छठ क्यों मनाया जाता है? आइए जाने छठ पूजा का महत्व

Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai

क्या आपने कभी सोचा है कि छठ पूजा क्यों मनाया जाता है (Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai) और इसका क्या महत्व है!! हर वर्ष छठ पूजा का त्यौहार दो बार मनाया जाता है। एक बार होली के पास तो दूसरी बार दीपावली के पास। छठ पूजा में भगवान सूर्य देव की उपासना की जाती है व उनके साथ छठी माता की पूजा करने का विधान है। छठी माता को सूर्य देव की बहन की उपाधि दी गयी है।

छठ पूजा के व्रत में एक व्रती को बेहद कठोर नियमो का पालन करते हुए व्रत रखना पड़ता है। छठ का व्रत रखने व सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व है। इसी कारण त्रेता युग में भगवान श्रीराम व माता सीता के द्वारा अयोध्या का राजसिंहासन सँभालने से पहले छठ का व्रत किया गया था।

ऐसे में आज हम आपको बताएँगे कि छठ क्यों मनाया जाता है (Chhath Kyu Manaya Jata Hai) और इसका हम सभी के लिए क्या महत्व है। आइए जाने छठ पूजा का महत्व।

Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai | छठ पूजा क्यों मनाया जाता है?

छठ का त्यौहार हमें कई तरह के संदेश देता है। हम पूरे वर्ष अपने-अपने काम या करियर में व्यस्त रहते हैं। पुरुष अपनी नौकरी या व्यवसाय में, बच्चे अपनी पढ़ाई में तो वही महिलाएं अपने घरेलू कामकाज या अन्य काम में व्यस्त रहती है।

ऐसे में कई काम ऐसे होते हैं जो छठ पूजा के दौरान देखने को मिलते हैं। उदाहरण के तौर पर हम अपने घर को अच्छी तरह से साफ़ करते हैं, समाज में निकलते हैं और लोगों से जुड़ते हैं, प्रकृति, जल व सूर्य देव के महत्व को समझते हैं, इत्यादि। ऐसे में आइए जाने छठ पूजा का महत्व।

#1. स्वच्छता का संदेश

छठ हमे स्वच्छता का संदेश देता है। इसका सबसे पहला नियम ही यह हैं कि छठ पूजा का आरंभ करने से पहले ना केवल आपको अपने घर की बल्कि अपने शरीर की भी शुद्धि विशेष रूप से करनी होती है अन्यथा छठ पूजा पूर्ण नही मानी जाती।

छठ पूजा के प्रथम दिन अपने घर व आसपास के क्षेत्र की अच्छे से सफाई करनी चाहिए व अपने शरीर को शुद्ध जल से धोना चाहिए। इसमें बढ़े हुए नाखून व बाल काटना तथा दाढ़ी बनाना भी सम्मिलित है।

#2. शारीरिक शुद्धि

छठ पूजा हमे अपने जीवन में सात्विक आहार अपनाने की प्रेरणा देती है। इसमें व्रती को पूर्णतया सात्विक आहार लेने को ही कहा जाता है अर्थात छठ पूजा के व्रत में तामसिक भोजन जैसे कि मांस, प्याज, लहसुन इत्यादि वर्जित होते है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते है।

#3. मानसिक शुद्धि

छठ पूजा व्यक्ति को ना केवल बाहरी रूप से अपितु आंतरिक रूप से भी शुद्ध रहने की प्रेरणा देती हैं क्योंकि छठ पूजा के दिनों में व्रती को किसी के साथ भी लड़ाई-झगड़ा करने या अपशब्द कहने की पूर्णतया मनाही होती है अन्यथा छठी माता नाराज़ हो जाती है।

#4. सूर्य देव का महत्व

छठ पूजा हमे सूर्य देव के महत्व को बताती है। इस पृथ्वी को जो भी मूलभूत सुविधाएँ मिलती हैं वह सभी सूर्य देव से ही मिलती हैं अर्थात अग्नि, धूप, प्रकाश, विभिन्न तरंगे इत्यादि। इसलिये भगवान श्रीराम व अन्य देवी-देवता भी सूर्य देव के मुख्य रूप से उपासक रहे हैं। भगवान श्रीराम को तो सूर्यवंशी भी कहा जाता है।

#5. जल का महत्व

छठ पूजा हमे जल के महत्व को भी बतलाती हैं। इस दिन व्रती को गंगा या उसकी सहायक नदियों में खड़े होकर सूर्य देव को जल अर्पित करना होता है। इसलिये हमे जल के मूल्य को समझना चाहिए व उसकी बचत करनी चाहिए क्योंकि जल है तो जीवन है।

#6. प्रकृति का सरंक्षण

छठ पूजा का महत्व छठी मैया के कारण भी है। छठ व्रत में हम छठी माता की कहानी को सुनते हैं और उनका ध्यान करते हैं। छठ माता कोई और नहीं बल्कि प्रकृति का ही छठा भाग मानी जाती है। इस कारण उनका नाम छठ रखा गया है। उनके माध्यम से हम प्रकृति का सरंक्षण करना और उनका हमारे जीवन में योगदान को समझ पाते हैं।

#7. सांस्कृतिक महत्व

वर्षभर हम सभी केवल अपने काम, करियर और परिवार में ही व्यस्त रहते हैं। जबकि छठ महापर्व पर हम सभी सामाजिक मेलझोल को बढ़ते हुए देखते हैं। यह हमें समाज से जुड़ने, और लोगों को जानने, सभी के साथ मिलझुलकर कार्य करने व संगठित रहने की प्रेरणा भी देता है।

बस यहीं कुछ कारण है जो आपके प्रश्न छठ पूजा क्यों मनाया जाता है (Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai), का उत्तर देते हैं। इसके अलावा इसका धार्मिक महत्व भी है। आइए उसके बारे में भी जान लेते हैं।

Chhath Kyu Manaya Jata Hai | छठ क्यों मनाया जाता है?

ऊपर आपने जाना कि छठ पूजा का हमारे जीवन में क्या कुछ महत्व है या फिर हम छठ का त्यौहार इतनी धूमधाम के साथ क्यों मनाते हैं। अब हम जानेंगे कि छठ पूजा का धार्मिक महत्व क्या है अर्थात धर्म में उससे संबंधित किस तरह की कहानियां लिखी गई।

  1. छठ की व्रत कथा के अनुसार एक बार राजा प्रियव्रत और रानी मानिली के कोई संतान नहीं थी। इस पर उन्होंने छठी माता का व्रत किया। इसके फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई थी।
  2. श्रीराम के राज्याभिषेक से पहले माता सीता ने भी छठ का व्रत किया था। इससे उन्हें लव व कुश नामक दो पुत्रों की प्राप्ति हुई थी।
  3. द्रौपदी ने भी छठ का व्रत रखा था। इससे पांडवों की सभी समस्याएं दूर हो गई थी।

इन सब बातों को देखते हुए छठ पूजा का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। यहीं कारण है कि धीरे-धीरे करके छठ पर्व का महत्व (Chhath Puja Kyu Manaya Jata Hai) बढ़ता ही जा रहा है।

छठ पूजा का महत्व से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?

उत्तर: छठ पूजा आपसी मेलझोल को बढ़ाने, प्रकृति का सरंक्षण करने, सूर्य देव का महत्व समझने व समाज को संगठित करने के उद्देश्य से मनाई जाती है

प्रश्न: छठ क्यों मनाई जाती है?

उत्तर: छठ विभिन्न कारणों से मनाई जाती है यह लोगों को सामाजिक बनाने, रिश्तों को समझने और धर्म के बारे में अच्छे से जानने को बढ़ावा देती है

प्रश्न: छठ क्यों मनाते हैं?

उत्तर: छठ का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक है यह लोगों को अपने घरों से निकल कर समाज से जुड़ने, समाज को संगठित करने और धर्म हित से जुड़े कार्य करने का संदेश देती है

प्रश्न: छठ पूजा क्यों मनाते हैं?

उत्तर: छठ पूजा हमारी शारीरिक व मानसिक शुद्धि के लिए बहुत जरुरी है इससे व्यक्ति एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाना सीखता है और साथ ही सामाजिक तौर पर खुद को सशक्त पाता है

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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