समावर्तन संस्कार कब किया जाता है? जाने समावर्तन संस्कार का महत्व

समावर्तन संस्कार (Samavartan Sanskar)

हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में समावर्तन संस्कार (Samavartan Sanskar) का स्थान चौदहवां होता है जो मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस संस्कार के पश्चात वह अपने ब्रह्मचर्य जीवन से गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है।

इससे पहले वह गुरुकुल में रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करता है तथा वही के नियमों पर चलता है। वही समावर्तन संस्कार (Samavartan Sanskar In Hindi) के पश्चात उसे अपने गुरुकुल का त्याग कर पुनः अपने समाज व घर की ओर लौटना होता है। इसके माध्यम से उस व्यक्ति को समाज के लिए अपने कार्य पूर्ण करने होते है। आइये समावर्तन संस्कार के बारे में जान लेते है।

Samavartan Sanskar | समावर्तन संस्कार क्या है?

समावर्तन का अर्थ होता हैं अपने घर की ओर लौटना। हिंदू धर्म के ग्यारहवें संस्कार उपनयन के अनुसार माता-पिता अपने पुत्र/पुत्री का त्याग करके उसे गुरुकुल भेज देते हैं जहाँ वह पच्चीस वर्ष की आयु तक रहता है तथा वेदों का अध्ययन करता है। इस आयु सीमा तक उसे गुरु के द्वारा संपूर्ण ज्ञान देकर पारंगत किया जाता है तथा समाज में रहने के लिए तैयार किया जाता है।

जब वह पच्चीस वर्ष का हो जाता है तब उसे पुनः घर लौटने के लिए समावर्तन संस्कार किया जाता है। इसमें गुरु अपने शिष्य के केश तथा दाढ़ी कटवाकर उसका शुद्धिकरण करते है तथा स्नान इत्यादि के पश्चात उसे उपदेश देते है। इसमें गुरु के द्वारा अपने शिष्य को गृहस्थ जीवन की चुनौतियों, उत्तरदायित्व, अधिकार, समाज के प्रति कर्तव्य, इत्यादि का ज्ञान दिया जाता है।

जब गुरु को यह विश्वास हो जाता है कि अब उसका शिष्य पुनः अपने समाज में लौटने को परिपक्व हो चुका है तो वह समावर्तन संस्कार करके उसे घर भेज देता है। अब यदि हम वर्तमान समय के अनुसार समावर्तन संस्कार (Samavartan Sanskar Kya Hai) को देखे तो व्यक्ति के द्वारा अपनी शिक्षा पूरी करने को ही समावर्तन संस्कार कहा जाता है।

हम अलग-अलग विषयों में शिक्षा ग्रहण करते हैं। कोई डॉक्टरी की पढाई कर रहा होता है तो कोई इंजीनियरिंग की तो कोई किसी अन्य विषय की। इसके लिए हमें कॉलेज या यूनिवर्सिटी में जाना होता है। ऐसे में जब हमारी शिक्षा पूरी हो जाती है और डिग्री मिल जाती है तो उस कॉलेज को छोड़कर हमें अपने समाज में काम हेतु लौटना होता है। इसे ही Samavartan Sanskar कहा जाता है।

समावर्तन संस्कार कब किया जाता है?

इसे सामान्यतया एक व्यक्ति को ब्रह्मचर्य आश्रम से गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करवाने के लिए किया जाता है इसलिये इसकी आयु सीमा पच्चीस वर्ष निर्धारित होती है। इससे पहले गुरु के द्वारा शिष्य का केशांत संस्कार करके उसे शुद्ध किया जाता है जिससे वह गुरुकुल के नियमों का त्याग कर सके। इसके पश्चात जब गुरु को यह ज्ञात हो जाता है कि अब उसके शिष्य की शिक्षा पूर्ण हो चुकी है तथा उसका अपने समाज के प्रति कर्तव्य निभाने का समय आ गया हैं तो वह उसका समावर्तन संस्कार (Samavartan Sanskar In Hindi) करके घर भेज देता है।

समावर्तन संस्कार का महत्व

एक बालक अपने जन्म के पांच से आठ वर्षों के पश्चात गुरुकुल चला जाता है तथा पच्चीस वर्ष की आयु तक केवल गुरुकुल में ही रहता है। इस दौरान उसके आसपास दिव्य ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति रहते है। इसी के साथ उसे गुरुकुल में रहते हुए कठिन नियमों तथा ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है जिसमें भूमि पर सोना, आश्रम की सफाई, मादक पदार्थों इत्यादि का सेवन नही करना इत्यादि सम्मिलित है।

जब उसकी ब्रह्मचर्य की आयु सीमा समाप्त हो जाती है तब उसे पुनः अपने घर लौटना होता है। उस समय उसे गुरुकुल से मिली शिक्षा के अनुसार कार्य करना होता है किंतु इससे पूर्व उसे गृहस्थ जीवन के बारे में बताना आवश्यक होता है क्योंकि अब उसे गुरुकुल से निकल कर समाज में जाना है जहाँ उसे किसी भी गुणों से युक्त मनुष्य मिल सकते है।

समाज में भिन्नता होती है जहाँ अच्छे व्यक्ति भी होते है तथा बुरे भी। इसके साथ ही उसे ब्रह्मचर्य का त्याग करना होता है तथा गुरुकुल के नियम बाहर लागू नही होते। इसलिये मनुष्य को सीधा गुरुकुल से घर भेजने की बजाये उसे पहले इसके लिए परिपक्व बनाने के उद्देश्य से यह संस्कार (Samavartan Sanskar Kya Hai) आवश्यक हो जाता था जिससे उसे किसी प्रकार की कोई समस्या न हो तथा वह मानसिक दबाव में ना आये।

आज के समय में भी विश्वविद्यालयों इत्यादि में यह संस्कार किया जाता है जिसमें उन्हें पढ़ाई समाप्त होने के पश्चात डिग्री इत्यादि दी जाती हैं और जॉब कैसे की जाए इसके बारे में बताया जाता हैं। कई कॉलेज तो आजकल इसके लिए अलग से क्लास रखने लगे हैं ताकि बच्चों को अपने काम में समस्या ना हो, बस यही Samavartan Sanskar होता था।

समावर्तन संस्कार से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: समावर्तन संस्कार का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: समावर्तन संस्कार का उद्देश्य छात्र को उचित शिक्षा देकर पुनः समाज में भेजना होता है अब उसे अपने को मिली शिक्षा के अनुसार कार्य करना होता है एक तरह से यह डिग्री प्राप्त कर कॉलेज से पुनः अपने घर लौटने को कहा जाता है

प्रश्न: समावर्तन संस्कार क्या होता है?

उत्तर: समावर्तन संस्कार के अंतर्गत शिक्षक अपने शिष्य को संपूर्ण विद्या देकर वापस उसे उसके घर भेज देता है इसका अर्थ हुआ कि एक छात्र ने शिक्षा पूरी कर ली है और उसमें डिग्री भी ले ली है अब उसे पुनः अपने घर लौट जाना है

प्रश्न: समवर्तन का अर्थ क्या है?

उत्तर: समवर्तन अनुचित शब्द है जबकि सही शब्द समावर्तन है समावर्तन शब्द का अर्थ होता है अपने घर को लौटना यह संस्कार तब किया जाता है जब एक व्यक्ति अपनी शिक्षा पूरी कर लेता है और अपने घर लौट जाता है

प्रश्न: समावर्तन का मतलब क्या होता है?

उत्तर: समावर्तन का मतलब होता है अपने घर को लौट जाना यह सोलह संस्कारों में से चौदहवां संस्कार है जो व्यक्ति की शिक्षा पूरी होने पर किया जाता है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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