क्या आप गुरु पूर्णिमा स्पीच (Guru Purnima Speech In Hindi) खोज रहे हैं? आज हम आपको एक अच्छी सी गुरु पूर्णिमा की स्पीच देंगे। एक मनुष्य के जीवन में गुरु का स्थान अति सम्मानजनक होता है क्योंकि गुरु के द्वारा ही मनुष्य को विद्या की शिक्षा दी जाती है। यह पर्व प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता हैं जिस दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति आभार को प्रकट करते है। इस दिन विद्यालयों तथा उत्सवों/ कार्यक्रमों में व्यक्ति को अपने गुरु के प्रति तथा गुरु पूर्णिमा के महत्व पर बोलने को कहा जाता हैं।
यदि आप भी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ऐसे ही किसी कार्यक्रम का भाग बनने जा रहे हैं व उस पर अपने विचार प्रकट करना चाहते हैं तो आज हम आपकी इसमें सहायता करेंगे। एक तरह से इसे आप गुरु पूर्णिमा पर निबंध (Guru Purnima Nibandh) भी कह सकते हैं। हम आपको बताएँगे कि आप इस विषय पर कैसे अपने विचारों को प्रभावी तरीके से प्रकट कर सकते हैं।
Guru Purnima Speech In Hindi | गुरु पूर्णिमा स्पीच
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लिखने या बोलने से पूर्व सर्वप्रथम आपका यह जानना आवश्यक हैं कि आखिर इसका महत्व क्या होता हैं? हिंदू धर्म में एक गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर इसलिये माना गया हैं क्योंकि बिना गुरु के एक समाज अधूरा होता है तथा उनके बिना हमे ईश्वर की महत्ता का भी ज्ञान नही हो सकता।
एक मनुष्य माँ के द्वारा इस दुनिया में जन्म तो ले लेता हैं लेकिन उसका दूसरा जन्म तब होता हैं जब उसे एक अच्छा गुरु या मार्गदर्शक मिलता है। बिना ज्ञान व शिक्षा के एक मनुष्य का जीवन अधूरा होता है। इसलिये गुरु की महत्ता को सर्वोपरि माना गया हैं जो इस विश्व का कल्याण करने में सहायक है।
गुरु पूर्णिमा मनाने का उद्देश्य
इसकी महत्ता को जानने के पश्चात हमारा यह जानना आवश्यक हैं कि आखिर इसे मनाने के पीछे क्या उद्देश्य होता हैं? दरअसल इसी दिन विश्व के प्रथम गुरु भगवान शिव जिन्हें हम आदि गुरु की संज्ञा भी देते हैं, उन्होने सप्त ऋषियों को ज्ञान दिया था। सप्त ऋषियों के द्वारा ही यह ज्ञान सभी मनुष्यों में फैला तथा धर्म की स्थापना हुई।
इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य अपने गुरु के प्रति आभार प्रकट करना तथा उन्हें सम्मान देना है। वैसे तो जीवनभर हमारे लिए गुरु का स्थान सम्मानजनक होना चाहिए लेकिन किसी विशेष दिन यदि उनके लिए आभार प्रकट किया जाये तो इससे गुरु शिष्य के बीच संबंध मधुर बनते हैं।
इसे इसी दिन मनाने के पीछे उद्देश्य यह भी हैं कि यह वर्षा ऋतु के आरंभ का समय होता हैं। यह वह मौसम होता हैं जब अगले कुछ महीनों तक ना तो अधिक गर्मी रहती है व ना ही अधिक ठंड। इस मौसम में तपती धरती को जल की आपूर्ति होती हैं जिससे विश्व के लिए भोजन की व्यवस्था होती है। उसी प्रकार एक अज्ञानी मनुष्य को ज्ञान का प्रकाश देने के लिए भी एक गुरु वर्षा के रूप में अपना ज्ञान उस पर बरसाता हैं।
गुरु पूर्णिमा पर निबंध (Guru Purnima Nibandh)
इस पर कुछ बोलने या लिखने से पूर्व आपका यह जानना भी आवश्यक हैं कि आप अपना गुरु किसे समझते हैं या आप जिस पर लिख रहे है या बोल रहे हैं वह कौन हैं? एक गुरु का अर्थ यह कदापि नही हैं कि वह आपके विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक ही हो। कहने का तात्पर्य हैं कि सनातन धर्म में एक शिक्षक की योग्यता के अनुसार उसे पांच भागों में विभाजित किया गया है।
इसमें क्रमानुसार अध्यापक, उपाध्याय, आचार्य, पंडित तथा अंत में गुरु आते हैं। एक गुरु का स्थान बाकि चारो से ऊपर तथा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। एक शिक्षक गुरु हो सकता हैं लेकिन एक गुरु का शिक्षक होना अनिवार्य नही है। गुरु वह होता हैं जो आपके अंदर छुपी हुई प्रतिभा को खोजकर उसे निखारने तथा आपका मार्गदर्शन करने में योगदान दे। गुरु के द्वारा आपको अपने जीवन में एक नयी पहचान मिलती हैं तथा आप अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव का अनुभव करते हैं।
इसलिये एक गुरु आपके माता-पिता, मित्र तथा कोई अपरिचित व्यक्ति भी हो सकता है। गुरु के अंदर इतनी शक्ति होती हैं कि वह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सके। उदाहरण के तौर पर गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन की धनुष चलाने की प्रतिभा को पहचाना तथा उसे विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बना दिया जो कि उनके बिना संभव नही था।
उपरोक्त दी गयी बातों को समझकर ही आप गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर अपनी भावनाओं को अच्छे से व्यक्त कर पाएंगे। यकीन मानिये यदि आपने गुरु की महत्ता को समझ लिया तो जो शब्द आपकी कलम या बोलनी से निकलेंगे वह पढ़ने या सुनने वाले को प्रभावित कर देंगे। इस तरह से यह गुरु पूर्णिमा स्पीच (Guru Purnima Speech In Hindi) आप अपने दिल से लिखे और सच्चे शब्दों में लिखे।
गुरु पूर्णिमा स्पीच से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: गुरु पूर्णिमा में हमें क्या लिखना चाहिए?
उत्तर: यदि आप गुरु पूर्णिमा पर निबंध लिखने जा रहे हैं तो उसके बारे में हमने इस लेख में अच्छे से विश्लेषण किया है। यह आपको गुरु पूर्णिमा पर कुछ अच्छा लिखने में बहुत सहायता करेगी।
प्रश्न: गुरु पूर्णिमा का अर्थ क्या है?
उत्तर: गुरु पूर्णिमा का अर्थ होता है अपने गुरु के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन। यह त्यौहार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आता है। इस कारण इसके नाम में पूर्णिमा शब्द को जोड़ा गया है।
प्रश्न: गुरु पूर्णिमा का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर: गुरु पूर्णिमा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि एक मनुष्य को जो ज्ञान मिलता है, उसमें उसके गुरु की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बिना गुरु के हमारा उद्धार नहीं हो सकता है।
प्रश्न: गुरु पूर्णिमा का अर्थ क्या है यह क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: गुरु पूर्णिमा का अर्थ होता है अपने गुरु के प्रति आभार प्रकट करना। यह जीवन में शिक्षकों के महत्व को दर्शाने के लिए मनाया जाता है।
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