आज हम आपके साथ भैरव बाबा की आरती (Bhairav Baba Ki Aarti) करने जा रहे हैं। साथ ही इस लेख के माध्यम से आपको भैरव जी की आरती अर्थ सहित भी पढ़ने को मिलेगी। इससे आप भैरव बाबा की आरती लिरिक्स का संपूर्ण अर्थ जान पाएंगे।
इस लेख में सर्वप्रथम आपको भैरव आरती (Bhairav Aarti) पढ़ने को मिलेगी। तत्पश्चात भैरव आरती को हिंदी में अर्थ सहित समझाया जाएगा। फिर आप भैरव आरती करने से क्या कुछ फायदे होते हैं और उसका क्या महत्व है, इसके बारे में जानेंगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं भैरव बाबा की आरती हिंदी में।
Bhairav Aarti | भैरव आरती
सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ।
कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।
मैं चरण छूता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिए।
मैं हूँ मति का मंद, मेरी कुछ मदद तो कीजिए।
महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले…
करते सवारी श्वान की, चारों दिशा में राज्य है।
जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं।
हथियार हैं जो आपके, उनका क्या वर्णन करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले…
माताजी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा।
गा गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा।
एक सांकली है आपकी, तारीफ उसकी क्या करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले…
बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेहंदीपुर सरनाम है।
आते जगत के यात्री, बजरंग का स्थान है।
श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों मैं धरूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले…
निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश रहें।
सिर पर तुम्हारे हाथ रखकर, आशीर्वाद देती रहें।
कर जोड़ कर विनती करूँ, अरु शीश चरणों में धरूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले…
Bhairav Baba Ki Aarti | भैरव बाबा की आरती हिंदी में
सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ।
कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।
मैं चरण छूता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिए।
मैं हूँ मति का मंद, मेरी कुछ मदद तो कीजिए।
महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥
हे भैरव बाबा और हम सभी के प्यारे!! मैं हाथ जोड़कर आपसे याचना करता हूँ। मुझे आपकी कृपा चाहिए और मैं आपका ही ध्यान करता हूँ। मैं आपके चरणों में प्रणाम करता हूँ और कृपया करके मेरी विनती को सुन लीजिए। मैं तो बुद्धिहीन हूँ, इस कारण आप मेरी मदद कीजिए। आपकी महिमा तो अपरंपार है और उसमे से कुछ का वर्णन मैं आज करता हूँ।
करते सवारी श्वान की, चारों दिशा में राज्य है।
जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं।
हथियार हैं जो आपके, उनका क्या वर्णन करूँ॥
आप कुत्ते की सवारी करते हो अर्थात कुत्ता आपका वाहन है, आपका राज्य चारों दिशाओं में स्थापित है। इस लोक में जितने भी भूत व प्रेत हैं, उन सभी के राजा आप ही हैं। आपके पास जो हथियार है, उसका मैं क्या ही वर्णन करूँगा।
माताजी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा।
गा गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा।
एक सांकली है आपकी, तारीफ उसकी क्या करूँ॥
अपनी माता के सामने आप हमेशा नृत्य करते हो। आप भजन को अनुवाद सहित उनके सामने गाते हो और उनके मन को बहलाते हो। आपके पास एक सांकली है जिसका गुणगान मैं क्या ही करूँ।
बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेहंदीपुर सरनाम है।
आते जगत के यात्री, बजरंग का स्थान है।
श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों मैं धरूँ॥
आपकी महिमा तो बहुत है और मेहंदीपुर आपका ही एक स्थान है। वहां पर विश्वभर से भक्तगण आपके दर्शन करने हेतु आते हैं और वहां बजरंग बली का निवास है। आप ही प्रेतों के राजा हैं और आपके चरणों में मैं अपना सिर झुकाता हूँ।
निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश रहें।
सिर पर तुम्हारे हाथ रखकर, आशीर्वाद देती रहें।
कर जोड़ कर विनती करूँ, अरु शीश चरणों में धरूँ॥
आपके काम से आपकी माता हमेशा ही प्रसन्न रहती हैं और वे आपके सिर पर हाथ रखकर आपको आशीर्वाद देती हैं। मैं आपके सामने हाथ जोड़कर विनती करता हूँ और अपना शीश आपके चरणों में झुकाता हूँ।
इस तरह से आज आपने भैरव बाबा की आरती हिंदी में (Bhairav Baba Ki Aarti) में पढ़ ली है। अब हम भैरव आरती का पाठ करने से मिलने वाले फायदों और उसके महत्व के बारे में भी जान लेते हैं।
भैरव बाबा की आरती का महत्व
भैरव आरती के माध्यम से भैरव बाबा के गुणों, शक्तियों, महत्व, महिमा इत्यादि के ऊपर प्रकाश डाला गया है। भैरव बाबा मुख्यतया भूतों और प्रेतों के राजा माने जाते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि उनका इन पर पूर्ण रूप से नियंत्रण रहता है।
भैरव आरती के माध्यम से हम भैरव बाबा की आराधना करते हैं। इससे भैरव बाबा आपसे प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा आप पर बरसाते हैं। भैरव जी के बारे में संपूर्ण परिचय देने और साथ ही उनकी आराधना करने के कारण ही भैरव बाबा की आरती का महत्व बढ़ जाता है।
भैरव आरती के फायदे
जो भक्तगण प्रतिदिन सच्चे मन के साथ भैरव बाबा की आरती पढ़ते हैं, उन्हें कई तरह के अभूतपूर्व लाभ देखने को मिलते हैं। यदि उनके ऊपर या उनके घर में किसी नकारात्मक शक्ति या भूत-प्रेत का साया है तो वह भैरव बाबा की कृपा से स्वतः ही दूर हो जाता है। भैरव बाबा हमारे ऊपर से नकारात्मक शक्तियों, काला जादू, भूत, प्रेत इत्यादि को दूर करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
इसी के साथ ही आपको मानसिक शांति का भी अनुभव होता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि यदि आपके मन में बुरे विचार आते हैं या मानसिक अवसाद या किसी बात की चिंता सताती रहती है तो आपको भैरव आरती पढ़नी चाहिए। इससे आपका मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। यहीं भैरव बाबा की आरती के फायदे होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने भैरव आरती हिंदी में (Bhairav Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने भैरव बाबा की आरती के पाठ से मिलने वाले फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:
अन्य संबंधित लेख: