संजीवनी बूटी लाते समय भरत ने हनुमान पर बाण क्यों चलाया

Bharat Meets Hanuman

राम-रावण युद्ध में जब मेघनाथ दूसरी बार युद्धभूमि में आया था तो उसके शक्तिबाण के प्रहार से लक्ष्मण मुर्छित हो गए थे (Bharat Meets Hanuman)। तब लंका के राजवैद्य सुषेण की सहायता ली गयी जिन्होंने इसका उपचार केवल संजीवनी बूटी बताया जिसका सूर्योदय से पहले यहाँ पहुंचना आवश्यक था। इसका उत्तरदायित्व हनुमान जी ने उठाया था (Hanuman Meet Bharat) लेकिन जब वे हिमालय से संजीवनी पर्वत उठाकर ला रहे थे तब बीच में श्रीराम के छोटे भाई भरत ने उन पर प्रहार कर उन्हें घायल कर दिया था। आइए जानते हैं हनुमान भरत मिलन (Hanuman Bharat Milan) के बारे में।

हनुमान व भरत का मिलन (Why Did Bharat Attack Hanuman)

उठा लिया पूरा पहाड़ (Hanuman And Sanjeevni Pahad)

जब हनुमान जी उस पहाड़ पर पहुंचे जहाँ का पता सुषेण वैद्य ने बताया था तो वे वहां कई प्रकार की बूटियों को देखकर शंका में पड़ गए। वहां पर संजीवनी बूटी के समान ही कई अन्य प्रकार की बूटियाँ थी जो उसके समान ही प्रकाशमान थी। कहीं हनुमान जी गलत बूटी ले गए तो लक्ष्मण के प्राण नही बचेंगे, यही सोचकर उन्होंने अपना शरीर बड़ा किया व संपूर्ण पहाड़ को ही उठा लिया।

जब हनुमान पहाड़ समेत अयोध्या के ऊपर से गुजरे (Hanuman Reached Ayodhya With Sanjeevni Parvat)

हनुमान जी संजीवनी पर्वत को उठाकर तीव्र गति से हिमालय से लंका की ओर बढ़ रहे थे जिसके बीच में अयोध्या नगरी भी आती थी। जब वे अयोध्या के ऊपर से उड़ रहे थे तब अयोध्या के सैनिको ने आकाश में एक विशालकाय शरीर के प्राणी को उड़ते देखा जिसके हाथ में एक विशाल पहाड़ भी था (Hanuman Meets Bharat)। यह देखकर अयोध्या के सैनिक बुरी तरह डर गए क्योंकि उन्हें लगा कि कोई अयोध्या पर आक्रमण करने आया हैं। इसलिये उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अपने राजा भरत को जाकर दी।

भरत ने चलाया हनुमान पर तीर (Bharat Attacked Hanuman)

भरत उस समय भगवान श्रीराम के समान वनवास का जीवन व्यतीत कर रहे थे व महल से बाहर एक कुटिया बनाकर रहते थे। जब उन्हें आकाश में एक विशाल शरीर वाले प्राणी को पहाड़ के साथ उड़ने की सूचना दी गयी तब उन्होंने उसे कोई दैत्य या राक्षस समझा जो अयोध्या पर आक्रमण करने आया था (Bharat Shot Hanuman)। चूँकि भगवान श्रीराम 14 वर्षों तक अयोध्या व उसकी प्रजा की सुरक्षा का उत्तरदायित्व भरत को सौंपकर गये थे इसलिये उन्होंने अपना धनुष बाण निकाला व हनुमान जी के पैरों पर निशाना मारा।

भरत के बाण से हनुमान घायल होकर गिर पड़े (Why Bharat Attacked Hanuman Ji In Hindi)

भरत का बाण जैसे ही हनुमान जी के पैरों पर लगा तो उनके हाथ से पहाड़ छूट गया तथा वे पहाड़ समेत नीचे गिर पड़े (Bharat Hit Hanuman)। उनके मुख से लगातार श्रीराम का नाम निकल रहा था। जब भरत उनके पास आए व उनके मुख से श्रीराम का जाप सुना तो उन्हें ज्ञान हो गया कि यह श्रीराम का भक्त हैं व उन्ही के किसी काम के लिए जा रहा होगा।

चूँकि चित्रकूट में मिलन के पश्चात भरत को श्रीराम के जीवन में घटी किसी घटना का ज्ञान नही था इसलिये वे इन सब बातों से अनभिज्ञ थे। उन्हें हनुमान पर आघात करने का दुःख हुआ तथा जल्दी से उन्होंने उसका उपचार किया जिससे हनुमान जी ठीक हो गए।

हनुमान व भरत मिलन (Hanuman Bharat Milan)

हनुमान को जब चेतना आई तब उन्होंने स्वयं का परिचय दिया व श्रीराम व लक्ष्मण के बारे में बताया। माता सीता के अपहरण, भगवान श्रीराम के लंका पर आक्रमण व लक्ष्मण के मुर्छित होने का समाचार सुनकर भरत अत्यंत व्याकुल हो गए लेकिन वे श्रीराम के आदेश के अनुसार अयोध्या छोड़कर नही जा सकते थे (Hanuman Bharat Ka Milan)।

उन्होंने हनुमान की सहायता करने का अनुरोध भी किया किंतु उन्होंने मना कर दिया। तब समय की महत्ता को देखते हुए हनुमान ने भरत से जाने की इच्छा प्रकट की जिसे भरत ने तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद हनुमान ने पुनः संजीवनी पर्वत को उठाया व लंका की ओर उड़ पड़े।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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