नरसिंह भगवान की आरती PDF फाइल, अर्थ, महत्व व लाभ सहित

नरसिंह आरती (Narsingh Aarti)

आज हम भगवान विष्णु के चौथे रूप को समर्पित नरसिंह आरती (Narsingh Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। भगवान विष्णु के इस युग में दस पूर्ण अवतार हैं जिनमें से नौ अवतार हो चुके हैं तो तथा अंतिम अवतार भगवान कल्कि कलयुग के अंत में जन्म लेंगे। इन दस अवतारों में से भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार बहुत ही भीषण, प्रचंड व प्रलयंकारी रूप लिए हुए है।

इस भीषण रूप में उन्होंने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध कर दिया था। नरसिंह भगवान की आरती (Narsingh Bhagwan Ki Aarti) का पाठ करने के साथ ही यदि उसका अर्थ भी जान लिया जाए तो इसका ज्यादा लाभ देखने को मिलता है। यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके साथ नरसिंह आरती हिंदी में भी साझा करेंगे ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें।

इतना ही नहीं, आज आपको नृसिंह आरती PDF फाइल भी मिलेगी। इसे आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में डाउनलोड कर सेव कर सकते हैं। अंत में नरसिंह आरती पढ़ने के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं नरसिंह भगवान आरती हिंदी में।

Narsingh Aarti | नरसिंह आरती

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

सबके हृदय विदारण, दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

Narsingh Bhagwan Ki Aarti | नरसिंह भगवान की आरती – अर्थ सहित

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥

भगवान नरसिंह जो कि श्रीहरि के अवतार हैं, हम सभी उनकी जय-जयकार करते हैं। वे हम सभी के प्रभु हैं और हम उनकी जय-जयकार करते हैं। भगवान विष्णु धर्म की रक्षा करने के लिए खंभे को फाड़कर नरसिंह अवतार के रूप में प्रकट हुए थे। इस रूप में उन्होंने लोगों के दुखों को दूर किया था।

तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥

नरसिंह भगवान हम सभी दीन-दुखियों पर दया बरसाने वाले और भक्तों का हित करने वाले हैं। उन्होंने नरसिंह अवतार में अपना अद्भुत रूप लिया था जिसका ऊपर का शरीर सिंह का तो नीचे का मनुष्य का था। इस रूप में उन्होंने हमारे भय का नाश कर दिया था।

सबके हृदय विदारण, दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥

उन्होंने सभी के दुःख व पीड़ा को दूर करते हुए दैत्य नगरी व पाताल लोक के राजा हिरण्यकश्यप का वध कर अधर्म का अंत कर दिया था। इसी के साथ ही उन्होंने अपने परम भक्त प्रह्लाद को अपनाया था और उसे पाताल नगरी का अगला राजा नियुक्त किया था। यह कर उन्होंने प्रजा पर बहुत कृपा की थी।

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥

भगवान नरसिंह की आरती तो स्वयं भगवान ब्रह्मा भी करते हैं और उनके स्वागत में उन्हें पुष्पों की माला पहनाते हैं। इतना ही नहीं, भगवान शिव भी उनकी जय-जयकार करते हैं और उनके ऊपर पुष्प वर्षा करते हैं।

नृसिंह आरती PDF

अब हम नरसिंह आरती की PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं

यह रहा उसका लिंक: नृसिंह आरती PDF

ऊपर आपको लाल रंग में नृसिंह आरती PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।

नरसिंह भगवान की आरती का महत्व

भगवान विष्णु के द्वारा लिए गए सभी अवतारों का अपना-अपना महत्व है। इसमें उन्होंने राम व कृष्ण के रूप में मानवीय जीवन व सोलह संस्कारो का पालन किया था जिनकी कथाएं हम पढ़ते रहते हैं। वहीं अन्य अवतार कुछ समय के लिए या एक ही उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लिए गए थे किन्तु भगवान परशुराम इसमें एक अपवाद हैं। अब जो उनका नरसिंह अवतार था, वह अल्पकाल के लिए ही था लेकिन उनका उद्देश्य बहुत बड़ा था।

इस अवतार में उन्होंने एक बारी में ही दैत्य व पाताल नगरी के राजा हिरण्यकश्यप को भगवान ब्रह्मा जी से मिले वरदान को निष्फल करते हुए अपने नाखूनों से उसके सीने को फाड़कर उसका वध कर दिया था तथा अपने भक्त प्रह्लाद को दैत्य नगरी का अगला राजा नियुक्त किया था। तो नरसिंह आरती के माध्यम से भगवान नरसिंह के गुणों, कार्यों, शक्तियों तथा महत्व का वर्णन किया गया है। यही नरसिंह भगवान की आरती का महत्व होता है।

नरसिंह आरती पढ़ने के लाभ

अब यदि आप नित्य रूप से भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए नृसिंह आरती का पाठ करते हैं तो उसके एक नहीं बल्कि कई लाभ देखने को मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि हमारे शत्रुओं का नाश हो जाता है तथा हमारे जीवन में आ रही हरेक बाधा व संकट का समाधान हो जाता है। भगवान नरसिंह अपने भक्तों के किसी भी शत्रु, बाधा, संकट व विपदा को हरने में सक्षम हैं।

ऐसे में जो भक्तगण प्रतिदिन नरसिंह भगवान की आरती का पाठ कर रहा है, उसके जीवन में कोई भी विपत्ति नहीं आती है और यदि आती भी है तो वह उसका सरलता से सामना कर पाने में सक्षम होता है। इसी के साथ ही भगवान नरसिंह की कृपा से हमारी उन्नति होती है तथा हमें वह सब मिल जाता है, जिसकी हम कामना करते हैं। यही नरसिंह आरती को पढ़ने के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने नरसिंह आरती हिंदी में अर्थ सहित (Narsingh Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने नरसिंह आरती पढ़ने के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आपको नृसिंह आरती की PDF फाइल डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

नरसिंह आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: नरसिंह देवता कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: नरसिंह देवता भगवान विष्णु का चौथा अवतार हैं और इस अवतार में उन्होंने दैत्य हिरण्यकश्यप का वध किया था। ऐसे में नरसिंह देवता के प्रकार नाम की कोई चीज़ नहीं होती है।

प्रश्न: नरसिंह भगवान को खुश कैसे करें?

उत्तर: यदि आप नरसिंह भगवान को खुश करना चाहते हैं तो प्रतिदिन सुबह के समय नरसिंह भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर नृसिंह चालीसा या आरती का पाठ करना शुरू करें।

प्रश्न: नरसिंह का दिन कौन सा है?

उत्तर: हर वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है और उनकी पूजा-आराधना की जाती है।

प्रश्न: क्या हम घर पर नरसिंह की पूजा कर सकते हैं?

उत्तर: बिल्कुल, आप अपने घर पर भी भगवान नरसिंह की पूजा कर सकते हैं और उनकी चालीसा व आरती का पाठ कर सकते हैं।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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