मेघनाथ शक्ति रामायण में सबसे घातक थी!! जाने कैसे

मेघनाथ रामायण (Meghnath Ramayan)

आज हम मेघनाथ की शक्ति (Meghnath Ki Shakti) के बारे में जानेंगेमेघनाथ रावण का सबसे बड़ा पुत्र था जो बचपन से ही अत्यंत शक्तिशाली था। रावण ने अपने पुत्र को अविजयी बनाने के लिए कई प्रकार के जतन किए थे। उदाहरण के तौर पर उसके जन्म के समय में सभी ग्रहों की दिशा स्थिति सही करना। इस कारण समय के साथ-साथ वह रावण से भी अधिक शक्तिशाली होता जा रहा था।

जब मेघनाथ बड़ा हो गया तब उसने राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य की सहायता से भगवान शिव, विष्णु व ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कई यज्ञ किए थे। इसके बलबूते मेघनाथ शक्ति रामायण (Meghnath Shakti Ramayan) में एक मुख्य शक्ति के रूप में उभरी थी। आइए जानते हैं मेघनाथ की शक्तियों के बारे में।

Meghnath Ki Shakti | मेघनाथ की शक्ति

जब रावण को इस बात का पता चला तो वह अनुष्ठान वाली जगह पर पहुँचा व मेघनाद से पूछा कि वह यह किस शक्ति को प्राप्त करने के लिए ऐसा कर रहा है। तब रावण के प्रश्नों का उत्तर गुरु शुक्राचार्य ने दिया क्योंकि इस पूरे अनुष्ठान में मेघनाथ को मौन धारण करना था।

गुरु शुक्राचार्य के साथ मेघनाथ ने अपनी कुलदेवी निकुंबला को साक्षी मानकर कुल सात यज्ञों का अनुष्ठान किया था। यह सात यज्ञ थे अग्निष्ठोम, अश्व्मेथ, बहुस्वर्णक, राजसूय, गोहमेध तथा वैष्णव। यह सभी यज्ञ करना एक व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन था। किंतु मेघनाथ ने गुरु शुक्राचार्य की सहायता से इन सभी यज्ञों को पूर्ण किया व त्रिदेव को प्रसन्न करके उनसे अनेक वर व शक्तियां प्राप्त की।

Meghnath Shakti Ramayan | मेघनाथ शक्ति रामायण

इन यज्ञों के भलीभाँति पूर्ण होने के पश्चात भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने उसे दर्शन देकर इस यज्ञ के फलस्वरूप मिलने वाली कई शक्तियां प्रदान की। उसे मिले वरदानों में कुछ प्रमुख वर इस प्रकार थे:

#1. तामसी रथ

यह रथ मेघनाथ की इच्छानुसार चल सकता था व आकाश में उड़ भी सकता था। इस रथ को पाने के बाद किसी भी युद्ध में उसकी तीव्रता अत्यधिक बढ़ गई थी। वह इच्छानुसार अपने रथ को कभी आकाश तो कभी पृथ्वी पर ला सकता था। साथ ही किसी भी दिशा से शत्रु पर प्रहार कर सकने में भी वह सक्षम हो गया था।

#2. अक्षय तरकश व दिव्य धनुष

मेघनाथ को दो तरकश भी मिले थे जिनमें कभी भी बाण समाप्त नहीं होते थे। साथ ही दिव्य धनुष भी प्राप्त हुआ था जिसकी सहायता से वह बिना थके शत्रु पर बाणों की बौछार कर सकता था।

#3. ब्रह्मास्त्र

भगवान ब्रह्मा के द्वारा उसे उनके सबसे बड़े अस्त्र ब्रह्मास्त्र की भी प्राप्ति हुई थी। इसके द्वारा वह किसी भी शत्रु का उसकी सेना समेत समूल नाश कर सकता था। इसी अस्त्र का प्रयोग उसने हनुमान पर किया था।

#4. वैष्णव अस्त्र

भगवान विष्णु के सबसे बड़े अस्त्र वैष्णव अस्त्र की भी उसे प्राप्ति हुई थी जो अपने शत्रु को भेदकर ही वापस आता है। इसे नारायण अस्त्र भी कहते हैं।

#5. पशुपति अस्त्र

यह भगवान शिव का सबसे बड़ा अस्त्र है जिसे उन्होंने प्रसन्न होकर मेघनाथ को दे दिया था। यह शिव व काली का अस्त्र है व इससे हुए विनाश को फिर से ठीक नहीं किया जा सकता है। इन सभी शक्तियों को प्राप्त करने के पश्चात वह रावण से भी अत्यधिक शक्तिशाली योद्धा बन चुका था। भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों के सबसे महान अस्त्र मेघनाथ के पास होने के कारण संपूर्ण विश्व में उससे अधिक शक्तिशाली कोई भी नहीं था।

मेघनाथ शक्ति का मुख्य रहस्य है ब्रह्मा का वरदान

इसके साथ ही उसे भगवान ब्रह्मा से एक वर भी प्राप्त हुआ था। इसे भगवान ब्रह्मा ने इंद्र देव को मेघनाथ के कारावास से मुक्त करवाने के लिए दिया था। उस वर के फलस्वरूप यदि मेघनाथ किसी भी युद्ध पर जाने से पहले अपनी कुलदेवी निकुंबला का यज्ञ कर ले तो उस युद्ध में उसे कोई भी परास्त नहीं कर सकता है।

इस तरह से राम-रावण युद्ध में मेघनाथ की शक्ति (Meghnath Ki Shakti) का कोई तोड़ नहीं था। अवश्य ही वह सभी में सबसे शक्तिशाली योद्धा था। हालाँकि उसका सामना स्वयं नारायण अवतार से था। अब ईश्वर से कोई भी योद्धा नहीं जीत सकता है, फिर चाहे वह कितना ही शक्तिशाली क्यों ना हो। इस कारण शेषनाग के अवतार लक्ष्मण के हाथों उसकी मृत्यु हो गई थी।

मेघनाथ शक्ति से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: मेघनाथ की शक्ति क्या थी?

उत्तर: मेघनाथ को भगवान ब्रह्मा, विष्णु व शिव से कई तरह की शक्तियां प्राप्त हुई थी उसके पास ब्रह्माण्ड के तीनों सर्वोच्च अस्त्र ब्रह्मास्त्र, शिव त्रिशूल व नारायण अस्त्र भी थे

प्रश्न: मेघनाथ को कौन मार सकता है?

उत्तर: मेघनाथ को लक्ष्मण मार सकते थे क्योंकि उन्होंने 14 वर्षों तक सन्यासी व ब्रह्मचर्य का जीवन व्यतीत किया था

प्रश्न: मेघनाद की शक्तियां क्या थीं?

उत्तर: मेघनाथ की शक्तियां एक नहीं बल्कि कई थी उसके पास तीन सर्वोच्च अस्त्र ब्रह्मास्त्र, पशुपति अस्त्र व वैष्णव अस्त्र भी थे

प्रश्न: मेघनाथ रावण का क्या लगता था?

उत्तर: मेघनाथ रावण की सबसे बड़ी व लंका की मुख्य महारानी मंदोदरी का सबसे बड़ा पुत्र था

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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