अश्विन नवरात्र के बारे में संपूर्ण जानकारी

Navratri Information In Hindi

हिंदू धर्म के अनुसार वर्ष में कुल चार नवरात्र आते हैं (Navratri Information In Hindi) जिनमें से दो मुख्य तथा दो गुप्त नवरात्र होते हैं। इनमे से चैत्र तथा अश्विन मास के नवरात्र को मुख्य माना जाता हैं जिन्हें बसंत तथा शारदीय नवरात्र भी कहा जाता हैं। दोनों ही नवरात्र की पूजा विधि में कोई अंतर नही हैं लेकिन आश्विन मास की नवरात्र को महानवरात्र के नाम से जाना जाता हैं जो दशहरे से पहले पड़ती है (Navratri Ka Mahatva In Hindi)। यह नौ दिनों तक आयोजित की जाती हैं जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने का प्रावधान हैं (Navratri Vishesh In Hindi)। आज हम इसके बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे।

शारदीय नवरात्र के बारे में जानकारी (Navratri Information In Hindi)

आश्विन नवरात्र की शुरूआत कैसे हुई? (Navratri History In Hindi)

आश्विन माह में नौ दिनों तक माता रानी की पूजा करने की शुरुआत त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने की थी। जब रावण माता सीता का हरण करके ले गया तथा श्रीराम वानर सेना के साथ लंका पर चढ़ाई कर चुके थे तब दोनों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई थी (Navratri Ka Uddeshya)।

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इसमें भगवान श्रीराम ने समुंद्र किनारे प्रतिदिन माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना की थी जो नौ दिनों तक चली थी (Navratri Kahani In Hindi)। इसके दसवें दिन उन्होंने पापी रावण का अंत कर दिया था और माता सीता को उसके चंगुल से मुक्त करवा दिया था। इसी के फलस्वरूप माँ दुर्गा को समर्पित नौ दिन के नवरात्र पर्व मनाने की शुरुआत हुई थी।

माँ दुर्गा के नौ रूप (Nava Durga In Hindi)

नवरात्र में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं जिन्हें नवदुर्गा भी कहते हैं। इनके नाम हैं:

#1. माँ शैलपुत्री

#2. माँ ब्रह्मचारिणी

#3. माँ चंद्रघंटा

#4. माँ कूष्मांडा

#5. माँ स्कंदमाता

#6. माँ कात्यायनी

#7. माँ कालरात्रि

#8. माँ महागौरी

#9. माँ सिद्धिदात्री

माँ के हर रूप का अपना अलग-अलग महत्व, पहचान व विशेषता हैं तथा इनकी पूजा करने से हमे विभिन्न लाभ मिलते हैं।

नवरात्र में व्रत रखने पर (Navratri Fasting Information In Hindi)

कुछ लोग नवरात्र में जोड़ी में व्रत रखते हैं जैसे कि दो दिन या चार दिन तो कुछ लोग पूरे नवरात्र व्रत रखते हैं। ऐसे समय में आपको कई नियमों का पालन करना पड़ता हैं। जो लोग व्रत नही भी रखते हैं तब भी उन्हें नवरात्र के समय कुछ नियम (Navratri Rules In Hindi) मानने होते हैं जैसे कि:

  • नाखून नही काटना
  • बाल नही काटना व दाढ़ी नही बनाना
  • प्याज लहसुन नही खाना
  • मांस, अंडे इत्यादि नही खाना
  • मदिरा का सेवन या धुम्रपान करना निषेध

इसके अलावा जो व्रत कर रहे हैं उन्हें इन चीज़ों से परहेज करना चाहिए, जैसे कि:

  • शारीरिक संबंध नही बनाना
  • केवल सात्विक भोजन करना
  • प्रतिदिन जल्दी उठकर स्नान करना व मातारानी की पूजा करना
  • मन पर नियंत्रण रखना व क्रोध नही करना
  • दिन में नही सोना

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नवरात्र में व्रत का भोजन (Navratri Food In Hindi)

अब आप सोच रहे होंगे कि नवरात्र में क्या-क्या बनाया जा सकता हैं। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता हैं जैसे कि नवरात्र में व्रत के दिनों में कुछ चीज़ों का प्रयोग पूर्णतया निशेष होता हैं, जैसे कि:

  • सभी प्रकार के अनाज (कुट्टू के आते के अलावा)
  • सरसों का तेल
  • दालें
  • साधारण नमक
  • चावल इत्यादि।

इसलिये आप नवरात्र में फलों का सेवन करे तथा एक समय के लिए भोजन करे। भोजन में आप कई पकवान बना सकते हैं जैसे कि कुट्टू के आटे की पूड़ियाँ या रोटियां, आलू की सब्जी, साबूदाने की खीर या खिचड़ी, थालीपीठ, आलू हलवा, मखाना खीर, समा चावल का पुलाव इत्यादि।

अष्टमी या नवमी को कंजके जिमाना (Navratri Kanjake Jimama Or Kanya Poojan In Hindi)

नवरात्र में हम नौ दिन मातारानी के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं लेकिन यह पूजा तब तक अधूरी मानी जाती हैं तब तक हम अपने घर में नौ कन्याओं को ना जिमा दे। इससे अर्थ यह हुआ कि नवरात्र के आठवें या नौवें दिन जिसे अष्टमी या नवमी भी कहते हैं (Navratri Mahima In Hindi) उस दिन अपने घर में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की नौ कन्याओं को आमंत्रित किया जाता हैं।

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फिर सभी घरवाले पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा अर्चना करते हैं व घर पर बना प्रसाद खिलाते हैं। इस प्रसाद में मुख्य रूप से हलवा, पूड़ी व एक सब्जी होती हैं। खाना खिलाने के पश्चात उन्हें प्रणाम करके कुछ उपहार या पैसे देकर घर से विदा किया जाता हैं।

कंजकों को दे ये उपहार (Kanya Poojan Gift Ideas In Hindi)

चूँकि सभी कन्याएं आयु में बहुत छोटी होती हैं इसलिये आप उपहार भी उन्हें उनके अनुसार ही दे। वैसे आप पैसे भी दे सकते हैं लेकिन उसके साथ यदि कोई छोटा-मोटा उपहार भी दे दिया जाये तो बच्चियां खुश हो जाती हैं। इसलिये आप अपने बजट के अनुसार उन 9 कन्याओं के लिए कोई न कोई उपहार खरीद सकते हैं। जैसे कि:

  • गुल्लक
  • टेडीबियर
  • टिफ़िन बॉक्स
  • स्कूल बैग
  • कहानियों की पुस्तक
  • मेकअप का सामान
  • चॉकलेट या कैंडी
  • खिलौने
  • कपड़े
  • कलर बॉक्स इत्यादि।

नवरात्र के लिए बधाई संदेश (Navratri Wishes In Hindi)

आजकल सोशल मीडिया का जमाना हैं व सभी लोग नवरात्र आने पर अपने चाहने वालों को बधाई संदेश भेजने के भी इच्छुक होंगे। लो फिर हम आपकी इसमें सहायता कर देते हैं।

#1. सभी हो जाओ तैयार, मेरी माँ आने वाली है,

सजा लो अपने आँगन को, मेरी माँ दुर्गा आने वाली है।

#2. बिन बुलाएं भी जिसकी चौखट पर जाने को जी चाहता हैं,

बस ऐसा ही है मेरी माँ का दरबार, जहाँ हर कोई आनंद पाता हैं।

ऐसे ही और संदेश पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे।

नवरात्र में इन बातों का ध्यान रखे (Things To Take Care During Navratri In Hindi)

अंत में हम आपको बताना चाहेंगे कि इस शुभ समय पर कुछ बातें हैं जिनका आपको आवश्यक रूप से ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि:

  • नवरात्र के दिनों में अपने मन को शुद्ध व पवित्र रखे तथा किसी को कटु वचन कहने से बचे।
  • महिलाओं का सम्मान करने की आदत बनाएं। इसकी शुरुआत आप नवरात्र के पावन अवसर से कर सकते हैं। उनका सम्मान करने का अर्थ यह नही कि आप उनका निरादर ना करे बल्कि उन्हें विभिन्न चीज़ों में महत्ता देना सीखे तथा उसमे उनकी राय भी ले।
  • इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार के मांस-मदिरा या तंबाकू जैसी हानिकारक चीज़ों से पूर्णतया दूरी बनाकर रखे।
  • प्रतिदिन जल्दी स्नान करने की आदत डाले व उसके बाद कुछ देर के लिए मातारानी के सामने हाथ जोड़े व उनकी चरण वंदना करे।
  • इन नौ दिनों में चमड़े से बनी चीज़ों को इस्तेमाल नही करे, जैसे कि बेल्ट, पर्स इत्यादि।

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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