अरुण योगीराज (Arun Yogiraj): राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे ही सभी रामभक्तों के मन में यह जानने की उत्सुकता बढ़ती जा रही है कि आखिरकार किस मूर्तिकार की मूर्ति राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होगी। तीनों मूर्तिकारों में से अरुण योगीराज का नाम सबसे ज्यादा लिया जा रहा है। यहाँ तक कि बीच में अफवाह भी उड़ी थी कि राम मंदिर ट्रस्ट ने अरुण योगीराज की राम मूर्ति को चयनित कर लिया है लेकिन यह सच नहीं था।
राम मंदिर ट्रस्ट के महसचिव चंपत राय जी ने कहा है कि जो मूर्ति राममंदिर गर्भगृह में स्थापित होगी, उसका चयन तो कर लिया गया है लेकिन इसके बारे में आम भक्तों को जानकारी 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन ही मिल पायेगी। फिर भी इसकी बहुत संभावना है कि राम मंदिर मूर्ति के लिए अरुण योगीराज मूर्तिकार (Arun Yogiraj Sculptor) की बनायी मूर्ति को ही चयनित किया जाएगा लेकिन इसके लिए 22 जनवरी की प्रतीक्षा करनी होगी।
अब जब से समाचार व सोशल मीडिया में अरुण योगीराज मूर्तिकार (Arun Yogiraj Biography In Hindi) का नाम सामने आया है तब से ही लोग उनके बारे में और ज्यादा जानने को उत्सुक हैं। ऐसे में आज हम आपके साथ अरुण योगीराज जी के बारे में संपूर्ण जानकारी सांझा करने वाले हैं।
अरुण योगीराज का जीवन परिचय (Arun Yogiraj Biography In Hindi)
आज के समय में अरुण योगीराज देश के जानेमाने मूर्तिकार हैं जिनकी बनायी मूर्तियाँ देश के कई महत्वपूर्ण स्थलों और मंदिरों में स्थापित की जा चुकी है। अरुण योगीराज मुख्य रूप से भगवान व महापुरुषों की मूर्तियाँ बनाने का काम करते हैं। वे अभी से ही नहीं बल्कि पिछले डेढ़ दशक से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं और उन्होंने यह कला अपने परिवार से ही सीखी है।
जी हां, अरुण योगीराज के पिताजी और दादाजी भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे। उनकी पांच पीढ़ियां इस क्षेत्र में वर्षों से काम कर रही है। अरुण योगीराज के दादाजी बसवन्ना शिल्पी जी अपने समय के जानेमाने मूर्तिकार थे। उन्हें मैसूर के राजा से सरंक्षण भी मिला हुआ था और वे उनके लिए सैकड़ों मूर्तियों का निर्माण कर चुके हैं। वहीं उनके पिता योगीराज भी प्रसिद्ध मूर्तिकार थे जिनका देहांत कुछ वर्ष पहले ही हुआ है।
केदारनाथ मंदिर में स्थापित की गयी शंकराचार्य जी की मूर्ति का निर्माण भी अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) ने ही किया है तो वहीं इंडिया गेट पर लगी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति भी उन्हीं के हाथों से ही बनायी गयी है। अब यदि 22 जनवरी के दिन रामलला की मूर्ति के लिए भी अरुण योगीराज जी की बनायी मूर्ति का चयन हो जाता है तो उनका नाम इतिहास में अमर हो जाएगा। आइये अरुण जी के बारे में कुछ और जान लेते हैं।
अरुण योगीराज जिन्होंने बनाई है रामलला की अद्भुत मूर्ति
जब से सोशल मीडिया पर अरुण योगीराज की बनायी श्रीराम की मूर्ति और राम दरबार के फोटोज वायरल हुए हैं तभी से ही सभी अरुण जी के जीवन के बारे में अधिक से अधिक जानने को उत्सुक हैं। अरुण जी की बनायी राममूर्ति (Arun Yogiraj Sculptor) इतनी अद्भुत है कि हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है। पहली नज़र में मूर्ति को देखने पर यह एकदम जीवंत महसूस होती है। ऐसे में आज हम अरुण योगीराज का जीवन परिचय (Arun Yogiraj Biography In Hindi) भी जान लेते हैं।
अरुण योगीराज का जन्म कर्नाटक के मैसूर जिले के अग्रहार में सन 1983 में हुआ था। उनके दादा का नाम बसवन्ना शिल्पी तो पिताजी का नाम योगीराज था। अरुण ने अपने नाम में अपने पिता का नाम भी जोड़ा हुआ है। दक्षिण भारत में पुत्र के नाम के साथ उसके पिता के नाम को जोड़ा जाना एक परंपरा है। अरुण योगीराज का एक भाई और एक बहन है। उनके भाई सूर्यप्रकाश भी प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं जो उनके साथ मिलकर काम करते हैं।
अरुण जी ने अपनी MBA की पढ़ाई की हुई है और उसके बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में नौकरी भी की थी। मूर्ति बनाने की कला उन्होंने बचपन से ही अपने दादा व पिताजी से सीखनी शुरू कर दी थी। निजी कंपनी में कुछ समय नौकरी करने के बाद उनका वहां इतना मन नहीं लगा और फिर उन्होंने वहां से त्याग पत्र दे दिया। इसके तुरंत बाद वे सन 2008 से प्रत्यक्ष रूप से मूर्ति बनाने के काम में जुट गए थे।
इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देखते ही देखते उनकी बनायी मूर्तियाँ देश सहित पूरी दुनिया में प्रसिद्ध होती चली गयी। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अरुण योगीराज के काम की बहुत प्रशंसा की है। इसी कारण उन्हें भी रामलला की मूर्ति बनाने का अद्भुत काम मिला है।
अरुण योगीराज मूर्तिकार की बनायी मूर्तियाँ (Arun Yogiraj Sculptor)
हम सभी यह तो जानते ही हैं कि अरुण योगीराज जी ने राम मंदिर (Arun Yogiraj Ram Mandir) में स्थापित होने वाली तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति का निर्माण किया है। परन्तु राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा इसके लिए देश के सैकड़ों श्रेष्ठ मूर्तिकारों में से तीन सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकारों का ही चयन किया गया था जिसमें से एक अरुण योगीराज जी थे।
ऐसे में अरुण योगीराज में ऐसा क्या ख़ास था जिस कारण उन्हें इस ऐतिहासिक कार्य के लिए चुना गया। तो वह कारण था अरुण योगीराज जी के द्वारा पहले बनायी गयी मूर्तियाँ और उनका प्रभाव। वैसे तो अरुण योगीराज जी के द्वारा सैकड़ों मूर्तियाँ बनायी जा चुकी है लेकिन हम उनमें से कुछ प्रसिद्ध मूर्तियों की जानकारी आपके सामने रखने जा रहे हैं।
- हाल ही में केदारनाथ मंदिर में स्थापित हो चुकी पूजनीय शंकराचार्य जी की 12 फीट ऊँची मूर्ति का निर्माण अरुण योगीराज जी ने ही किया है। इसका लोकार्पण स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था और इस कार्य के लिए उन्होंने सभी के सामने अरुण जी की प्रशंसा भी की थी।
- इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के पीछे लगी 30 फीट की सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का निर्माण भी इन्होने ही किया है। यह मूर्ति सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर लगायी गयी थी जो अब वहां का मुख्य आकर्षण है।
- 21 फीट ऊँची हनुमान मूर्ति होयसला शैली में।
- मैसूर में ही स्थित 15 फीट ऊँची बीआर आंबेडकर की मूर्ति।
- मैसूर में स्थित 10 फीट ऊँची व सफेद मार्बल से बनी श्री रामकृष्ण परमहंस की मूर्ति।
- मैसूरु में महाराजा जयचामराजेंद्र वडेयार की 15 फीट ऊँची मूर्ति।
- इसरो बैंगलोर में यू आर राव की कांस्य मूर्ति।
- मैसूर में भगवान गरुड़ की 5 फीट ऊँची मूर्ति।
- केआर नगर में भगवान नरसिम्हा की 7 फीट ऊँची मूर्ति।
इन सभी के अलावा इनकी बनायी बहुत सी मूर्तियाँ देश के विभिन्न हिस्सों में लगाई गयी है। इंडिया गेट पर सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति स्थापित करने के साथ ही उन्होंने 2 फीट की बोस की मूर्ति नरेंद्र मोदी जी को अलग से भेंट की थी। इसे देखकर मोदी जी बहुत प्रभावित हुए थे और उन्होंने योगीराज के काम की बहुत प्रशंसा की थी।
अरुण योगीराज को मिले पुरस्कार व सम्मान
संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व जनरल सेक्रेटरी कोफी अन्नन के द्वारा अरुण योगीराज के काम की बहुत तारीफ की गयी है। इसी के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री ने भी उनके काम को सराहा है। मैसूर जिला प्रबंधन से उन्हें सन 2020 में नाल्वादी पुरस्कार मिला था। वर्ष 2021 में उन्हें क्राफ्ट काउंसिल ऑफ कर्नाटक का सदस्य मनोनीत किया गया था।
2014 में भारत सरकार से उन्हें South Zone Young Talented Artist पुरस्कार मिला था। इसके अलावा भी उन्हें मैसूर जिले और कर्नाटक राज्य में कई तरह के सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है। अब उन्हें रामलला की मूर्ति बनाने का काम दिया गया है तो इससे बड़े सम्मान की बात और क्या ही होगी। वहीं यदि अरुण योगीराज की बनायी राममूर्ति (Arun Yogiraj Ram Moorti) को मुख्य मूर्ति के रूप में चयनित कर लिया जाता है तो फिर तो उनका नाम इतिहास के पन्नो में सदा के लिए दर्ज हो जाएगा।
अरुण योगीराज का बायोडाटा (Arun Yogiraj Biodata In Hindi)
अंत में हम आपके सामने अरुण योगीराज का पूरा बायोडाटा भी रख देते हैं ताकि आपको एक ही जगह पर संपूर्ण जानकारी मिल जाए। आइये जाने अरुण योगीराज का पूरा बायोडाटा।
- अरुण योगीराज के दादा का नाम (Arun Yogiraj Grand Father Name) – बसवन्ना शिल्पी
- अरुण योगीराज के पिता का नाम (Arun Yogiraj Father Name) – योगीराज बसवन्ना
- अरुण योगीराज की माता का नाम (Arun Yogiraj Mother Name) – ज्ञात नहीं
- अरुण योगीराज के भाई का नाम (Arun Yogiraj Brother) – सुर्यप्रकाश योगीराज
- अरुण योगीराज की बहन का नाम (Arun Yogiraj Sister) – ज्ञात नहीं
- अरुण योगीराज की पत्नी का नाम (Arun Yogiraj Wife) – विजेता अरुण
- अरुण योगीराज के बच्चों का नाम (Arun Yogiraj Children) – एक बेटी, नाम ज्ञात नहीं
- अरुण योगीराज की उम्र (Arun Yogiraj Age) – 40 वर्ष
- अरुण योगीराज का जन्म स्थान (Arun Yogiraj Birth Place) – अग्रहार, मैसूर, कर्नाटक
- अरुण योगीराज की जन्म तिथि (Arun Yogiraj Birth Date) – 1983
- अरुण योगीराज का कॉन्टेक्ट नंबर (Arun Yogiraj Contact Number) – +91 98861 43188, +91 99451 51505
- अरुण योगीराज की ईमेल आईडी (Arun Yogiraj Email ID) – arun.yogiraj@gmail.com
- अरुण योगीराज का पता (Arun Yogiraj Address) – 9 नंबर, चामाराजा रोड, मैसूर, कर्नाटक (570004)
- अरुण योगीराज की वेबसाइट (Arun Yogiraj Website) – https://arunyogiraj.com/
- अरुण योगीराज फेसबुक (Arun Yogiraj Facebook) – https://www.facebook.com/profile.php?id=100063749138754
- अरुण योगीराज इंस्टाग्राम (Arun Yogiraj Instagram) – https://www.instagram.com/arun_yogiraj/
इस तरह से आज हमने आपके सामने अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) के बारे में शुरू से लेकर अंत तक संपूर्ण जानकारी रख दी है। यदि अभी भी कुछ जानकारी रह गयी है तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।
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