रामायण में हुए राम-रावण युद्ध में मेघनाथ को किसने मारा था (Meghnath Ko Kisne Mara Tha), यह तो सभी जानते हैं। श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण के हाथों ही मेघनाथ मारा गया था। अब आपने रामायण देखी या पढ़ी है तो आपको पता होगा कि जब कभी भी मेघनाथ युद्धभूमि में आया था तब श्रीराम ने लक्ष्मण को ही बार-बार उससे युद्ध करने भेजा था।
ऐसे में यहाँ कई प्रश्न उठते हैं, जैसे कि मेघनाथ को राम क्यों नहीं मार सकते थे या फिर मेघनाथ का वध लक्ष्मण ने ही क्यों किया इत्यादि। इसका उत्तर स्वयं भगवान श्रीराम ने युद्ध समाप्त होने के पश्चात महर्षि वशिष्ठ को दिया था। आइए जाने मेघनाथ को केवल लक्ष्मण ही क्यों मार सकते थे।
Meghnath Ko Kisne Mara Tha | मेघनाथ को किसने मारा था?
रावण की सेना में एकमात्र ऐसा योद्धा था जो अत्यंत बलशाली व पराक्रमी था जिस कारण उसका वध करना स्वयं देवताओं के लिए भी असंभव था। वह था रावण का सबसे बड़ा पुत्र मेघनाद। वह शक्तियों व अस्त्रों में अपने पिता से भी ज्यादा पराक्रमी था। इसका बखान स्वयं वाल्मीकि रामायण में किया गया है व उसे महारथी की संज्ञा दी गई है।
उसे भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश से इतनी शक्तियां व वर प्राप्त हुए थे कि उसे कोई योगी ही परास्त कर सकता था व उसका वध कर सकता था। एक कथा के अनुसार एक बार महर्षि वशिष्ठ ने रावण वध व श्रीराम के अयोध्या आगमन के पश्चात एक दिन उनसे जानना चाहा कि आखिर मेघनाथ को मारने के लिए उन्होंने बार-बार लक्ष्मण को ही क्यों भेजा।
मेघनाथ को राम क्यों नहीं मार सकते थे?
उनका मत था कि यदि वह इतना शक्तिशाली था जिसने पहले दिन स्वयं श्रीराम व लक्ष्मण को नागपाश की शक्ति से बांध दिया था। दूसरे दिन शक्तिबाण के प्रभाव से लक्ष्मण को मुर्छित कर दिया था। फिर क्यों उन्होंने तीसरे दिन भी लक्ष्मण को ही मेघनाथ का वध करने भेजा। इसका उत्तर स्वयं भगवान श्रीराम ने ही दिया।
उन्होंने बताया कि उसे ऐसे वर प्राप्त थे कि स्वयं वे भी उसका वध करने में अक्षम थे। क्योंकि उसका वध एक ऐसा सन्यासी ही कर सकता था जिसने कई वर्षों तक कठिन तपस्या की हो व उसकी अग्नि में तपा हो। यही सब लक्ष्मण ने 14 वर्षों के अंतराल में किया था व मेघनाथ को मारने में सक्षम हो पाए थे।
मेघनाथ का वध लक्ष्मण ने ही क्यों किया?
लक्ष्मण भगवान श्रीराम के साथ 14 वर्षो के वनवास में जब गए थे तब उन्होंने उर्मिला को अयोध्या में रहने का ही अनुरोध किया था। इस प्रकार उन्होंने 14 वर्षो तक ब्रह्मचर्य का पालन किया था व किसी पराई स्त्री का मुख तक नहीं देखा था। जब वे माता सीता को भी देखते या उनसे बात करते तो हमेशा उनके चरणों को ही देखते। उन्होंने कभी भी माता सीता की ओर मुख करके ऊपर नहीं देखा।
इसी प्रकार भगवान श्रीराम व माता सीता की रक्षा के उद्देश्य से उन्होंने 14 वर्षो तक नींद नहीं ली व दिन रात उनकी सुरक्षा में तैनात रहे। एक कथा के अनुसार उन्होंने निद्रा की देवी से 14 वर्षों तक स्वयं से दूर रहने को कहा था व उनके हिस्से की नींद उनकी पत्नी उर्मिला को देने को कहा था। इसके पश्चात लक्ष्मण 14 वर्षों तक सोए नहीं थे व उर्मिला इतने समय तक सोती रही थी।
साथ ही लक्ष्मण ने 14 वर्षों तक योग व साधना से अपने अंदर इतनी शक्ति व ऊर्जा का संचार कर लिया था कि वह मेघनाथ का वध करने में सक्षम हो चुके थे। यही कारण था कि मेघनाथ से युद्ध करने व उसका वध करने के लिए भगवान श्रीराम ने हमेशा लक्ष्मण का ही चुनाव किया।
मेघनाथ को किसने मारा से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: लक्ष्मण मेघनाथ का वध क्यों कर पाए थे?
उत्तर: लक्ष्मण ने चौदह वर्ष तक सन्यासी का जीवन जिया था व साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन किया था। इस कारण लक्ष्मण मेघनाथ का वध कर पाए थे।
प्रश्न: मेघनाथ को केवल लक्ष्मण ही क्यों मार सकते हैं?
उत्तर: मेघनाथ ने पिछले चौदह वर्ष से ब्रह्मचर्य का पालन किया था जिसके कारण उनके अंदर अद्भुत शक्ति एकत्र हो गई थी। इसलिए मेघनाथ को केवल लक्ष्मण ही मार सकते थे।
प्रश्न: लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध क्यों किया?
उत्तर: मेघनाथ रावण का सबसे बड़ा पुत्र था जो अधर्मी भी था। साथ ही उसने युद्ध में भाग लिया और लक्ष्मण से युद्ध किया। इस कारण लक्ष्मण ने मेघनाथ का वध किया था।
प्रश्न: मेघनाथ को कौन मार सकता था?
उत्तर: मेघनाथ को लक्ष्मण जैसे पराक्रमी योद्धा ही मार सकते थे क्योंकि उन्होंने अपने चौदह वर्ष ब्रह्मचर्य का पालन किया था।
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