श्रीराम व लव कुश का युद्ध व महर्षि वाल्मीकि जी का बीच में आना

Luv Kush Ram Ka Yudh

जब लव कुश ने श्रीराम का अश्वमेघ घोड़ा पकड़कर (Luv Kush Ram Ka Yudh) उनके साम्राज्य को चुनौती दी तो उनका सामना श्रीराम के कई योद्धाओं से हुआ (Luv Kush Ram Ka Milan) लेकिन एक-एक करके उन्होंने सभी को पराजित कर दिया। उनसे युद्ध करने श्रीराम के तीनों भाई (भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न), सुग्रीव तथा स्वयं हनुमान भी आए थे। सभी को उन्होंने पराजित कर दिया था तथा हनुमान तो उनके द्वारा बंदी भी बना लिए गए थे।

यह देखकर श्रीराम स्वयं उनसे युद्ध करने पहुंचे (Luv Kush Meets Ram In Hindi)। हालाँकि ना ही श्रीराम को लव कुश के अपने पुत्र होने का पता था तथा न ही लव कुश को श्रीराम के अपने पिता होने का ज्ञान था। इसी अज्ञानतावश दोनों में युद्ध (Shri Ram VS Luv Kush) शुरू ही होने वाला था कि महर्षि वाल्मीकि जी वहां पहुँच गए।

श्रीराम व लव-कुश का युद्ध (Luv Kush Ram Ka Yudh)

महर्षि ने समझाया श्रीराम को राजा का उत्तरदायित्व

महर्षि वाल्मीकि के वहां पहुँचते ही सभी ने अपने अस्त्र छोड़ दिए तथा श्रीराम ने उनकी चरण वंदना की। उसके पश्चात महर्षि वाल्मीकि जी ने श्रीराम को समझाया कि एक राजा का उत्तरदायित्व स्त्री, वृद्ध तथा बालकों की रक्षा करने का होता है (Luv Kush Ashwamedh Yudh)। इसलिये उन्हें बालकों के हठ के कारण क्रोधित होकर उन पर आक्रमण नही करना चाहिए।

इस पर श्रीराम ने कहा कि वे यह भलीभांति जानते हैं लेकिन ये बालक बहुत हठी हैं तथा इनके द्वारा अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ा गया हैं (Luv Kush Fight With Ram) जो अयोध्या के साम्राज्य को एक चुनौती है। साथ ही कई योद्धाओं के साथ युद्ध करके भी उन्हें परास्त कर दिया हैं इसलिये उन्हें स्वयं युद्ध के लिए आना पड़ा।

वाल्मीकि ने लव कुश को समझाया एक नागरिक का उत्तरदायित्व

इसके पश्चात महर्षि वाल्मीकि जी ने लव कुश का गुरु होने के नाते उन्हें समझाया कि श्रीराम हमारे राजा हैं तथा हम उनकी नगरी में रहते हैं (Did Luv Kush Defeat Ram) तथा एक राजा के विरुद्ध अस्त्र उठाना राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता हैं जो कि अनुचित है। एक राजा अपनी प्रजा के लिए पिता के समान होता हैं। इसलिये राजा के विरुद्ध अस्त्र उठाने का अर्थ अपने पिता के सामने अस्त्र उठाना होता है।

इसलिये उन्होंने लव कुश को समझाया कि एक आदर्श नागरिक होने के नाते वे अपनी हठ को छोड़ दे तथा श्रीराम को उनका घोड़ा वापस दे दे (How Did Luv Kush Meet Ram)। अपने गुरु की आज्ञा मानकर लव कुश ने श्रीराम से क्षमा मांगी तथा उन्हें घोड़ा वापस लौटा दिया।

लव कुश के श्रीराम से प्रश्न (Luv Kush Ram Ka Milan)

घोड़ा लौटाने से पूर्व कुश ने श्रीराम से प्रश्न किया कि जब वे स्वयं सीता को निर्दोष मानते हैं तो क्यों उन्होंने कुछ लोगों के कहने पर माता सीता का त्याग कर दिया तथा उन्हें निःसहाय अवस्था में वन में छोड़ दिया। इस पर श्रीराम ने इसका कारण राजधर्म का पालन करना बताया तथा उन्हें समझाया कि एक सामान्य नागरिक तथा राजा के धर्म में अंतर होता है। राजा केवल वही निर्णय करता हैं जो उसकी प्रजा का मत हो। इसलिये उस समय प्रजा का मत यही था तथा इसी के फलस्वरुप उन्होंने माता सीता का त्याग कर दिया। इसके बाद श्रीराम अपनी सेनासहित वह घोड़ा लेकर अयोध्या लौट गए।

लेखक के बारें में: कृष्णा

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