Kedarnath Trek: हर वर्ष केदारनाथ मंदिर की यात्रा पर लाखों की संख्या में भक्तगण पहुँचते हैं और बाबा केदार के दर्शन करते हैं। इसके लिए केदारनाथ के पास स्थित गौरीकुंड पहुंचना होता है। वहां से आगे का 16 किलोमीटर का केदारनाथ ट्रेक पैदल या घोड़े/पालकी की सहायता से पार करना होता है।
इसके बाद भक्तगण मुख्य केदारनाथ मंदिर तक पहुँचते हैं और केदार बाबा के दर्शन करते हैं। केदारनाथ की यात्रा पर जाने से पहले क्या आपने केदारनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन (Kedarnath Yatra Registration) करवा लिया है या फिर आपने केदारनाथ के मौसम की जानकारी ले ली है!! केवल इतना ही नहीं, ऐसी कुल 10 बातें हैं जो आपको केदारनाथ ट्रेक पर जाने से पहले ध्यान में रखनी चाहिए। आइए जानते हैं।
Kedarnath Trek | केदारनाथ ट्रेक टिप्स
क्या आप जानते हैं कि हर वर्ष केदारनाथ पहुँचने वाले करोड़ों भक्तों में से लगभग 30 प्रतिशत के आसपास लोगों को किसी ना किसी तरह की दुविधा का सामना करना पड़ता है। अब किसी का पंजीकरण सही से नहीं हुआ होता है तो कोई सामान पूरा नहीं लाता है। वहीं कुछ को मौसम की मार पड़ती है तो किसी को कुछ अन्य समस्या होती है।
ऐसे में आज के इस लेख में हम आपके सामने केदारनाथ ट्रेक टिप्स रखने जा रहे हैं। इसमें केदारनाथ यात्रा के लिए जरुरी सामान से लेकर अन्य टिप्स हैं जो आपकी यात्रा को सुगम और आनंदमय बना देगी।
#1. Kedarnath Online Registration | केदारनाथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखें कि आप केदारनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन/ पंजीकरण आवश्यक रूप से करवा लें। इसके बिना आप केदारनाथ धाम के दर्शन नहीं कर पाएंगे। आप चाहें तो केदारनाथ यात्रा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं।
इसके लिए आपको उत्तराखंड सरकार की चारधाम यात्रा की वेबसाइट पर जाना होगा और वहां से केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण करवाना होगा। इसके अलावा आप गूगल प्लेस्टोर पर भी उत्तराखंड सरकार के द्वारा उपलब्ध चारधाम यात्रा की आधिकारिक ऐप डाउनलोड कर उस पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
#2. Kedarnath Yatra Registration | केदारनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन
आप केदारनाथ यात्रा का ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं। इसके लिए आपको देहरादून, ऋषिकेश या हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा मिल जाएगी। बहुत से यात्री गौरीकुंड पहुँच कर वहां से केदारनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं।
यहाँ हम आपको सलाह देंगे कि आप पहले ही केदारनाथ जाने का पंजीकरण करवा लें क्योंकि गौरीकुंड पर केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने की बहुत भीड़ देखने को मिलती है। ऐसे में आपको देरी हो सकती है जिस कारण आप केदारनाथ का ट्रेक भी देरी से शुरू कर पाएंगे और मंदिर तक पहुँचने में भी बहुत देर हो जाएगी।
#3. केदारनाथ का मौसम
चाहे सर्दी का मौसम हो या गर्मी का, चाहे आप जून के महीने में केदारनाथ जा रहे हो या अक्टूबर के महीने में, यहाँ हर समय ठंड का मौसम रहता है। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि केदारनाथ समुंद्र तल से बहुत ज्यादा ऊंचाई पर पहाड़ों के बीच में स्थित है जहाँ भीषण ठंड देखने को मिलती है।
यहाँ पर गर्मियों के मौसम में हल्की ठंड व सर्दियों के मौसम में भीषण ठंड देखने को मिलती है। इसका अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि दीपावली के बाद से केदारनाथ धाम के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि यहाँ हो रही भीषण बर्फबारी के कारण यहाँ तक पहुंचा नहीं जा सकता है। केदारनाथ के मौसम के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।
इसलिए आप जिस भी मौसम में केदारनाथ ट्रेक पर जाएं, अपने साथ गर्म कपड़े हमेशा रखें। यदि आप सितंबर-अक्टूबर के महीनों में केदारनाथ जाने का सोच रहे हैं तो गर्म कपड़े ज्यादा रखें। साथ ही मौजों की दो जोड़ियाँ अपने साथ रखें क्योंकि ट्रेक करते समय पैर बहुत जल्दी ठंडे पड़ जाएंगे।
#4. केदारनाथ मार्ग पर पालकी व घोड़े
यदि आप पैदल केदारनाथ का ट्रेक कर पाने में अक्षम हैं तो आपके लिए वहां पालकी, घोड़े, खच्चर, पिट्ठू इत्यादि की सुविधा आसानी से उपलब्ध है। इन सभी के दाम यात्री के वजन के अनुसार अलग-अलग होते हैं। इनके दाम उत्तराखंड सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारित किए जाते हैं।
आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमे से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। पालकी के दाम घोड़े व खच्चर के दामों से अधिक है। इसलिए यदि आप पालकी से केदारनाथ पहुँचने की इच्छा रखते हैं तो आपको ज्यादा शुल्क चुकाना (Kedarnath Trek By Pony) पड़ेगा।
#5. केदारनाथ ट्रेक पर सुविधा
यहाँ पर यात्रियों की सुविधा के अनुसार पूरे ट्रेक में खाना-पानी, विश्रामगृह, मेडिकल, ऑक्सीजन, शौचालय इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है। आपको केदारनाथ के ट्रेक में कई खाने-पीने की दुकाने मिल जाएंगी जहाँ से आपको चाय-नाश्ता के साथ-साथ दोपहर का खाना इत्यादि की सुविधा भी मिल जाएगी। इसलिए आपको अपने साथ खाना ले जाने की कोई आवश्यकता नही है।
साथ ही जिन यात्रियों को सांस लेने में समस्या है या बीच रास्ते में तबियत ढीली पड़ जाती है तो यहाँ मेडिकल की सुविधा भी आसानी से मिल जाएगी। कई यात्रियों को इतनी ऊंचाई पर एल्टीट्युड़ सिकनेस की समस्या होती है और कईयों को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में आप यहाँ स्थित मेडिकल केंद्र से अपना उपचार करवा सकते हैं।
#6. गौरीकुंड से शुरू करें ट्रेक
जब आप केदारनाथ की यात्रा के लिए जाते हैं तो आपको स्थानीय बस, टैक्सी या कार के द्वारा सोनप्रयाग तक पहुँचाया जाएगा। यहाँ से 5 किलोमीटर की दूरी पर गौरीकुंड पड़ता है जहाँ के लिए स्थानीय जीप चलती है जो आपको 20 से 30 रुपए में वहां तक पहुंचा देगी।
सोनप्रयाग से भी आपको घोड़े, टट्टू, खच्चर इत्यादि की सुविधा मिल जाएगी लेकिन आप इसे यहाँ से लेने की गलती ना करें क्योंकि इससे एक तो आपका किराया ज्यादा लगेगा और ऊपर से समय ज्यादा लगेगा वो अलग। आप गौरीकुंड पहुँच कर ही पालकी, घोड़ा इत्यादि लें।
#7. सुबह जल्दी करें शुरू
केदारनाथ का ट्रेक शुरू करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे सुबह जल्दी शुरू करें ताकि दिन छिपने से पहले-पहले आप मंदिर तक पहुँच जाएं। इसके लिए आप सुबह 6 से 7 बजे के बीच यात्रा शुरू करेंगे तो सही रहेगा। कुछ भक्तगण सुबह 4 बजे ही केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath Trek) पर निकल पड़ते हैं ताकि वे उसी दिन वहां से वापस आ सकें।
आप सुबह 6 से 7 बजे भी यदि केदारनाथ की यात्रा शुरू करेंगे तो दोपहर को लगभग 2 से 3 बजे के आसपास मुख्य मंदिर तक पहुँच जाएंगे। इसके बाद मंदिर के दर्शन करें और कुछ समय वहां बैठें। आप चाहें तो उसी दिन वहां से वापस लौट सकते हैं लेकिन इतनी ज्यादा चढ़ाई के बाद वापस नीचे लौटना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए हो सके तो वहीं विश्राम करें।
#8. केदारनाथ में रुकने की जगह
केदारनाथ में रुकने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN Kedarnath) के द्वारा कैम्पस, धर्मशाला, होटल इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा आपको गौरीकुंड, केदारनाथ के मार्ग में लिंचोली या केदारनाथ मंदिर के पास केदारनाथ बेसकैंप में मिल जाएगी।
सामान्यतया लोग केदारनाथ के मंदिर के दर्शन कर, केदारनाथ बेसकैंप में गढ़वाल मंडल के द्वारा उपलब्ध कैम्पों, कमरों में रुकते हैं। इसलिए आप भी उस दिन वहीं विश्राम करें और आसपास की सुंदरता का आनंद लें। अगले दिन सुबह 10-11 बजे के पास केदारनाथ से गौरीकुंड के लिए निकल जाएं। उतरते समय आपको इतना ज्यादा समय नही लगेगा और आप लगभग 3 से 4 घंटों में नीचे पहुँच जाएंगे।
#9. केदारनाथ यात्रा के लिए जरुरी सामान
यहाँ पर किसी भी समय में बारिश शुरू हो सकती है। इसलिए अपने साथ एक रेनकोट अवश्य रखें क्योंकि इसकी कभी भी आवश्यकता पड़ सकती है। इसके अलावा ट्रैकिंग वाले जूते, एक छड़ी, सामान को ढकने के लिए एक प्लास्टिक, इत्यादि आवश्यक सामान अपने साथ रखें।
केदारनाथ के ट्रेक में कहीं-कहीं सीधी चढ़ाई आती है तो कहीं ढलान भी आती है। ऐसे में अपने साथ छड़ी अवश्य रखें। केदारनाथ का ट्रेक शुरू करने से पहले आपको आसानी से 20 से 30 रुपए में एक छड़ी मिल जाएगी। इसलिए इसे लेना ना भूलें क्योंकि पूरे ट्रेक में यह आपकी बहुत सहायता करेगी।
#10. रात में ना करें केदारनाथ ट्रेक
रात में या दिन छिपने के बाद केदारनाथ का ट्रेक भूलकर भी ना करें क्योंकि यह क्षेत्र केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आता है। सुबह के समय सभी प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध होती है और आपके साथ हजारों यात्री ट्रेक कर रहे होते हैं जबकि रात के समय या दिन छिपने के बाद ऐसा नही होता है।
साथ ही इस क्षेत्र में कई भालू भी देखने को मिलते हैं। इसलिए रात के समय केदारनाथ का ट्रेक करना जोखिमभरा हो सकता है। अपना कार्यक्रम ऐसा बनाएं कि आप दिन छिपने से पहले-पहले ही केदारनाथ या गौरीकुंड तक पहुँच जाएं। यदि आप बीच में फंस भी जाते हैं तो बीच में जंगलचट्टी, भीमबली, लिंचोली इत्यादि कई जगह रुकने की व्यवस्था उपलब्ध है।
निष्कर्ष
इन सभी बातों के अलावा केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले अपना मेडिकल अवश्य करवा लें। यदि आपको उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), हृदय या साँस से संबंधित समस्या है तो केदारनाथ यात्रा पर ना जाएं। साथ ही केदारनाथ का ट्रेक शुरू करने से पहले सरकार के द्वारा सभी का मेडिकल चेकअप भी आवश्यक रूप से किया जाता है।
आखिरी बात, केदारनाथ के ट्रेक में अपने साथ सरकारी पहचान पत्र, पंजीकरण कार्ड व एक पासपोर्ट साइज़ फोटो अवश्य साथ में रखें क्योंकि किसी भी समय आपसे यह माँगा जा सकता है। सरकारी पहचान पत्र में अपने साथ आधार कार्ड अवश्य लेकर जाएं। यह सब जानकारी आपके केदारनाथ ट्रेक (Kedarnath Trek) को आनंदमय बना देंगी।
केदारनाथ ट्रेक से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: केदारनाथ ट्रेक में कितना समय लगता है?
उत्तर: केदारनाथ ट्रेक को करने में सामान्य तौर पर 6 से 8 घंटे का समय लग जाता है। हालाँकि यह पूर्ण रूप से व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है।
प्रश्न: केदारनाथ ट्रेक कितना कठिन है?
उत्तर: केदारनाथ के पूरे ट्रेक पर भारत सरकार ने कई तरह की सुख-सुविधाएँ दी हुई है। ऐसे में यह ट्रेक अब कठिन ना रहकर सरल की श्रेणी में आ गया है।
प्रश्न: केदारनाथ कितने किलोमीटर का ट्रेक है?
उत्तर: केदारनाथ कुल 16 किलोमीटर का ट्रेक है। गौरीकुंड से केदारनाथ की चढ़ाई शुरू होती है जहाँ से इसकी दूरी 16 किलोमीटर की है।
प्रश्न: केदारनाथ आसानी से कैसे पहुंचे?
उत्तर: आसानी से केदारनाथ पहुँचने के लिए आप या तो सोनप्रयाग तक बस से पहुँच सकते हैं या फिर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से केदारनाथ जा सकते हैं।
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