परशुराम ने क्षत्रियों का विनाश क्यों किया था? जाने संपूर्ण घटनाक्रम

परशुराम ने क्षत्रियों को क्यों मारा

क्या आप भी यह जानना चाहते हैं कि परशुराम ने क्षत्रियों को क्यों मारा (Why Parshuram Killed Kshatriya In Hindi) और इसके पीछे क्या कुछ कारण थे। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के दस पूर्ण अवतारों में से छठे अवतार थे जिन्हें आवेशावतार या क्रोधावातर भी कहा जाता है। उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए अपनी माँ तक का गला काट दिया था तो जरा सोचिये जिन्होंने उनके पिता का ही वध कर दिया हो, उसका वे क्या हाल करेंगे।

अब प्रश्न यह उठता है कि परशुराम ने क्षत्रियों का विनाश क्यों किया था (Parshuram Ne Kshatriya Ko Kyu Mara) और उनसे परशुराम जी क्या शत्रुता हो गई थी। हम सभी यह सुनते हैं कि भगवान परशुराम जी ने 21 बार क्षत्रियों का विनाश किया, जो कि गलत है। उन्होंने इस पृथ्वी से हैहय वंश के क्षत्रियों तथा उसके सहयोगी क्षत्रियों का इक्कीस बार नाश किया था। आज हम आपको उस घटनाक्रम के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे।

परशुराम ने क्षत्रियों को क्यों मारा?

उस समय एक महान राजा थे जिनका नाम था सहस्त्रबाहु अर्थात जिसकी एक हज़ार भुजाएं हो। उनका वास्तविक नाम कार्तवीर्य अर्जुन था जिसे हज़ार भुजाएं अपने गुरु दत्तात्रेय से वरदान स्वरुप मिली थी। उसने लंका के परमप्रतापी राजा रावण तक को भी पराजित कर दिया था जिस कारण उसमे अहंकार आ गया था।

एक दिन वह भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि के आश्रम में अपनी सेना सहित विश्राम करने पंहुचा। जब ऋषि ने महाराज को अपने आश्रम में आते हुए देखा तो उन्होंने उनकी पूरी आवभगत की। ऋषि जमदग्नि के पास कामधेनु गाय थी जो उन्हें स्वयं देवताओं से प्राप्त हुई थी। उसे सुरभि के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने उस गाय की सहायता से राजा तथा सभी सैनिकों के लिए दूध, मक्खन इत्यादि की व्यवस्था की।

राजा जमदग्नि ऋषि की आवभगत से बहुत प्रसन्न हुए (Why Parshuram Killed Kshatriya In Hindi) लेकिन जब उन्होंने उस गाय की महत्ता तथा उपयोगिता सुनी तो उनका मन उस पर आसक्त हो गया। उन्होंने ऋषि जमदग्नि ने वह गाय उन्हें देने को कहा। चूँकि ऋषि जमदग्नि के आश्रम का सारा काम तथा यज्ञ हवन के लिए सामग्री उसी गाय पर निर्भर थी, इसलिये उन्होंने राजा को गाय देने से मना कर दिया।

इस पर राजा को क्रोध आ गया और उसने आश्रम को तहस-नहस कर दिया तथा बलपूर्वक गाय को वहां से ले गए। चूँकि ऋषि जमदग्नि एक ब्राह्मण थे, इसलिये उन्होंने किसी प्रकार का बलप्रयोग नही किया। उस समय भगवान परशुराम किसी कार्य से बाहर गए हुए थे।

परशुराम ने क्षत्रियों का विनाश क्यों किया था?

जब परशुराम आश्रम वापस आये तब उन्हें सारी घटना का पता चला। उनका क्रोध सातवें आसमान पर पहुँच गया तथा वे अपनी कुल्हाड़ी उठाकर अकेले ही महिष्मति नगरी पहुँच गए। वहां जाकर उन्होंने राजा सहस्त्रबाहु को युद्ध की चुनौती दी। भगवान परशुराम ने इतना भयानक युद्ध किया कि उन्होंने अकेले ही राजा सहस्त्रबाहु की हज़ार भुजाओं को काटकर अलग कर दिया तथा उसका वध कर दिया। इसी के साथ उन्होंने उसकी सेना को भी बहुत आघात पहुँचाया।

भगवान परशुराम सुरभि गाय को लेकर पुनः आश्रम लौटे तथा अपने पिता को संपूर्ण बात (Parshuram Ne Kshatriya Ko Kyu Mara) बताई। उनके पिता को यह बात जानकर दुःख हुआ तथा उन्होंने उनसे कहा कि एक ब्राह्मण को राजा के ऊपर अस्त्र नही उठाना चाहिए। इसलिये अब उन्हें इसका प्रायश्चित करना पड़ेगा। इसके लिए उन्होंने परशुराम को तीर्थयात्रा पर भेज दिया।

परशुराम जी ने 21 बार क्षत्रियों का विनाश किया

जब परशुराम तीर्थयात्रा पर गए हुए थे तब सहस्त्रबाहु के पुत्रों ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए ऋषि जमदग्नि के आश्रम पर आक्रमण कर दिया तथा उनकी हत्या कर दी। परशुराम तीर्थयात्रा पूर्ण करके जब आश्रम वापस आये तब आश्रम को तहस-नहस देखकर विचलित हो उठे।

उन्होंने अपनी माता को विलाप करते हुए देखा तथा अपने पिता का सिर धड़ से अलग देखा। यह देखकर उन्होंने उसी समय संकल्प लिया कि वे दुष्ट हैहय वंश का समूचा नाश कर देंगे। इसके पश्चात उन्होंने अपनी कुल्हाड़ी से महिष्मति नगरी के सैनिकों, हैहय वंश के हर एक क्षत्रिय तथा उसके सहायक के रक्त की नदियाँ बहा दी।

कहते हैं कि उन्होंने कई विशाल कुंड का निर्माण करवाया जिसमें सभी क्षत्रियों का रक्त बहता था। कुल इक्कीस बार उन्होंने हैहय वंश के क्षत्रियों तथा सहस्त्रबाहु के वंशजों का रक्त बहाया तब जाकर उनके प्रतिशोध की अग्नि शांत हुई थी। इसके पश्चात उन्होंने और युद्ध करने से सन्यास ले लिया था। इस तरह से आज आपने जान लिया है कि परशुराम ने क्षत्रियों को क्यों मारा और इसके पीछे क्या कारण निहित थे।

परशुराम क्षत्रिय युद्ध से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: परशुराम ने क्षत्रियों का विनाश कितनी बार किया?

उत्तर: परशुराम ने क्षत्रियों का विनाश कुल इक्कीस बार किया था हालाँकि उन्होंने संपूर्ण क्षत्रिय वंश का नहीं बल्कि हैहय वंश के क्षत्रियों का विनाश किया था

प्रश्न: परशुराम जी ने राजपूतों को क्यों मारा था?

उत्तर: परशुराम जी ने राजपूतों को मारा था, यह एक भ्रामक व मिथ्या तथ्य है उन्होंने क्षत्रिय वंश में हैहय जाति के लोगों का इक्कीस बार नाश किया था क्योंकि हैहय वंश के राजाओं ने उनके पिता जमदग्नि की हत्या कर दी थी

प्रश्न: परशुराम ने क्षत्रियों का वध कैसे किया?

उत्तर: परशुराम ने हैहय जाति के क्षत्रियों का वध अपने परशु अस्त्र के माध्यम से किया था सबसे पहले तो उन्होंने राजा सहस्त्रबाहु की हज़ार भुजाएं अपने परशु अस्त्र से काट डाली थी उसके बाद कुल 21 बार उसके कुल का नाश कर दिया था

प्रश्न: परशुराम का दुश्मन कौन था?

उत्तर: राजा सहस्त्रबाहु ने परशुराम के पिता के आश्रम को तहस कर दिया था और उनकी गाय चुरा ली थी जबकि सहस्त्रबाहु के पुत्रों ने उनके पिता जमदग्नि की हत्या कर दी थी इस कारण सहस्त्रबाहु और उसका हैहय वंश परशुराम का शत्रु था

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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