राम मंदिर शेड्यूल (Ram Mandir Schedule): देश-विदेश के हर व्यक्ति के द्वारा जो श्रीराम में आस्था रखता है, 22 जनवरी की बहुत ही बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है। यह वह दिन होगा जब 550 वर्षों के पश्चात रामलला पुनः अपने गर्भगृह में विराजित होंगे। इसके लिए ना जाने कितने ही आंदोलन किये गये, लड़ाईयां लड़ी गयी और लाखों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। अब वह घड़ी बस नजदीक ही है जिसकी हम सदियों से प्रतीक्षा कर रहे थे।
हम में से बहुत लोग केवल यही जानते हैं कि 22 जनवरी के दिन रामलला अपने गर्भगृह में विराजित हो जाएंगे लेकिन उसके लिए कार्यक्रम की शुरुआत एक सप्ताह पहले से ही हो जाएगी। दरअसल 15 जनवरी को खरमास अर्थात मलमास समाप्त हो रहे हैं और उसके अगले दिन अर्थात 16 जनवरी 2024 से ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का समारोह शुरू हो जाएगा।
ऐसे में आज हम आपके साथ 16 से 22 जनवरी 2024 तक का राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का पूरा शेड्यूल (Ram Mandir Pran Pratishtha Schedule In Hindi) सांझा करने वाले हैं। इसमें हर दिन का अपना अलग महत्व है और जो इसके साक्षी बनेंगे, वो अपने आप को अभी से ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा शेड्यूल (Ram Mandir Pran Pratishtha Schedule In Hindi)
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तो बहुत पहले से ही शुरू हो गया था या यूँ कहें कि उसकी तैयारियां तो बहुत पहले से ही की जा रही है। हालाँकि इसकी आधिकारिक शुरुआत मलमास समाप्त होते ही 16 जनवरी से हो जाएगी। इस प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी होंगे।
देव की प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक मुख्य पुजारी के साथ-साथ यजमान का होना अनिवार्य होता है। प्राचीन समय में विशेष अवसर पर राजा को यजमान बनाया जाता था क्योंकि उनसे बड़ा यजमान कोई और नहीं हो सकता है। वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री ही देश के राजा का स्वरुप है। ऐसे में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के यजमान के रूप में वे 15 या 16 जनवरी को ही अयोध्या पहुँच जाएंगे।
उसके बाद विधिवत रूप से 16 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम (Ram Mandir Pran Pratishtha Program) शुरू हो जाएगा। अब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा शेड्यूल किस तरह का होगा, आइये उस पर एक नज़र डाल लेते हैं।
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16 जनवरी 2024 – यजमान का सरयू स्नान
सबसे पहले अर्थात 16 जनवरी के दिन यजमान अर्थात देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा प्रायश्चित करने से इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी। फिर उनके द्वारा अयोध्या के निकट सरयू नदी में दशविध स्नान किया जाएगा। स्नान के पश्चात वे प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी की पूजा करेंगे।
गणेश पूजन के पश्चात भगवान विष्णु का पूजन किया जाएगा। श्रीराम भगवान विष्णु के ही सातवें अवतार के रूप में पूजनीय हैं जिन्होंने त्रेता युग में दुष्ट रावण का वध करने के लिए जन्म लिया था। इसके पश्चात प्रधानमंत्री जी के द्वारा गोदान अर्थात गाय का दान किया जाएगा।
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17 जनवरी 2024 – रामलला की शोभा यात्रा
पहले तो इस दिन श्रीरामलला की मूर्ति को अयोध्या नगरी के भ्रमण पर निकाला जाना था लेकिन बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। दरअसल काशी के विद्वानों और पंडितों के बीच हुई बैठक में इस पर मंथन किया गया। यदि रामलला की मूर्ति का अयोध्या नगरी में भ्रमण करवाया गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ और उनके उत्साह को नियंत्रित करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत ही कठिन हो जाएगा।
इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से श्रीराम की 17 जनवरी को प्रस्तावित शोभायात्रा को रद्द करने का निर्णय किया गया है। इसकी बजाये 17 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में ही श्रीराम को भ्रमण करवाया जाएगा।
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18 जनवरी 2024 – देवी-देवताओं का पूजन
इस दिन कई तरह के देवी-देवताओं का पूजन किया जाएगा ताकि प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Schedule) से पहले सभी का आशीर्वाद लिया जा सके। इनके पूजन से सभी तरह के दोष को दूर करने का काम भी किया जाएगा। सबसे पहले तो भगवान श्रीगणेश व माता अंबिका का पूजन किया जाएगा। इसी के साथ ही मंडप प्रवेश पूजन व वरुण देवता की पूजा की जाएगी।
मातृका पूजन भी इसी दिन होगा जिन्हें हम षोडशमातृका भी कहते हैं जो ब्रह्माण्ड की हरेक दिशाओं में स्थित है। इसी दिन वास्तु दोष दूर करने के लिए वास्तु पूजन भी होगा और ब्राह्मण वरण का कार्यक्रम भी इसी दिन है। इसके लिए गर्भगृह में श्रीराम की वेदी के साथ वास्तु वेदी, क्षेत्रपाल भैरव वेदी और मातृका वेदी बनायी जाएगी और फिर पूजन होगा।
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19 जनवरी 2024 – अग्नि स्थापना
इस दिन राम मंदिर में हवन का कार्यक्रम होगा और उसके लिए अग्नि की स्थापना की जाएगी। अग्निस्थापना का कार्य अरणी मंथन के द्वारा किया जाएगा। अग्नि स्थापना के बाद नवग्रहों की भी स्थापना की जाएगी जो हमारे सौरमंडल में विद्यमान है।
हवन के माध्यम से वास्तु शांति के उपाय किये जाएंगे और चारों ओर के वातावरण को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha Schedule) के लिए पवित्र किया जाएगा। हवन वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा प्रसारित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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20 जनवरी 2024 – गर्भगृह की शुद्धि
इस दिन गर्भगृह को सरयू नदी के पवित्र जल से भरे 81 कलश से धोया जाएगा। इसके लिए देश की अन्य पवित्र नदियों का जल भी मंगवाया गया है जिससे गर्भगृह को शुद्ध किया जाएगा। इसी गर्भगृह में रामलला 22 जनवरी के दिन विराजित होंगे।
इसी के साथ ही पूरे मंदिर परिसर में भी सरयू नदी के जल का छिड़काव किया जाएगा। गर्भगृह को धोने के बाद वहां वास्तु शांति के उपाय किये जाएंगे और फिर अन्नाधिवास किया जाएगा। अन्नाधिवास में गेहूं, धान व अन्य अन्न भंडारों को गर्भगृह में रखा जाता है।
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21 जनवरी 2024 – रामलला का दिव्य स्नान
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले के कार्यक्रम में रामलला की मूर्ति को जल से स्नान करवाना होगा। इसके लिए 125 कलश से रामलला की मूर्ति को दिव्य स्नान करवाया जाएगा। इन 125 कलश में जल को देश-विदेश की हर पवित्र नदी से मंगवाया गया है जिससे रामलला स्नान करेंगे। स्नान का यह कार्यक्रम मंत्रों व यज्ञ के बीच आयोजित किया जाएगा।
जिस मूर्ति को स्नान करवाया जाएगा, वही मूर्ति 22 जनवरी के दिन गर्भगृह में विराजित होगी। हालाँकि यह पक्का नहीं है कि इस दिन भी आम भक्तों को रामलला की इस मूर्ति के दर्शन मिलेंगे क्योंकि हमें जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार भक्तों को 22 जनवरी के दिन ही पता लग पायेगा कि गर्भग्रह में कौन सी मूर्ति विराजित होगी। यह एक तरह से राम मंदिर शेड्यूल (Ram Mandir Schedule) का आखिरी महत्वपूर्ण दिन होगा क्योंकि अगले दिन प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा।
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22 जनवरी 2024 – रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
यह दिन सभी राम भक्तों के लिए बहुत ही महत्व वाला दिन है क्योंकि इसी दिन रामलला अपने गर्भगृह में विराजित होंगे। इसी दिन रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा होगी अर्थात उसके अंदर स्वयं श्रीराम के अंश का वास होगा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम (Ram Mandir Pran Pratishtha Program) मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में संपन्न किया जाएगा। इसके लिए सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी जएगी और मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होते ही इस कार्यक्रम की समाप्ति हो जाएगी। फिर अगले दिन अर्थात 23 जनवरी से राम मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। भक्तजन 25 फीट की दूरी से श्रीराम की मूर्ति के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
इस तरह से हमने आपके सामने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा शेड्यूल (Ram Mandir Pran Pratishtha Schedule) का पूरा कार्यक्रम रख दिया है। जिन लोगों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आमंत्रण पत्र मिला है, केवल वही इसके साक्षी बन पाएंगे। अन्य लोगों को सुरक्षा व अन्य कारणों की वजह से 22 जनवरी तक अयोध्या में ना आने का आग्रह किया गया है। अन्य सभी भक्तगण 23 जनवरी से अयोध्या जाकर रामलला व अयोध्या के भव्य स्वरुप के दर्शन कर पाएंगे।
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