनकी पूजा करने का भी विधान है। बस रक्षाबंधन से अच्छा अवसर और क्या होगा जब आप उनके प्रति अपना आभार जता सकें।

#5. जिनका कोई भाई या बहन नहीं

चाहे आपका कोई भाई या बहन हो या नहीं लेकिन आपके जानने वालों, मित्रों या आसपास कोई ऐसा अवश्य होगा जिसका कोई भाई या बहन नहीं होगा। ऐसे समय में उनमें निराशा का भाव आता है लेकिन वे किसी से कहते नहीं। जो कमी एक सजीव व्यक्ति पूरा कर सकता है वह कोई और नहीं।

इसलिए इस अवसर पर आप किसी ऐसे व्यक्ति को अपना धर्म भाई या बहन के रूप में स्वीकार करें जिनका अपना कोई भाई-बहन ना हो। यकीन मानिए यह रिश्ता आपके जीवनभर काम आएगा तथा आपको अपने भाई-बहन का भी पूरा प्यार मिलेगा।

इस तरह से आज आपने जान लिया है कि रक्षाबंधन कैसे बनाते हैं (Raksha Bandhan Kaise Banate Hain) और आप भाई के अलावा किन्हें राखी बाँध सकती हैं। इसलिए अगली बार इसका अवश्य ध्यान रखिएगा।

रक्षाबंधन बनाने से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: रक्षा बंधन का त्योहार क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: रक्षा बंधन का त्योहार मुख्य तौर पर भाई व बहन के द्वारा मनाया जाता है जिनके भाई बहन नहीं हैं, वे अपने दूर के भाई-बहन के साथ या लड्डूगोपाल के साथ इसे मना सकते हैं

प्रश्न: रक्षा बंधन पर किस भगवान की पूजा की जाती है?

उत्तर: रक्षा बंधन पर श्रीकृष्ण भगवान की पूजा की जाती है हालाँकि इसके लिए किसी ग्रंथ में लिखा नहीं गया है लेकिन रक्षाबंधन त्यौहार का संबंध श्रीकृष्ण से होने के कारण इस दिन उनकी पूजा की जाती है

प्रश्न: राखी किसका प्रतीक है?

उत्तर: राखी भाई और बहन के पवित्र और मजबूत रिश्ते की बागडोर होती है रक्षाबंधन वाले दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके स्वस्थ रहने की कामना करती है तो वहीं भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है

प्रश्न: क्या मनुष्य भगवान को राखी बांध सकता है?

उत्तर: अवश्य ही मनुष्य भगवान को राखी बांध सकता है और इसमें कोई दो राय नहीं है भगवान में भी मुख्यतया लड्डूगोपाल को राखी बाँधी जाती है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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