पार्वती माता आरती हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

पार्वती माता आरती (Parvati Mata Aarti)

आज हम पार्वती माता की आरती (Parvati Mata Ki Aarti) हिंदी में अर्थ सहित समझेंगे। माता पार्वती की चालीसा को केवल पढ़ना ही पर्याप्त नहीं होता है बल्कि साथ के साथ उसका अर्थ भी समझ लिया जाए तो यह और भी शुभकारी सिद्ध होता है। यही कारण है कि आज हम आपके साथ मां पार्वती चालीसा हिंदी में साझा करेंगे ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें।

लेख के आखिर में पार्वती माता आरती (Parvati Mata Aarti) करने के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइए सबसे पहले जानते हैं पार्वती माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित।

Parvati Mata Ki Aarti | पार्वती माता की आरती

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥

पार्वती माता की जय हो, जय हो। वे ही ब्रह्म तथा सत्य हैं अर्थात सृष्टि की शुरुआत और अंत वही हैं और वही हमें शुभ फल प्रदान करती हैं।

अरिकुल पदम विनासिनी निज सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता॥

पार्वती माता हमारे शत्रुओं का नाश कर देती हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। वे ही हम सभी को जीवन प्रदान करने वाली हैं और हम सभी उनकी महिमा का वर्णन करते हैं।

सिंह को वाहन साजे कुण्डल हैं साथा।
देबबंधु जस गावत नृत्य करत ता था॥

माँ पार्वती सिंह पर सवारी करती हैं और यही उनका वाहन है। उन्होंने अपने कानो में कुंडल पहन रखे हैं। सभी देवता माता पार्वती के स्वागत में भजन गाते हैं और नृत्य करते हैं।

सतयुग रूप शील अतिसुन्दर नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी सखियन संगराता॥

सतयुग में माता पार्वती ने बहुत ही सुन्दर रूप लिया था जिनका नाम सती था। इसके बाद उन्होंने हिमालय पर्वत के यहाँ पुत्री रूप में जन्म लिया और पार्वती कहलायी। उन्होंने अपनी सखियों सहित बहुत मौज-मस्ती की।

शुंभ निशुंभ विदारे हेमांचल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धारिके चक्र लियो हाथा॥

माँ पार्वती ने माँ काली के रूप में शुंभ-निशुंभ राक्षसों का वध कर दिया था और उनका निवास स्थान पर्वत पर है। उन्होंने शत्रुओं का नाश करने के लिए अपनी हजारों भुजाओं में अनेक अस्त्र-शस्त्र धारण किये हुए हैं।

सृष्टि रूप तू ही है जननी शिव रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लही है हाथन मदमाता॥

इस सृष्टि को जन्म और इसे यह रूप माता पार्वती ने ही दिया है। इस कार्य में वे भगवान शिव की सहयोगी रही हैं। माता पार्वती के स्वागत में तो नंदी भी अपने हाथों में भृंगी व बीन लिए मदहोश होए जा रहा है।

देवन अरज कीनी हम मन चित्त को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंग आता॥

सभी देवता मिलकर माता पार्वती के सामने याचना करते हैं और हम सभी पार्वती माँ का ही ध्यान करते हैं। हम पूजा की थाली लेकर माता पार्वती के रंग में रंगकर उनकी आराधना करते हैं।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी नित रहता सुख संपत्ति पाता॥

जो कोई भी भक्तगण माता पार्वती की आरती गाता है, वह माता पार्वती की कृपा से हमेशा सुख को प्राप्त करता है और उसके घर में भी सुख-संपत्ति का वास होता है।

इस तरह से आज हमने पार्वती माता आरती हिंदी में (Parvati Mata Aarti) पढ़ ली है। अब बारी आती है पार्वती आरती के लाभ और महत्व को जानने की। तो चलिए वह भी जान लेते हैं।

पार्वती माता आरती का महत्व

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के कई रूप माने जाते हैं जिनमे त्रिदेव को मुख्य ईश्वर तथा त्रिदेवियों को मुख्य देवियाँ माना जाता है। इसमें माँ सरस्वती को विद्या व माँ लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है जबकि माता पार्वती को माँ आदिशक्ति का ही रूप मानते हुए उन्हें इस सृष्टि की जननी कहा गया है। इसी कारण पार्वती माता आरती का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

पार्वती माता की आरती के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया गया है कि हमारे जीवन में माता पार्वती का कितना अधिक महत्व है। पार्वती माता आरती के माध्यम से आपने माता पार्वती के गुणों, महत्व, शक्तियों व कर्मों के बारे में जान लिया है। तो यही माता पार्वती की आरती का महत्व होता है। ऐसे में हमें पवित्र मन के साथ प्रतिदिन माता पार्वती माता की आरती का पाठ करना चाहिए।

पार्वती माता की आरती के लाभ

अभी तक आपने पार्वती माता आरती का पाठ कर लिया है तथा साथ ही उसका अर्थ व महत्व भी जान लिया है। तो यह सब पढ़कर आपको पार्वती माता की आरती को पढ़ने से मिलने वाले फायदों के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान हो गया होगा। फिर भी हम इसे विस्तृत रूप देते हुए आपको बता दें कि चूँकि पार्वती माता को ही माँ आदिशक्ति माना जाता है और उनके द्वारा ही हम सभी की उत्पत्ति हुई है तो वही हम सभी का कल्याण भी करती हैं।

माँ पार्वती ही इस सृष्टि की देखरेख करती हैं और धर्म की रक्षा करती हैं। ऐसे में यदि हमारे जीवन में कोई संकट है या आगे का मार्ग नहीं सूझ रहा है या स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या परेशान कर रही है, तो उसके लिए माता पार्वती को प्रसन्न किया जाना अति-आवश्यक हो जाता है। यदि हम प्रतिदिन सच्चे मन से पार्वती माता की आरती का पाठ करते हैं तो अवश्य ही हमारा उद्धार हो जाता है। यही पार्वती माता आरती का मुख्य लाभ होता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने पार्वती माता की आरती हिंदी में अर्थ सहित (Parvati Mata Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने पार्वती आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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