मंगला गौरी चालीसा (Mangla Gauri Chalisa) | गौरी चालीसा इन हिंदी (Gori Chalisa)

Gauri Chalisa

मंगला गौरी चालीसा (Gauri Chalisa) – अर्थ महत्व व लाभ सहित

गौरी माता भगवान शिव की पत्नी हैं जिनका दूसरा नाम माता पार्वती है। एक तरह से कहा जाए तो माता पार्वती का गौरी वाला रूप विवाहित व अविवाहित स्त्रियों के द्वारा अपने सुहाग की रक्षा तथा मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए पूजा जाता है। यही कारण है कि आज के इस लेख में हम गौरी चालीसा का पाठ (Gauri Chalisa) करने जा रहे हैं।

माता गौरी की चालीसा को केवल पढ़ना ही पर्याप्त नहीं होता है बल्कि साथ के साथ उसका अर्थ भी समझ लिया जाए तो यह और भी शुभकारी सिद्ध होता है। यही कारण है कि आज हम आपके साथ गौरी चालीसा इन हिंदी (Gori Chalisa) में भी सांझा करेंगे ताकि आप उसका संपूर्ण भावार्थ समझ सकें। अंत में आपको मां गौरी चालीसा के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइये पढ़ें मंगला गौरी चालीसा (Mangla Gauri Chalisa)।

गौरी चालीसा (Gauri Chalisa)

।। दोहा ।।

मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान।
गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।।

पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर।
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।।

।। चौपाई ।।

नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता।
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।।

आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता।
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।।

सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मो से कभी हटु ना।
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।।

हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो।
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेह मैं पायु।।

परम आराध्या आप हो मेरी, फिर क्यूं वर में इतनी देरी।
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोड़े में बरकत भर दीजियो।।

अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना।
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।।

देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर में पाते।
श्रद्धा भाव जो लेकर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।।

हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा।
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।।

शिव भी आपका कहा ना टाले, दया दृष्टि हम पे डाले।
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।।

सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती।
दया दृष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।।

जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए।
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।।

सात गुण की हो दाता आप, हर इक मन की ज्ञाता आप।
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।।

दुःख संताप मिटा देना माँ, मेघ दया के बरसा देना माँ।
जबही आप मौज में आय, हठ जय माँ सब विपदाएं।।

जिस पे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप।
फल-फूल मैं दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।।

अवगुन मेरे ढक देना माँ, ममता आंचल कर देना माँ।
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।।

बिन पाऊ न गुन माँ तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे।
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।।

आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार।
निर्मल मन जो शरण में आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।।

संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को माँ सम्भव कर दो।
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।।

आपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली।
मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।।

चालीसा जो भी पढ़े सुनाए, सुयोग वर वरदान मे पाए।
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।।

।। दोहा ।।

गौरी माँ विनती करूँ, आना आपके द्वार।
ऐसी माँ कृपा कीजिये, हो जाए उद्धार।।

हीं हीं हीं शरण में, दो चरणों का ध्यान।
ऐसी माँ कृपा कीजिये, पाऊँ मान सम्मान।।

गौरी चालीसा इन हिंदी (Gori Chalisa – With Meaning)

।। दोहा ।।

मन मंदिर मेरे आन बसो, आरम्भ करूं गुणगान।
गौरी माँ मातेश्वरी, दो चरणों का ध्यान।।

हे महागौरी!! आप मेरे मन के मंदिर में निवास करें, मैं आपकी चालीसा के पाठ का शुभारंभ करती हूँ। हे माँ गौरी!! आप मुझे अपने चरणों में स्थान दीजिये।

पूजन विधी न जानती, पर श्रद्धा है आपर।
प्रणाम मेरा स्विकारिये, हे माँ प्राण आधार।।

मैं तो अज्ञानी हूँ और पूजा-विधि के बारे में इतना जानती नही हूँ लेकिन मेरे मन में श्रद्धा की कोई कमी नहीं है। हे मेरी मातारानी!! आप मेरा प्रणाम स्वीकार कीजिये।

।। चौपाई ।।

नमो नमो हे गौरी माता, आप हो मेरी भाग्य विधाता।
शरनागत न कभी गभराता, गौरी उमा शंकरी माता।।

हे महागौरी!! आपको मेरा नमन है, नमन है। आप ही मेरा भाग्य बनाने वाली हैं। आपकी शरण में जो भी आता है, उसे किसी भी चीज़ की घबराहट नहीं होती है। आप ही महागौरी, उमा व शंकरी माता हो।

आपका प्रिय है आदर पाता, जय हो कार्तिकेय गणेश की माता।
महादेव गणपति संग आओ, मेरे सकल कलेश मिटाओ।।

जो भी आपका भक्त है, उसे हर जगह आदर-सम्मान मिलता है। आप ही कार्तिकेय व गणेश की माँ हैं। आप अपने पति शिव व गणेश जी के साथ मेरे घर आओ और मेरे सभी दुःख-संकट का नाश कर दो।

सार्थक हो जाए जग में जीना, सत्कर्मो से कभी हटु ना।
सकल मनोरथ पूर्ण कीजो, सुख सुविधा वरदान में दीज्यो।।

आपकी कृपा से मेरा जन्म लेना सार्थक हो जाए और मैं हमेशा अच्छे कार्य करूँ। मेरी सभी इच्छाएं पूरी हो जाए और मुझे सभी प्रकार की सुख-सुविधाएँ मिले, ऐसा आप मुझे वरदान दीजिये।

हे माँ भाग्य रेखा जगा दो, मन भावन सुयोग मिला दो।
मन को भाए वो वर चाहु, ससुराल पक्ष का स्नेह मैं पायु।।

हे महागौरी!! आप मेरे भाग्य में मनचाहा और योग्य वर दे दीजिये। मुझे ऐसा वर मिले जिससे मैं बहुत प्रेम करूँ और मुझे ससुराल में भी बहुत स्नेह मिले।

परम आराध्या आप हो मेरी, फिर क्यूं वर में इतनी देरी।
हमरे काज सम्पूर्ण कीजियो, थोड़े में बरकत भर दीजियो।।

मैं तो आपको ही अपनी देवी मानती हूँ, फिर क्यों आप मुझे वरदान देने में इतनी देरी कर रही हैं। अब आप मेरे सभी काम पूरे कर दीजिये और मेरी मनोकामनाओं को पूरा कर दीजिये।

अपनी दया बनाए रखना, भक्ति भाव जगाये रखना।
गौरी माता अनसन रहना, कभी न खोयूं मन का चैना।।

हे माँ महागौरी!! आप अपनी दया की दृष्टि मुझ पर बनाये रखना और मुझ में भक्तिभाव जगाये रखना। हे गौरी माता!! आप मेरे आसपास ही रहना और मेरे मन को विचलित मत होने देना।

देव मुनि सब शीश नवाते, सुख सुविधा को वर में पाते।
श्रद्धा भाव जो लेकर आया, बिन मांगे भी सब कुछ पाया।।

देवता व ऋषि-मुनि सभी आपके सामने अपना सिर झुकाते हैं और वरदान में सुख-सुविधाओं को पाते हैं। जो भी आपके पास श्रद्धा भाव से आया है, उसे तो आपने बिना मांगे ही सब कुछ दे दिया है।

हर संकट से उसे उबारा, आगे बढ़ के दिया सहारा।
जब भी माँ आप स्नेह दिखलावे, निराश मन मे आस जगावे।।

आपने अपने भक्तों के हर संकट को दूर किया है और आगे बढ़ कर उसे सहारा दिया है। आप जब भी हमारे प्रति स्नेह दिखाती हैं, तब-तब हमारे निराश मन में आशा की किरण जाग उठती है।

शिव भी आपका कहा ना टाले, दया दृष्टि हम पे डाले।
जो जन करता आपका ध्यान, जग मे पाए मान सम्मान।।

शिवजी भी आपकी बात को मना नहीं करते हैं और हम पर अपनी दया दृष्टि रखते हैं। जो भी व्यक्ति आपका ध्यान करता है, उसका इस विश्व में मान-सम्मान बढ़ता है।

सच्चे मन जो सुमिरन करती, उसके सुहाग की रक्षा करती।
दया दृष्टि जब माँ डाले, भव सागर से पार उतारे।।

जो भी विवाहित स्त्री सच्चे मन से माँ गौरी का ध्यान करती है, आप उसके पति की रक्षा करती हैं। जिस किसी पर भी माता गौरी की दया दृष्टि पड़ जाती है, वह भवसागर को पार कर जाता है।

जपे जो ओम नमः शिवाय, शिव परिवार का स्नेहा वो पाए।
जिसपे आप दया दिखावे, दुष्ट आत्मा नहीं सतावे।।

जो कोई भी नमः शिवाये का जाप करता है, उसे शिव परिवार का प्रेम मिलता है। जिस किसी पर भी गौरी माता दया दिखाती हैं, उस पर से सभी दुष्ट आत्माओं का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

सात गुण की हो दाता आप, हर इक मन की ज्ञाता आप।
काटो हमरे सकल कलेश, निरोग रहे परिवार हमेश।।

माँ गौरी सात गुणों को धारण किये हुए हैं और हर किसी के मन की इच्छा भी वह जानती हैं। अब आप हमारे सभी संकट दूर कर दीजिये और मेरा परिवार भी स्वस्थ रहे, ऐसा वरदान दीजिये।

दुःख संताप मिटा देना माँ, मेघ दया के बरसा देना माँ।
जबही आप मौज में आय, हठ जय माँ सब विपदाएं।।

हे माँ गौरी!! आप मेरे सभी दुःख व कष्ट दूर कर देना और अपनी दया हमारे ऊपर बरसा देना। जिस भी घर में आप जाती हैं, वहां से सभी तरह की विपदाएं दूर हो जाती है।

जिस पे दयाल हो माता आप, उसका बढ़ता पुण्य प्रताप।
फल-फूल मैं दुग्ध चढ़ाऊ, श्रद्धा भाव से आपको ध्यायु।।

जिस किसी पर भी माता गौरी की कृपा होती है, उसका पुण्य व यश बढ़ता ही जाता है। मैं आपकी पूजा में फल व फूल चढ़ाती हूँ और श्रद्धा भाव से आपका ध्यान करती हूँ।

अवगुन मेरे ढक देना माँ, ममता आंचल कर देना माँ।
कठिन नहीं कुछ आपको माता, जग ठुकराया दया को पाता।।

मेरे अंदर जो भी अवगुण हैं, आप उन्हें दूर कर देना और मेरा आँचल अपनी ममता के प्रेम से भर देना। आपके लिए तो कुछ भी मुश्किल नहीं है और जो इस जगत के द्वारा ठुकरा भी दिया गया हो, उसे भी आपकी भक्ति मिलती है।

बिन पाऊ न गुन माँ तेरे, नाम धाम स्वरूप बहू तेरे।
जितने आपके पावन धाम, सब धामो को माँ प्राणम।।

आपके तो अपने गुणों के अनुसार कई तरह के रूप हैं। ऐसे में आपके जितने भी धाम या सिद्ध पीठ हैं, उन सभी को मैं प्रणाम करती हूँ।

आपकी दया का है ना पार, तभी को पूजे कुल संसार।
निर्मल मन जो शरण में आता, मुक्ति की वो युक्ति पाता।।

आपकी दया की कोई सीमा नहीं है और इसी कारण आपको पूरा संसार पूजता है। जो भी निर्मल मन के साथ आपकी शरण में आ जाता है, उसे मुक्ति मिल जाती है।

संतोष धन्न से दामन भर दो, असम्भव को माँ सम्भव कर दो।
आपकी दया के भारे, सुखी बसे मेरा परिवार।।

हे माँ गौरी!! आप मेरे मन को संतोष प्रदान करें और मुझे धन दें। आप असंभव को भी संभव कर देती हैं। आपकी दया के कारण ही मेरा घर-परिवार सुखी रहता है।

आपकी महिमा अति निराली, भक्तो के दुःख हरने वाली।
मनोकामना पुरन करती, मन की दुविधा पल मे हरती।।

आपकी महिमा तो बहुत ही निराली है और आप अपने भक्तों का हरेक दुःख दूर कर देती हैं। आप अपने भक्तों की हरेक इच्छा पूरी करती हैं और उनके मन में चल रही दुविधा को दूर कर देती हैं।

चालीसा जो भी पढ़े सुनाए, सुयोग वर वरदान मे पाए।
आशा पूर्ण कर देना माँ, सुमंगल साखी वर देना माँ।।

जो भी स्त्री इस गौरी चालीसा का पाठ करती है या दूसरों को सुनाती है, उसे माँ गौरी के आशीर्वाद से योग्य वर की प्राप्ति होती है। हे माता गौरी!! आप मेरे मन की इच्छा को पूरा कर देना और मुझे मनचाहा वर देना।

।। दोहा ।।

गौरी माँ विनती करूँ, आना आपके द्वार।
ऐसी माँ कृपा कीजिये, हो जाए उद्धार।।

हे माता गौरी!! मैं आपके मंदिर आकर आपसे प्रार्थना करती हूँ कि आप मुझ पर ऐसी कृपा कीजिये कि मेरा उद्धार हो जाए।

हीं हीं हीं शरण में, दो चरणों का ध्यान।
ऐसी माँ कृपा कीजिये, पाऊँ मान सम्मान।।

मैं आपके चरणों में गिरी पड़ी हूँ और आपका ही ध्यान करती हूँ। अब आप मुझ पर ऐसी कृपा कीजिये कि मैं हर जगह मान-सम्मान पाऊं।

मंगला गौरी चालीसा (Mangla Gauri Chalisa) – महत्व

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के कई रूप माने जाते हैं जिनमे त्रिदेव को मुख्य ईश्वर तथा त्रिदेवियों को मुख्य देवियाँ माना जाता है। इसमें माँ सरस्वती को विद्या व माँ लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है जबकि माता गौरी को माँ आदिशक्ति का ही रूप मानते हुए उन्हें इस सृष्टि की जननी कहा गया है। इसी कारण गौरी चालीसा का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

गौरी माता की चालीसा के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया गया है कि हमारे जीवन में माता गौरी का कितना अधिक महत्व है। गौरी चालीसा के माध्यम से आपने माता गौरी के गुणों, महत्व, शक्तियों व कर्मों के बारे में जान लिया है। तो यही मंगला गौरी चालीसा का महत्व होता है। ऐसे में हमें पवित्र मन के साथ प्रतिदिन माता गौरी की चालीसा का पाठ करना चाहिए।

मां गौरी चालीसा (Maa Gauri Chalisa) – लाभ

यदि किसी कन्या के विवाह में बार-बार अड़चन आ रही है, उसके विवाह में बिना किसी कारण विलंब हो रहा है, उसे अपनी इच्छा के अनुरूप वर चाहिए जो जीवनपर्यंत उसका साथ निभाए, तो उसे गौरी चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे विवाह में आ रही हर प्रकार की अड़चन व ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।

कई बार यह देखने में आता है कि व्यक्ति की कुंडली या ग्रहों की स्थिति इस प्रकार होती है कि उसका विवाह नहीं हो पाता है या विवाह के उपरांत भी अड़चन आती है। ऐसे में मनचाहा वर प्राप्त करने और विवाह बाद शांति से जीवनयापन करने के लिए हर स्त्री को मंगला गौरी चालीसा का पाठ करना चाहिए। पुरुष भी मनचाही स्त्री से विवाह करने के लिए गौरी जी की चालीसा का पाठ कर सकता है।

गौरी चालीसा से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: मंगला गौरी का पूजन कैसे करें?

उत्तर: मंगला गौरी का पूजन करने के लिए आपको सुबह जल्दी उठकर माता गौरी की मूर्ति के सामने बैठकर गौरी स्तुति, चालीसा, स्तोत्र व आरती का पाठ करना चाहिए।

प्रश्न: मंगला गौरी का व्रत क्यों किया जाता है?

उत्तर: मंगला गौरी का व्रत अविवाहित स्त्री के द्वारा मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तथा विवाहित स्त्री के द्वारा अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न: मंगला गौरी की पूजा कब की जाती है?

उत्तर: वैसे तो आप वर्ष में कभी भी मंगला गौरी की पूजा कर सकते हैं लेकिन श्रावण के महीने में गौरी माता की पूजा किया जाना सबसे ज्यादा फलदायी सिद्ध होता है।

प्रश्न: गौरी मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

उत्तर: आप एक बारी में 108 बार गौरी मंत्र का जाप कर सकते हैं।

प्रश्न: मंगला गौरी व्रत कितने करने चाहिए?

उत्तर: आप श्रावण के महीने के सभी सोमवार को मंगला गौरी के व्रत कर सकते हैं।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.