शनि देव की आरती – अर्थ, महत्व, लाभ, PDF फाइल व फोटो सहित

Shani Dev Aarti

आज हम शनि देव की आरती (Shani Dev Ki Aarti) का पाठ करेंगेशनि देव की महिमा अपरंपार है। शनि देव ही हम सभी के कर्मों का लेखा-जोगा रखते हैं और कुछ गलत करने पर हमें उसका उचित दंड देते हैं। वैसे तो दो तरह की शनि देव जी की आरती है जिसमें से एक को शनि देव की मुख्य आरती माना जाता है।

ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको मुख्य वाली ही शनि देव की आरती लिखित में देंगे। इसके बाद शनि आरती हिंदी में अर्थ सहित भी दी जाएगी ताकि आप इसका संपूर्ण अर्थ जान सकें। इतना ही नहीं, आज हम आपको शनि आरती PDF (Shani Aarti PDF) फाइल और इमेज सहित भी देंगेअंत में आपको शनि आरती पढ़ने के लाभ और महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं शनिदेव की आरती लिखित में।

Shani Dev Ki Aarti | शनि देव की आरती

जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी,
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी।
जय जय जय श्री शनि देव…॥

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी,
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।
जय जय जय श्री शनि देव…॥

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी,
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी।
जय जय जय श्री शनि देव…॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी,
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी।
जय जय जय श्री शनि देव…॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी,
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी।
जय जय जय श्री शनि देव…॥

शनि देव की आरती लिखित में – अर्थ सहित

जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी,
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी।

हे सभी भक्तों के हितों को साधने वाले शनि देव, आपकी जय हो, जय हो, जय हो। आपके पिता सूर्य देव हैं और छाया आपका ही एक रूप है जो सदैव हमारे साथ चलती है।

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी,
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।

आपका वर्ण सांवला है, आखें टेढ़ी या तिरछी है, चार भुजाएं हैं, आप नीले आकाश में भैंस की सवारी करते हो।

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी,
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी।

आपने सिर पर कठोर मुकुट पहना हुआ है और गले में मुक्तन की माला पहनी हुई है। यह दोनों ही आपकी शोभा को अत्यधिक बढ़ा रहे हैं।

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी,
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी।

आपकी पूजा में लड्डू, पान व सुपारी चढ़ाई जाती है। साथ ही आपको लोहा, तिल, तेल, उड़द की दाल बहुत पसंद आती है।

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी,
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी।

सभी देवता, दानव, ऋषि, मुनि, मनुष्य इत्यादि आपका ही सुमिरन करते हैं। विश्वनाथ आपका ही ध्यान करता है और आपकी शरण मांगता है।

शनिदेव की आरती फोटो

यह रही शनि देव की आरती की फोटो

Shani Dev Ki Aarti
Shani Dev Ki Aarti

यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो इमेज पर राईट क्लिक करें। इससे आपको इमेज डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।

शनि आरती PDF | Shani Aarti PDF

अब हम शनि देव की आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: शनि आरती PDF

ऊपर आपको लाल रंग में शनि आरती PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

शनि देव की आरती का महत्व

नव ग्रहों में केवल शनि ग्रह ही ऐसे है, जिनसे हर कोई भय खाता है। हालाँकि दो और ग्रह है जिनसे लोग भय खाते हैं। उन्हें राहु और केतु के नाम से जाना जाता है लेकिन ये दोनों ग्रह पाप ग्रह की श्रेणी में आते हैं। शनि ग्रह ही ऐसा है जो देवता है लेकिन वे मनुष्यों को दंड भी देते हैं। हालाँकि यह केवल मनुष्य के बुरे कर्म के लिए ही उसे दण्डित करते हैं।

ऐसे में शनि देव की आरती के माध्यम से यह बताया गया है कि शनि देव किन-किन चीज़ों से प्रसन्न होते हैं। साथ ही उनकी महिमा, गुणों और शक्तियों का भी वर्णन किया गया है। शनिदेव की आरती करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा हम पर बरसाते हैं। यहीं शनि आरती का महत्व होता है।

शनि आरती पढ़ने के फायदे

शनि देव की आरती पढ़ने से एक या दो नहीं बल्कि कई तरह के फायदे देखने को मिलते हैं। सबसे पहला फायदा तो यहीं होता है कि आप पर शनि देव की टेढ़ी नज़र हटती है। वही यदि आपकी कुंडली में किसी तरह का शनि दोष है तो वह भी दूर होता है। शनि देव की कृपा से समाज में आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में वृद्धि देखने को मिलती है।

जो लोग प्रतिदिन शनिदेव की आरती का पाठ करते हैं, उनके घर में आर्थिक संपन्नता भी आती है। व्यवसाय या नौकरी में किसी तरह की समस्या आ रही थी तो वह दूर हो जाती है। करियर या शिक्षा संबंधित हर तरह की बाधाएं स्वतः ही दूर होने लगती है। इसलिए हर किसी को कम से कम शनिवार के दिन तो शनि आरती का पाठ करना चाहिए। यहीं शनि देव की आरती के फायदे होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने शनि देव की आरती (Shani Dev Ki Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने शनि आरती पाठ से मिलने वाले लाभ और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आपको शनि आरती PDF फाइल या फोटो डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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