आज हम आपके साथ बगलामुखी चालीसा (Baglamukhi Chalisa) का पाठ करेंगे। माता सती के द्वारा अपने पिता दक्ष के यज्ञ में जाने की अनुमति लेते समय उन्होंने शिवजी को अपना प्रभाव दिखाने के उद्देश्य से दस महाविद्याओं को प्रकट किया था। इसमें से आठवीं महाविद्या बगलामुखी माता थी। माता बगलामुखी के द्वारा हमारे शत्रुओं का नाश किया जाता है तथा वाकशुद्धि भी की जाती है।
इस कारण इसे शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा भी कह दिया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको बगलामुखी चालीसा PDF (Baglamukhi Chalisa PDF) फाइल और इमेज भी देंगे। इसे आप डाउनलोड करके अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करके रख सकते हैं और जब मन चाहे तब पढ़ सकते हैं। आइए सबसे पहले करते हैं शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा का पाठ।
Baglamukhi Chalisa | बगलामुखी चालीसा
॥ दोहा ॥
सिर नवाइ बगलामुखी,
लिखूँ चालीसा आज।
कृपा करहु मोपर सदा,
पूरन हो मम काज॥
॥ चौपाई ॥
जय जय जय श्री बगला माता,
आदिशक्ति सब जग की त्राता।
बगला सम तब आनन माता,
एहि ते भयउ नाम विख्याता।
शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी,
अस्तुति करहिं देव नर-नारी।
पीतवसन तन पर तव राजै,
हाथहिं मुद्गर गदा विराजै।
तीन नयन गल चम्पक माला,
अमित तेज प्रकटत है भाला।
रत्न-जटित सिंहासन सोहै,
शोभा निरखि सकल जन मोहै।
आसन पीतवर्ण महारानी,
भक्तन की तुम हो वरदानी।
पीताभूषण पीतहिं चन्दन,
सुर नर नाग करत सब वन्दन।
एहि विधि ध्यान हृदय में राखै,
वेद पुराण संत अस भाखै।
अब पूजा विधि करौं प्रकाशा,
जाके किये होत दुख-नाशा।
प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै,
पीतवसन देवी पहिरावै।
कुंकुम अक्षत मोदक बेसन,
अबिर गुलाल सुपारी चन्दन।
माल्य हरिद्रा अरु फल पाना,
सबहिं चढ़इ धरै उर ध्याना।
धूप दीप कर्पूर की बाती,
प्रेम-सहित तब करै आरती।
अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे,
पुरवहु मातु मनोरथ मोरे।
मातु भगति तब सब सुख खानी,
करहु कृपा मोपर जनजानी।
त्रिविध ताप सब दुःख नशावहु,
तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु।
बार-बार मैं बिनवउं तोहीं,
अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं।
पूजनांत में हवन करावै,
सो नर मनवांछित फल पावै।
सर्षप होम करै जो कोई,
ताके वश सराचर होई।
तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै,
भक्ति प्रेम से हवन करावै।
दुःख दरिद्र व्यापै नहिं सोई,
निश्चय सुख-संपत्ति सब होई।
फूल अशोक हवन जो करई,
ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई।
फल सेमर का होम करीजै,
निश्चय वाको रिपु सब छीजै।
गुग्गुल घृत होमै जो कोई,
तेहि के वश में राजा होई।
गुग्गुल तिल सँग होम करावै,
ताको सकल बन्ध कट जावै।
बीजाक्षर का पाठ जो करहीं,
बीजमंत्र तुम्हरो उच्चरहीं।
एक मास निशि जो कर जापा,
तेहि कर मिटत सकल संतापा।
घर की शुद्ध भूमि जहँ होई,
साधक जाप करै तहँ सोई।
सोइ इच्छित फल निश्चय पावै,
यामे नहिं कछु संशय लावै।
अथवा तीर नदी के जाई,
साधक जाप करै मन लाई।
दस सहस्र जप करै जो कोई,
सकल काज तेहि कर सिधि होई।
जाप करै जो लक्षहिं बारा,
ताकर होय सुयश विस्तारा।
जो तव नाम जपै मन लाई,
अल्पकाल महँ रिपुहिं नसाई।
सप्तरात्रि जो जापहिं नामा,
वाको पूरन हो सब कामा।
नव दिन जाप करे जो कोई,
व्याधि रहित ताकर तन होई।
ध्यान करै जो बन्ध्या नारी,
पावै पुत्रादिक फल चारी।
प्रातः सायं अरु मध्याना,
धरे ध्यान होवै कल्याना।
कहँ लगि महिमा कहौं तिहारी,
नाम सदा शुभ मंगलकारी।
पाठ करै जो नित्य चालीसा,
तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा।
॥ दोहा ॥
सन्तशरण को तनय हूँ,
कुलपति मिश्र सुनाम।
हरिद्वार मण्डल बसूँ,
धाम हरिपुर ग्राम॥
उन्नीस सौ पिचानवे सन् की,
श्रावण शुक्ला मास।
चालीसा रचना कियौं,
तव चरणन को दास॥
बगलामुखी चालीसा इमेज
यह रही बगलामुखी चालीसा की इमेज:
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बगलामुखी चालीसा PDF | Baglamukhi Chalisa PDF
अब हम Baglamukhi Chalisa PDF फाइल भी आपके साथ साझा कर देते हैं।
यह रहा उसका लिंक: बगलामुखी चालीसा PDF
ऊपर आपको लाल रंग में बगलामुखी चालीसा PDF फाइल का लिंक दिख रहा होगा। आपको बस उस पर क्लिक करना है और उसके बाद आपके मोबाइल या लैपटॉप में पीडीएफ फाइल खुल जाएगी। फिर आपके सिस्टम में इनस्टॉल एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर के हिसाब से डाउनलोड करने का विकल्प भी ऊपर ही मिल जाएगा।
शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार क्यों बगलामुखी चालीसा को शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा कहा जाता है। तो हम आपको बता दें कि मातारानी ने अपने जो भिन्न-भिन्न रूप लिए हैं उनमें से प्रत्येक रूप अपने अलग गुण का परिचायक होता है। इसमें से जो बगलामुखी माता वाला रूप है वह मुख्य रूप से शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से ही बनाया गया है।
ऐसे में उनकी चालीसा को भी शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा कहकर संबोधित किया जाता है क्योंकि इसके पाठ से व्यक्ति के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं और शत्रुओं से उसकी रक्षा होती है। बगलामुखी माता की चालीसा के लाभों में यह एक मुख्य लाभ है। ऐसे में यदि आपके ऊपर कोई शत्रु हावी होने लगे या आपको उससे निपटने का कोई उपाय ना सूझ रहा हो तो आप सच्चे मन से बगलामुखी माता की चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस लेख के माध्यम से आपने शत्रु नाशक बगलामुखी चालीसा का पाठ (Baglamukhi Chalisa) कर लिया हैं। यदि आपको बगलामुखी चालीसा PDF फाइल या इमेज डाउनलोड करने में किसी तरह की समस्या आती है या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।
बगलामुखी चालीसा से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: बगलामुखी मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
उत्तर: मातारानी तो सभी की होती है, ऐसे में बगलामुखी मंत्र का जाप तो कोई भी कर सकता है। बस इसके लिए तन व मन का शुद्ध व निर्मल होना आवश्यक होता है।
प्रश्न: बगलामुखी का दिन कौन सा है?
उत्तर: वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को माँ बगलामुखी की पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रों में आठवें दिन आठवीं महाविद्या के रूप में इन्हें पूजा जाता है।
प्रश्न: बगलामुखी जाप करने से क्या होता है?
उत्तर: बगलामुखी जाप करने से व्यक्ति के ऊपर जो भी संकट है या उसके जो भी शत्रु है, उन सभी से उसे छुटकारा मिल जाता है।
प्रश्न: बगलामुखी का जाप कैसे करना चाहिए?
उत्तर: बगलामुखी माता के किसी भी मंत्र या चालीसा का जाप करने के लिए व्यक्ति को बगलामुखी माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पीले पुष्प हाथ में लेकर उसका उच्चारण करना चाहिए।
प्रश्न: बगलामुखी मंत्र कब शुरू करना चाहिए?
उत्तर: बगलामुखी मंत्र आप दिन के किसी भी समय शुरू कर सकते हैं और इसको लेकर किसी तरह की रोकटोक नहीं है।
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