रक्षाबंधन का महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatva) क्या है? रक्षाबंधन का त्यौहार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन सभी बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके स्वस्थ व उत्तम जीवन की कामना करती हैं। इसी के साथ भाई भी जीवनभर अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।
आज के समय में इस त्यौहार का अर्थ धीरे-धीरे करके बदलता जा रहा है। अब यह ज्यादातर घरों में दिखावटी त्यौहार बनकर रह गया है तथा लोग इसे दूसरों को दिखाने के उद्देश्य से ज्यादा मनाने लगे हैं। आजकल हम रक्षाबंधन त्यौहार के आने से कुछ दिन पहले टीवी, सोशल मीडिया, समाचार पत्र इत्यादि देखेंगे तो वहाँ अपनी बहन को क्या उपहार दें, इसके बारे में वह विज्ञापनों से भरा पड़ा होगा। ऐसे में रक्षाबंधन मनाने का कारण (Rakshabandhan Manane Ka Karan) कहीं खो सा गया है।
कुछ कंपनी तो रक्षा बंधन के अवसर पर अपने नए विज्ञापन निकाल देती है तथा बहनों को महंगे से महंगा गिफ्ट देने को कहती है। यही नहीं, आजकल तो वापसी गिफ्ट के तौर पर भाई को भी कुछ न कुछ देने की परंपरा चल पड़ी है। राखियों में भी एक से बढ़कर एक राखी, सोने मोती जड़ी हुई इत्यादि बाजार में आ चुकी है।
रक्षाबंधन का महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatva)
क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा करके हम इस पवित्र रिश्ते के त्यौहार को केवल दिखावटी या पैसों इत्यादि की ओर मोड़ रहे हैं? क्या यह केवल महँगी से महँगी राखी बांधने तथा महंगे से महंगा गिफ्ट देने से आँका जाएगा? क्या भाई या बहन के प्रेम को पैसों इत्यादि के मूल्य पर आँका जाना सही है? किसी को अपने भाई से महंगा गिफ्ट मिला या ज्यादा पैसे मिले और किसी को कम तो क्या उसके भाई का उसके प्रति प्रेम कम है?
इसके साथ ही क्या अपने भाई को बस राखी बांध देने से आपका कर्तव्य पूरा हो गया या अपनी बहन को एक गिफ्ट दे देने से आपका कर्तव्य पूर्ण हो गया? यह सरासर अनुचित है।
रक्षाबंधन का पर्व इतना पावन है कि विश्व की कोई भी वस्तु एक भाई व बहन के प्रेम को दरकिनार नहीं कर सकती। भाई व बहन आपके जीवन में वह व्यक्ति होते हैं जो आपके साथ ही जन्म लेते हैं तथा जिनसे आपका संबंध आपकी मृत्यु तक रहता है। एक माता-पिता निश्चित सीमा के बाद आपको छोड़कर चले जाते हैं, पति या पत्नी विवाह के पश्चात आपके बनते हैं जबकि भाई-बहन का रिश्ता जन्म से लेकर मृत्यु तक साथ निभाता है।
यह एक ऐसा रिश्ता होता है जिसके प्रेम को शब्दों में शायद ही आँका जा सके। बचपन में या बड़े होने पर भी एक भाई या बहन के बीच पता नहीं कितनी बातों को लेकर नोंकझोंक या लड़ाई झगड़े होते हैं, कितनी बातों को लेकर कहासुनी होती है तो कितनी ही बातों को लेकर प्रेम भी झलकता है। किंतु एक भाई कभी भी अपनी बहन का अमंगल तथा एक बहन अपने भाई का बुरा नहीं सोच सकती।
रक्षाबंधन मनाने का कारण (Rakshabandhan Manane Ka Karan)
विवाह के पश्चात दोनों के घर भले ही अलग हो जाए लेकिन दोनों को एक दूसरे की चिंता हमेशा लगी रहती है। होगी भी क्यों नहीं, बचपन का जुडाव जो होता है। एक भाई कभी नहीं चाहेगा कि उसकी प्यारी सी बहन अपने ससुराल में दुःख पाए तो एक बहन भी हमेशा यही चाहेगी कि उसे मुझसे भी ज्यादा प्यार करने वाली एक पत्नी मिले।
इसलिए इसी प्रेम को प्रकट करने के लिए हम रक्षा बंधन का पावन पर्व मनाते हैं जिस दिन एक बहन प्यार से यदि अपने भाई की कलाई पर एक धागा भी बांध दे तो वह महँगी से महँगी राखियों को भी पीछे छोड़ दे। इसके बदले एक भाई उसे कोई महंगा उपहार इत्यादि देने की बजाए उसे यह बता दे कि वह निर्भीक होकर किसी भी समय कोई भी बात उसके साथ साँझा कर सकती है व उसे यह आश्वासन हो कि उसका भाई हर परिस्थिति में उसके साथ खड़ा है तो इससे बड़ा उपहार शायद ही कोई हो।
इसलिए हमारा आप सभी से आग्रह है कि रक्षा बंधन के पर्व को मनाते समय इसकी पवित्रता तथा उद्देश्य को अवश्य ध्यान में रखें तथा उसी को ध्यान में रखकर इस पर्व का आयोजन करें। इसी के साथ यदि आप राखी या कोई उपहार खरीदें तो अपने देश में बनी राखियाँ तथा उपहार ही खरीदें। आशा है कि आज आपको रक्षाबंधन का महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatva) समझ में आ गया होगा।
रक्षाबंधन के महत्व से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: रक्षा बंधन का मतलब क्या होता है?
उत्तर: रक्षा बंधन का मतलब होता है भाई-बहन के बीच पवित्र रिश्ते की बागडोर। इस दिन सभी बहने अपने भाई के दीर्घायु होने की कामना करती है तो वहीं सभी भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन लेते हैं।
प्रश्न: रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को समझाना है। एक तरह से यह दोनों के बीच के रिश्ते को समझाने और समझने का दिन माना जाता है।
प्रश्न: रक्षा बंधन का असली संदेश क्या है?
उत्तर: रक्षा बंधन का असली संदेश यही होता है कि भाइयों को सदैव अपनी बहनों के मान की रक्षा करनी चाहिए। वहीं बहनों को भी अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
प्रश्न: रक्षाबंधन की सच्चाई क्या है?
उत्तर: रक्षाबंधन की सच्चाई भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दिखाती है। इसी दिन द्रौपदी भी भगवान श्रीकृष्ण को राखी बाँधा करती थी और श्रीकृष्ण ने भी उनके मान की रक्षा की थी। उसके बाद से यह हर भाई-बहन का त्यौहार बन गया।
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