मंकी पॉइंट कसौली या श्री संजीवनी हनुमान मंदिर की संपूर्ण जानकारी

Manki Point Kasauli

आज हम आपको मंकी पॉइंट कसौली (Manki Point Kasauli) के बारे में बताने वाले हैं। जो लोग कसौली होकर आ चुके हैं, वे अवश्य ही इस जगह पर गए होंगे। वह इसलिए क्योंकि यहाँ पर हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है। इसे कसौली का हनुमान मंदिर (Hanuman Mandir Kasauli) या श्री संजीवनी हनुमान मंदिर भी कहते हैं।

दरअसल यह हनुमान जी का कोई सामान्य मंदिर नहीं है। इसकी कथा राम-रावण युद्ध से जुड़ी हुई है जिसका संबंध भक्त हनुमान से है। इस कारण इस मंदिर का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। आज हम आपके सामने इसी हनुमान मंदिर या Manki Point का संपूर्ण इतिहास रखने वाले हैं।

Manki Point Kasauli | मंकी पॉइंट कसौली

कसौली में स्थित यह हनुमान मंदिर बहुत ही सुंदर और एक पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ पर आपको असंख्य बंदर मिल जाएंगे। इस कारण भी इस जगह का नाम मंकी पॉइंट कसौली रखा गया है। बाहर से आने वाले लोग इसे इसी नाम से ही जानते हैं जबकि यहाँ के स्थानीय निवासियों के बीच यह हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

जो लोग Monkey Point Kasauli की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो उन्हें हम बता दें कि कसौली चंडीगढ़ से लगभग 70 किलोमीटर ही दूर है। यहाँ तक आप बस या टैक्सी की सहायता से आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए सोलन-शिमला का रास्ता ही जाता है। कसौली के लिए सड़क सोलन आने से पहले ही मुड़ जाती है।

मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ चढ़ाई करनी पड़ती है। पूरे रास्ते पर सीढ़ियाँ बनी हुई है जिन पर आसानी से चढ़ा जा सकता है। आइए संजीवनी हनुमान मंदिर के बारे में शुरू से लेकर अंत तक पूरी जानकारी ले लेते हैं।

Hanuman Mandir Kasauli का इतिहास

रामायण काल के समय भगवान रामरावण के बीच भीषण युद्ध चल रहा था। उस समय मेघनाद के बाण से लक्ष्मण मुर्छित हो गए थे। तब लंका के राज वैद्य सुषेण ने हिमालय पर्वत पर स्थित संजीवनी बूटी लेकर आने के लिए कहा था। इसी से ही लक्ष्मण के प्राणों को बचाया जा सकता था। इस काम के लिए हनुमान जी को भेजा गया था।

हिमालय पहुंचकर हनुमान जी संजीवनी बूटी को पहचान नहीं पाए तो उन्होंने अपना विशाल रूप लेकर उस पूरे संजीवनी पर्वत को ही उठा लिया था। उस पर्वत को वे वापस लेकर आ रहे थे। इसी बीच उन्होंने हिमालय के ऊपर से उड़ते हुए कसौली के इस पर्वत पर अपना दायां पैर रखा था। आज वह पर्वत हनुमान जी के पैर के आकार में उस जगह स्थित है।

इसी के साथ उस पहाड़ी पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी बनाया गया था। इसे ही हम सभी Hanuman Mandir Kasauli के नाम से जानते हैं जिसे देखने भक्तगण दूर-दूर से यहाँ आते हैं।

हनुमान मंदिर कसौली का नजारा

यह मंदिर पूरी तरह से भारतीय वायु सेना के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए यहाँ सुरक्षा के सारे मापदंडों से गुजर कर ही आपको जाने की अनुमति मिलेगी। यह एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है जहाँ पर पहुंचने के लिए आपको कई सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है।

सीढ़ियाँ चढ़ते समय आपको बीच में रामलला व हनुमान के मधुर भजन सुनने को मिलेंगे। इसी के साथ आपको रास्ते में बहुत ही प्यारे व प्रेरणादायक अनमोल वचन भी पढ़ने को मिलेंगे। मंदिर पहाड़ी पर स्थित होने के कारण आपको बीच-बीच में वादियों का इतना सुंदर नजारा देखने को मिलेगा कि यह यात्रा आपके लिए यादगार बन जाएगी।

साथ ही मंदिर में प्रवेश करते समय व सबसे ऊपर आपको खाने-पीने के लिए दुकान भी मिल जाएगी जहाँ से आप चाय पानी या खाना खा सकते हैं। सबसे ऊपर पहुंचकर आप हनुमान जी के दर्शन कर पाएंगे लेकिन ध्यान रहे यहाँ आपको बहुत बंदर भी देखने को मिलेंगे जो बहुत ही शरारती भी होते हैं।

Monkey Point Kasauli का नजारा

यह सबसे ऊपर मंदिर के साथ ही स्थित है। जहाँ पर भगवान हनुमान के ही रूप में बहुत सारे बंदर रहते हैं इसलिए इसे मंकी पॉइंट भी कहा जाता है। यहाँ आने वाले बहुत से लोग इस जगह को मंकी पॉइंट के नाम से भी जानते हैं व इसी नाम से वे इसे देखने आते हैं। यहाँ आने के बाद उन्हें एहसास होता है कि वे कितनी महत्त्वपूर्ण जगह पर आए हैं।

मंकी पॉइंट से मंदिर के आसपास का नजारा इतना सुंदर व भव्य है कि आप अपलक देखते रह जाएंगे। चूँकि यह चोटी कसौली की सबसे ऊँची चोटी है, इसलिए यहाँ से आप पूरे शहर का नज़ारा देख सकते हैं। मंकी पॉइंट से आप चंडीगढ़, शिमला व हिमालय की चोटियों को देख सकते हैं जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा पेश करते हैं।

यहाँ पहुंचकर आपको ठंडी-ठंडी हवाओं के साथ-साथ शांति का अहसास होगा जिससे आपके मन को सुकून प्राप्त होगा। साथ ही वहां आपको बंदर भी मौज मस्ती करते हुए दिख जाएंगे। यह सब आपको रोमांचित कर देगा।

कसौली के हनुमान मंदिर जाने के नियम

चूँकि यह मंदिर पूर्णतया वायु सेना के अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए आपको यहाँ अंदर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सामान, लेज़र, मोबाइल, हैंड बैग, कैमरा, स्मार्ट वाच या ऐसी कोई भी चीज़ जिससे वायु सेना के नियमों का उल्लंघन होता है, वह अंदर ले जाने की मनाही है। इन सबको आप लॉकर रूम में जमा करा सकते हैं जहाँ प्रत्येक वस्तु को जमा कराने का शुल्क 10 से 20 रूपए है।

इसी के साथ ही आपको अंदर जाने के लिए एक आईडी कार्ड दिया जाएगा जिसके लिए आपको अपना कोई एक सरकारी पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता होगी। इसी को देखकर ही आपको अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। इन सबके अलावा, किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर आपके ऊपर सख्त कार्यवाही की जा सकती है।

Monkey Point Kasauli Timings | समय

मंदिर के खुलने का समय सुबह 9 बजे है व बंद होने का शाम 5 बजे। मंदिर में आखिरी आईडी कार्ड शाम 4:30 पर दिया जाता है, इसके बाद आपको अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसी के साथ मंदिर में जाने का कोई भी शुल्क नहीं है किन्तु आपको अपना सामान लॉकर रूम में रखवाने के लिए शुल्क देना होगा।

Manki Point Kasauli किस मौसम में जाएं?

यह मंदिर साल के 12 महीने खुला रहता है। आप अपनी पसंद के महीने व मौसम में यहाँ की यात्रा कर सकते हैं। फिर भी जुलाई से अक्टूबर के महीनों में यहाँ का मौसम बहुत ही सुहाना रहता है। इस कारण श्रद्धालुओं की भीड़ भी इन्हीं महीनों में सबसे ज्यादा रहती है। अक्टूबर के बाद यहाँ अत्यधिक ठंड पड़ती है लेकिन मंदिर के कपाट भक्तों के लिए हमेशा खुले रहते हैं।

अब यदि आपका कभी सोलन या शिमला जाने का कार्यक्रम बने तो आप मंकी पॉइंट कसौली (Manki Point Kasauli) जाना बिल्कुल भी ना भूलें। लंबे रास्ते में यहाँ एक दिन का आराम भी हो जाएगा और एक नई जगह भी कवर हो जाएगी।

मंकी पॉइंट कसौली से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: कसौली में मंकी प्वाइंट कैसे पहुंचे?

उत्तर: कसौली के बस स्टैंड से मंकी पॉइंट की दूरी लगभग 3 से 4 किलोमीटर है इसके लिए आपको मंदिर तक चढ़ाई चढ़नी होगी और उसके बाद ही आप मुख्य मंदिर तक पहुँच सकते हैं

प्रश्न: मंकी पॉइंट, कसौली में कितनी सीढ़ियां हैं?

उत्तर: मंकी पॉइंट, कसौली में लगभग 500 के आसपास सीढ़ियां हैं यहाँ तक वाहन से नहीं पहुंचा जा सकता है और उसके लिए आपको सीढ़ियाँ ही चढ़नी होगी

प्रश्न: मंकी पॉइंट कसौली कितना ऊंचा है?

उत्तर: मंकी पॉइंट कसौली की समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 6500 मीटर के आसपास है मंदिर तक 500 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचा जा सकता है

प्रश्न: मंकी पॉइंट कहां है?

उत्तर: मंकी पॉइंट हिमाचल प्रदेश राज्य में सोलन के पास स्थित है यह चंडीगढ़ से लगभग 70 किलोमीटर दूर पड़ता है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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