शिव रुद्राष्टकम (Shiv Rudrashtakam) की रचना महर्षि गोस्वामी तुलसीदास जी ने पंद्रहवीं शताब्दी में की थी। इसे तुलसीदास कृत शिव स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है। इसे रामचरितमानस में शिव स्तुति के रूप में लिखा गया है। इस कारण रुद्राष्टकम को तुलसीदास जी द्वारा रचित शिव स्तुति भी कह दिया जाता है। हालाँकि प्रचलित शिव स्तुति आदि गुरु शंकराचार्य जी के द्वारा लिखी गयी थी।
इस लेख में आपको शिव रुद्राष्टकम इन हिंदी PDF (Shiv Rudrashtakam PDF) फाइल भी मिलेगी। साथ ही शिव रुद्राष्टकम की इमेज भी साझा की जाएगी। इन्हें आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में सेव करके रख सकते हैं। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं तुलसीदास जी द्वारा रचित शिव रुद्राष्टकम।
Shiv Rudrashtakam | शिव रुद्राष्टकम
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेद स्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं,
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥
निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं,
गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकाल कालं कृपालुं,
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं,
मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारूगंगा,
लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा॥
चलत्कुण्डलं भ्रूनेत्रं विशालं,
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुंडमालं,
प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि॥
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं,
अखण्डं अजं भानुकोटि प्रकाशम्।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं,
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी,
सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानंद संदोह मोहापहारी,
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं,
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावद् सुखं शांति संतापनाशं,
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां,
न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,
प्रभोपाहि आपन्नामामीश शंभो॥
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये।
ये पठंति नरा भक्तया तेषां शंभो प्रसीदति॥
इस तरह से आपने भगवान शिव के रुद्राष्टकम का पाठ कर लिया है। अब हम आपको शिव रुद्राष्टकम इन हिंदी PDF (Shiv Rudrashtakam PDF) फाइल और उसकी फोटो भी उपलब्ध करवा देते हैं।
शिव रुद्राष्टकम फोटो
यह रही शिव रुद्राष्टकम की फोटो:
यदि आप मोबाइल में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर क्लिक करके रखिए। उसके बाद आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा। वहीं यदि आप लैपटॉप या कंप्यूटर में इसे देख रहे हैं तो फोटो पर राईट क्लिक करें। इससे आपको फोटो डाउनलोड करने का विकल्प मिल जाएगा।
Shiv Rudrashtakam PDF | शिव रुद्राष्टकम इन हिंदी PDF
अब हम शिव रुद्राष्टकम PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: शिव रुद्राष्टकम इन हिंदी PDF
ऊपर आपको लाल रंग में शिव रुद्राष्टकम की PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
निष्कर्ष
इस तरह से आज के इस लेख के माध्यम से आपने शिव रुद्राष्टकम (Shiv Rudrashtakam) पढ़ ली है। साथ ही हमने आपको इसकी फोटो और पीडीएफ फाइल भी उपलब्ध करवा दी है। यदि आपको फोटो या पीडीएफ फाइल डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या होती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करें। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देंगे।
श्री शिव रुद्राष्टकम से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: नमामि शमीशन क्या है?
उत्तर: नमामि शमीशन को शिव रुद्राष्टकम के नाम से जाना जाता है। यह शिव रुद्राष्टकम की शुरूआती पंक्तियाँ है। इसकी रचना महर्षि गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा की गई थी।
प्रश्न: रुद्राष्टकम जप करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर: यदि आप सच्चे मन के साथ भगवान शिव के रुद्राष्टकम का जप करते हैं तो भगवान शिव आपसे प्रसन्न होते हैं। इससे आपका वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर होता है और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
प्रश्न: रुद्राष्टकम कितना शक्तिशाली है?
उत्तर: तुलसीदास जी द्वारा रचित रुद्राष्टकम बहुत ही शक्तिशाली है। यदि व्यक्ति के द्वारा इसका प्रतिदिन जाप किया जाता है तो भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
प्रश्न: रुद्राष्टकम में कितने श्लोक हैं?
उत्तर: यह रुद्राष्टकम के नाम से ही पता चल जाता है। यदि हम रुद्राष्टकम का संधि विच्छेद करें तो इसका अर्थ होता है भगवान रूद्र को समर्पित आठ छंद या श्लोक। इस तरह से रुद्राष्टकम में आठ श्लोक या छंद हैं।
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