आज हम आपके साथ भारत माता की आरती (Bharat Mata Ki Aarti) का पाठ करेंगे। हमने जिस भूमि पर जन्म लिया है, वह हमारी जन्म भूमि मानी जाती है। जिस प्रकार हमारे लिए हमारी जननी अर्थात माता पूजनीय होती है, ठीक उसी तरह जन्मभूमि भी उतनी ही पूजनीय होती है। यही कारण है कि भारत माता की जय बोलते समय हमारे अंदर एक अलग ही जोश देखने को मिलता है।
यहीं कारण है कि आज हम आपके साथ भारत माता आरती (Bharat Mata Aarti) करने जा रहे हैं। लेख के अंत में भारत माता की आरती का महत्व व उसको पढ़ने से मिलने वाले लाभ भी साझा किए जाएंगे। तो आइए सबसे पहले आपको भारत माता की आरती लिखित में दे देते हैं।
Bharat Mata Ki Aarti | भारत माता की आरती
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
मुकुटसम हिमगिरिवर सोहे,
चरण को रत्नाकर धोए,
देवता कण-कण में छाये,
वेद के छंद, ज्ञान के कंद,
करे आनंद,
सस्यश्यामल ऋषिजननी की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
जगत से यह लगती न्यारी,
बनी है इसकी छवि प्यारी,
कि दुनिया झूम उठे सारी,
देखकर झलक, झुकी है पलक,
बढ़ी है ललक,
कृपा बरसे जहाँ दाता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
पले जहाँ रघुकुल भूषण राम,
बजाये बंसी जहाँ घनश्याम,
जहाँ पग-पग पर तीरथ धाम,
अनेको पंथ, सहस्त्रों संत,
विविध सद्ग्रंथ,
सगुण-साकार जगन्माँ की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
गोद गंगा-जमुना लहरे,
भगवा फहर-फहर फहरे,
तिरंगा लहर-लहर लहरे
लगे हैं घाव बहुत गहरे,
हुए हैं खण्ड, करेंगे अखण्ड,
यत्न कर चण्ड,
सर्वमंगल वत्सल माँ की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
बढ़ाया है संतों ने सम्मान,
किया वीरों ने जीवनदान,
हिंदुत्व में निहित है प्राण,
चलेंगे साथ, हाथ में हाथ,
उठाकर माथ,
शपथ गीता गौमाता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
आरती भारत माता की,
जगत के भाग्य विधाता की॥
तो यह थी भारत माता आरती (Bharat Mata Aarti)। भारत माता के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने और अपनी जन्मभूमि की आराधना करने के उद्देश्य से ही भारत माता की आरती का पाठ किया जाता है। आइए अब हम इसका महत्व व लाभ भी जान लेते हैं।
भारत माता आरती का महत्व
सनातन धर्म में मनुष्य को ना केवल ईश्वर या देवी की उपासना करने को कहा गया है बल्कि हमें जन्म देने वाले माता-पिता, हमें शिक्षा देने वाले गुरु, हमारी जन्मभूमि, जीवन के लिए आवश्यक पंच तत्व तथा अन्य जीव-जंतुओं व प्राणियों को भी उचित सम्मान देने की भावना व्यक्त की गयी है। इसमें मनुष्य के लिए उसकी जननी (माता) व जन्मभूमि (भारत माता) का विशेष महत्व होता है।
वेदों के अनुसार विश्व में भारत को सर्वश्रेष्ठ स्थान की मान्यता दी गयी है और यहीं पर ही ईश्वरीय रूपों ने अवतार लेकर अधर्म का नाश कर धर्म की पुनर्स्थापना का कार्य किया था। ऐसे में भारत भूमि को सम्मान देने के लिए ही भारत माता की आरती की रचना की गयी है। भारत माता आरती के माध्यम से हम अपनी जन्मभूमि को उचित सम्मान देते हैं और प्रकृति से जुड़ाव महसूस करते हैं। यही भारत की आरती का महत्व होता है।
भारत माता की आरती के लाभ
यदि हम जन्मभूमि अर्थात भारत माता के प्रति अपना आदर प्रकट करना चाहते हैं और उनकी पूजा करना चाहते हैं तो उसके लिए भारत माता की आरती का पाठ करते हैं। भारत की आरती करने से हमारे मन में देश व जन्म भूमि के प्रति सम्मान की भावना प्रकट होती है। इससे ना केवल हमारा मन सकारात्मक होता है बल्कि हमें अच्छी चीजें करने की भी प्रेरणा मिलती है।
यदि हर मनुष्य अपने देश व जन्म भूमि के लिए अच्छे कर्म करे तो हमें अपने आसपास का वातावरण बहुत ही अनुकूल प्रतीत होता है। आसपास का वातावरण सकारात्मक होता है तो हमारे घर का माहौल भी अच्छा बनता है। भारत माता की आरती करने से चारों ओर भाईचारे का संदेश जाता है और सभी आपस में मिलकर कार्य करते हैं। यही भारत आरती के लाभ होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने भारत माता की आरती (Bharat Mata Ki Aarti) पढ़ ली हैं। साथ ही आपने भारत माता आरती के लाभ और महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
भारत माता की आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: वास्तव में भारत माता कौन है?
उत्तर: वास्तविकता में भारत माता कोई और नहीं बल्कि हमारी जन्मभूमि ही हैं। हर मनुष्य के लिए जिस प्रकार उसकी जननी अर्थात माता पूजनीय होती है, ठीक उसी तरह जन्मभूमि अर्थात भारत भूमि भी पूजनीय होती है।
प्रश्न: भारत माता की पूजा कैसे करें?
उत्तर: भारत माता की पूजा करने के लिए हमें कुछ और नहीं बल्कि धरती माता की ही पूजा करनी होती है। इसके लिए मिट्टी को स्पर्श कर उसे प्रणाम कीजिये और वहां एक दीपक प्रज्ज्वलित कर भारत माता की आरती का पाठ कीजिये।
प्रश्न: भारत माता का पहला नाम क्या था?
उत्तर: भारत अत्यधिक प्राचीन नाम है और ऐसे में भारत माता को सदैव इसी नाम से ही पुकारा गया है। हालाँकि इस द्वीप को जम्बूद्वीप के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न: क्या भारत माता एक असली देवी है?
उत्तर: एक तरह से हम जन्मभूमि को सम्मान देने के लिए ही भारत माता का नाम लेते हैं। इन्हें धरती माता का रूप भी कहा जा सकता है।
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