राधा चालीसा (Radha Chalisa) में माता राधा के जीवन, श्री कृष्ण के प्रति उनका निश्छल प्रेम व भक्ति का वर्णन किया गया है। यदि आप भी श्री राधा चालीसा (Radha Chalisa In...Read more »
भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कृष्ण चालीसा (Krishna Chalisa) का पाठ हमे हर दिन करना चाहिए। कृष्ण चालीसा में भगवान श्री कृष्ण के गुणों, कार्यों, महत्ता, भक्ति इत्यादि के बारे में वर्णित किया...Read more »
नवग्रह चालीसा (Navgrah Chalisa) का अत्यधिक महत्व है क्योंकि नवग्रहों से हमारी कुंडली, भाग्य, तीनों काल, स्वास्थ्य इत्यादि जुड़े हुए हैं। नवग्रह की चालीसा में सभी नौ ग्रहों के बारे में विस्तार...Read more »
क्या आपको शिव चालीसा हिंदी में पढ़नी है (Shiv Chalisa) तो आप बिल्कुल सही जगह पर आये हैं क्योंकि आज हम आपको शिव चालीसा हिंदी में व उसका अर्थ भी बताएँगे। भगवान शिव...Read more »
भगवान शिव का रुद्राष्टकम (Rudrashtakam) गोस्वामी तुलसीदास जी ने पंद्रहवीं शताब्दी में लिखा था। इसे तुलसीदास कृत शिव स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता (Shiv Rudrashtakam In Hindi) है। रामचरितमानस में...Read more »
भगवान गणेश की आरती को सभी भगवानों में प्रथम स्थान पर गाया जाता है, ऐसे में गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa In Hindi) को कैसे ना गाया जाए। यदि आप भी गणपति चालीसा...Read more »
भगवान श्रीराम (Shri Ram Chalisa) हर भारतवासी के हृदय में बसते हैं। ऐसे में राम चालीसा का पठन करने से आत्मा को शांति मिलती है। श्रीराम का नाम मात्र लेने से ही...Read more »
जब भी किसी पर कोई संकट या विपदा आती है तो वह सबसे पहले हनुमान जी का ही नाम लेता है। ऐसे में उस समय बजरंग बाण का पाठ (Bajrang Baan) किया...Read more »
संकटमोचन हनुमान अष्टक (Sankat Mochan Hanuman Ashtak) की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा पंद्रहवीं शताब्दी में की गयी थी। तुलसीदास जी श्रीराम व हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे। उनके द्वारा...Read more »
भक्त हनुमान को समर्पित हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा पंद्रहवीं सदी में की गयी थी। हनुमान चालीसा में कुल 3 दोहों समेत चालीस चौपाईयां आती है।...Read more »