जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में – PDF फाइल व इमेज सहित डाउनलोड करें

Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

आज के इस लेख में आपको जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में (Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi) अर्थ सहित पढ़ने को मिलेगी ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें। जगन्नाथ भगवान की रथयात्रा से कौन परिचित नहीं होगा। हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होती है जो दस दिन पश्चात जगन्नाथ मंदिर में वापसी के साथ संपन्न हो जाती है। हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक धाम जगन्नाथ पुरी है जो भगवान श्रीकृष्ण के जगन्नाथ रूप को समर्पित है।

आज हम आपके साथ जगन्नाथ आरती PDF (Jagannath Aarti PDF) फाइल और इमेज भी साझा करेंगे। इसे आप डाउनलोड कर अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करके रख सकते हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित।

Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi | जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
मंगलकारी नाथ आपादा हरि,
कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी।

जगन्नाथ भगवान की आरती हम सभी का मंगल करने वाली है। जगन्नाथ आरती को ही श्रीहरि की बैकुण्ठ आरती भी कहा जाता है जो बहुत ही मंगलकारी है। जगन्नाथ भगवान आपदाओं को दूर कर हम सभी का मंगल करते हैं। जगन्नाथ आरती में धूप, दीप व ज्योति जगमगा रही है।

अगर कपूर बाती भव से धारी,
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,
आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी।

जगन्नाथ जी की आरती में हम अगर, कपूर व बाती जलाकर उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हम सभी भगवान जगन्नाथ की आरती करते हैं और सभी के मंगल की आशा करते हैं।

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
घर घरन बजता बाजे बंसुरी,
झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी।

जगन्नाथ जी की आरती में तो घर-घर में घंटा व बांसुरी बज रही है। इसी के साथ ही झांझ व मृदंग की ताल भी सुनायी दे रही है और सभी भक्त जगन्नाथ भगवान का ध्यान कर उनकी आरती कर रहे हैं।

निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,
जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,
जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी।

हम सभी जगन्नाथ भगवान के मुख को देखकर अत्यधिक आनंद का अनुभव कर रहे हैं। वे ही परम सत्य हैं और इस दुनिया की सभी आपदाओं का नाश कर देते हैं। वेदों में भी जगन्नाथ भगवान की महिमा का वर्णन मिलता है। उन्हें हम जो भी भोग लगाते हैं, वह सब बैकुण्ठ में बैठे श्रीहरि को ही लगता है।

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,
मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि।

उन्होंने ही श्रीकृष्ण रूप में इंद्र देव के मान का भंग किया था। रोहिणी माता सिंह पर सवार खड़ी हैं और मार्कंडेय ऋषि के फलस्वरूप ही गंगा माँ हम सभी को आनंद प्रदान करती हैं।

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,
धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी।

देवता, मनुष्य तथा ऋषि-मुनि सभी आपके द्वार पर खड़े हैं और आपको तो सभी वेदों का भी ज्ञान है। हे जगन्नाथ भगवान!! आप हमें धन-धान्य देकर हमें आनंद व सुख प्रदान कीजिये।

इस तरह से आज आपने जगन्नाथ आरती हिंदी में (Jagannath Ji Ki Aarti In Hindi) अर्थ सहित पढ़ ली है। अब हम जगन्नाथ जी की आरती PDF फाइल और इमेज भी देने जा रहे हैं।

जगन्नाथ आरती इमेज

यह रही जगन्नाथ जी की आरती की इमेज:

जगन्नाथ आरती (Jagannath Aarti)
जगन्नाथ आरती (Jagannath Aarti)

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

Jagannath Aarti PDF | जगन्नाथ आरती PDF

अब हम जगन्नाथ आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: Jagannath Aarti PDF

ऊपर आपको लाल रंग में Jagannath Aarti PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने जगन्नाथ जी की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Jagannath Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi) पढ़ ली हैं। यदि आपको जगन्नाथ आरती की पीडीएफ फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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