दीपावली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

Diwali Kaise Banate Hain

दीपावली का त्यौहार (How Diwali Is Celebrated In Hindi) तो हम हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाते हैं लेकिन इसकी तैयारियां बहुत पहले से ही (Deepavali Kaise Banai Jati Hai) शुरू हो जाती है। दिवाली एक ऐसा त्यौहार हैं जिसे पूरे देश में मुख्य रूप से मनाया जाता हैं तथा इसमें हर पथ, संप्रदाय के लोग भाग लेते है।

दिवाली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार होता हैं जो हर घर से शुरू होकर एक सार्वजानिक कार्यक्रम में बदल जाता हैं अर्थात सामूहिक प्रयास से यह एक उत्सव का रूप (Diwali Kaise Banate Hain) ले लेता हैं। दिवाली की तैयारियां कैसे की जाती हैं तथा उस दिन क्या-क्या किया जाता हैं, आइए जानते हैं।

दीपावली का त्यौहार कैसे मनाते हैं? (Diwali Kaise Manai Jati Hai)

घर-दुकान की साफ-सफाई करना (Diwali Par Ghar Ki Safai Kaise Kare)

वैसे तो हम अपने घर-दुकान की सफाई हर दिन करते हैं लेकिन दिवाली एक ऐसा त्यौहार हैं जिस दिन पूरे घर की गहन साफ-सफाई की जाती हैं। इसमें घर के हरेक कोने को साफ करना, जो चीज़े महीनो से ऐसी ही पड़ी हुई हैं उन्हें साफ करना, इत्यादि सम्मिलित है।

कई बार तो इसमें एक दिन से ज्यादा का समय (Diwali Kaise Manate Hain) भी निकल जाता हैं क्योंकि पूरे घर को अच्छे से साफ किया जाता हैं। इस प्रकार यह त्यौहार हमे स्वच्छता का संदेश देता हैं। दरअसल दिवाली ऐसे समय में आती हैं जब मौसम का परिवर्तन हो रहा होता है व चारो ओर विषैले मच्छर, जीवाणुओं इत्यादि का प्रकोप हो जाता है। ऐसे समय में अपने घर-दुकान की गहन सफाई करने से बहुत लाभ मिलता है व साथ ही घर भी एक दम चमचमाने लगता है।

धनतेरस के दिन खरीदारी करना (Diwali Par Kya Kharide)

दिवाली के त्यौहार के लिए मुख्य रूप से खरीदारी की जाती हैं (Diwali Kaise Banaye) जो कि उससे दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर की जाती है। इसमें नए कपड़ो को खरीदना, घर के साज-सज्जा की वस्तुएं खरीदना, मिट्टी के दीये लेना, सोना-चांदी लेना इत्यादि सम्मिलित हैं। दिवाली पर नए वस्त्र पहने जाते हैं। कुम्हारों से दीपक लिए जाते हैं।

आजकल की आधुनिकता के कारण लोग विभिन्न रोशनी वाली लाइट, रंग-बिरंगे दीये इत्यादि लेने लगे हैं जो कि गलत हैं। हमे अपने देश के कुम्हारों से बने दीये ही लेने चाहिए क्योंकि सादगी ही इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है। इसलिये दिवाली पर आप जो भी खरीदारी करे लेकिन इस बात का मुख्य रूप से ध्यान रखे कि देश का पैसा देश में ही रहे।

विभिन्न पकवान बनाना (Diwali Ke Din Kya Khana Banana Chahiye)

दीपावली की जो चीज़ सभी को मुख्य रूप से पसंद हैं वह हैं इस दिन विभिन्न तरह के पकवान बनना। ज्यादातर सभी घरो में दिवाली के लिए पहले से ही विशेष पकवान बनकर (Deepavali Kaise Manate Hain) तैयार हो जाते हैं जैसे कि नमकीन में सवाली, मठरी, मीठे में शकरपारे, गुजिया इत्यादि। इसके अलावा दही भल्ले, मिठाइयाँ इत्यादि भी बनाई जाती हैं।

सभी लोग दिवाली पर बनने वाले विभिन्न व्यंजनों को लेकर बहुत उत्साहित रहते है। घर के बच्चे तो इन्हें बड़े ही चाव के साथ खाते हैं किंतु इसी के साथ यह भी ध्यान रखिए कि इन्हें बनाने में अपनी पत्नी, माँ का अवश्य सहयोग करे। आपसी सहयोग से काम जल्दी व अच्छा होता हैं व साथ ही इससे प्रेम भी बढ़ता हैं।

घर को सजाना (Diwali Par Ghar Ko Kaise Sajaye)

दिवाली के लिए केवल घर की साफ-सफाई (Diwali Kaise Manate Hai In Hindi) ही नही की जाती बल्कि घर को दुल्हन की तरह सजा भी दिया जाता हैं। इसमें घर में विभिन्न फूलों का लगाना, अलग-अलग रंगों की चुनरी से सजाना, शुभ-लाभ व शुभ दीपावली लिखे हुए पोस्टर इत्यादि लगाना सम्मिलित हैं।

इसके अलावा लोग अपने अनुसार विभिन्न प्रकार की चीजों से घर को सजाते हैं। आजकल बाज़ार में अपने घर को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार की चीज़े उपलब्ध हैं जिनसे आप अपने घर को अच्छे से सजा सकते हैं।

दिवाली की सुबह (Diwali Ki Subah Kya Kare)

दिवाली के दिन सुबह सभी को जल्दी उठना होता हैं व स्नान (Diwali Kaise Manaye In Hindi) आदि करके घर के सभी बड़ो की चरण वंदना करनी होती हैं। इससे सभी का आशीर्वाद लेना व उन्हें दीपावली की बधाई देना सम्मिलित हैं।

इस दिन आप प्रातःकाल जल्दी उठे, स्नान आदि करे व नए कपड़ो को पहने। इसके बाद भगवान की स्तुति करे व सभी बड़ो के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद ले। इसके बाद ही अपने दिन के सभी काम करे।

दिवाली के दिन संध्या की पूजा (Diwali Ke Din Maa Laxmi Ki Puja)

शाम के समय शुभ मुहूर्त में अपने घर व दुकान पर माँ लक्ष्मी, सरस्वती व भगवान गणेश की पूजा करे। दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष विधान हैं (Diwali Ke Din Kya Karna Chahiye) क्योंकि उन्ही के द्वारा घर में वैभव संपदा आती हैं। साथ ही विद्या की देवी माँ सरस्वती व बुद्धि के देवता भगवान गणेश की भी पूजा की जाती हैं क्योंकि इन दोनों के बिना माँ लक्ष्मी का घर में प्रवेश नही हो सकता।

इससे हमे यह शिक्षा मिलती हैं कि यदि व्यक्ति के पास धन हैं लेकिन उसके पास विद्या व बुद्धि नही हैं तो वह धन उसके पास ज्यादा दिन तक नही टिकेगा। इसी से जुड़ी दिवाली पर एक लकड़हारे और राजा की कथा भी प्रचलित है।

घर व मोहल्ले को दीयो से सजाना (Diwali Par Diya Sajana)

माँ लक्ष्मी की पूजा में दीपक को प्रज्जवलित करके रखा जाता हैं। पूजा समाप्त होने के पश्चात घर के प्रतेक कोने व बाहर चारदीवारी, सड़क इत्यादि पर दीपक रखे जाते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो दिवाली की अमावस्या की रात्रि को भी दीपक की रोशनी से जगमगा दिया जाता हैं। उस दिन की रोशनी देखने लायक होती हैं।

इस दिन दीपक इसलिये जलाए जाते हैं क्योंकि त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम अपने चौदह वर्ष का वनवास समाप्त करके पुनः अयोध्या लौटे थे तब सभी ने मिलकर असंख्य दीपक जलाए थे। उन दीपकों से इतनी रोशनी हो गयी थी कि स्वर्ग लोक से भी अयोध्या जगमगाते हुए दिख रही थी।

दिवाली पर आतिशबाजी करना (Diwali Ki Aatish Bazi)

फिर आता हैं दीपावली पर आतिशबाजी करना। इसका उत्साह मुख्य रूप से बच्चो में ज्यादा होता हैं। घर के बच्चे बड़ो की निगरानी में फुलझड़िया, अनार, फिरकी इत्यादि जलाते हैं व दिवाली मनाते हैं। पूरा आसमान विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी से जगमगा उठता हैं।

किंतु इसी के साथ-साथ यह भी ध्यान रखे कि आतिशबाजी करते समय बच्चों को अकेला न छोड़े अन्यथा उन्हें चोट लग सकती हैं या कोई अनहोनी हो सकती है। साथ ही पटाखों के कारण आग लगने की घटना भी आम हैं। इसलिये आतिशबाजी के समय पूरा ध्यान रखे ताकि बाद में कोई समस्या ना हो।

दीपावली के अगले दिन राम-राम (Diwali Ki Ram Ram)

दिवाली के अगले दिन लोग अपने रिश्तेदारों व मित्रों के घर बधाई देने जाते हैं व दिवाली की राम-राम करते हैं। इस दिन मिठाइयों व अन्य उपहारों का लेनदेन होता हैं, एक दूसरे का हालचाल पूछा जाता हैं व बधाई दी जाती हैं।

साथ ही इस दिन सभी मंदिरों में प्रसाद रूप में अन्नपूर्णा का प्रसाद मिलता हैं जिसे सभी बड़े ही चाव के साथ खाते हैं। इस प्रकार दिवाली का यह त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भाई-दूज के त्यौहार के साथ समाप्त हो जाता हैं व चारो और इसके फिर से आने की प्रतीक्षा पीछे छोड़ जाता हैं।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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