गणेश आरती इन हिंदी – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Ganesh Ji Ki Aarti In Hindi

आज हम आपको गणेश जी की आरती हिंदी में (Ganesh Ji Ki Aarti In Hindi) अर्थ सहित समझाने वाले हैं। वैसे तो गणेश जी की कई आरतियां प्रचलन में हैं लेकिन उनकी जय गणेश जय गणेश देवा वाली आरती सर्वप्रसिद्ध है। इसलिए हम आपके सामने इसी गणेश आरती का अर्थ ही रखेंगे।

इस लेख की शुरुआत गणेश वंदना के अर्थ से होगी। उसके बाद गणेश आरती इन हिंदी (Ganesh Aarti In Hindi) में पढ़ने को मिलेगी। अंत में हम गणेश आरती पढ़ने के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी बताएँगे। तो आइए सबसे पहले गणेश जी की आरती इन हिंदी में पढ़ लेते हैं।

Ganesh Ji Ki Aarti In Hindi | गणेश जी की आरती हिंदी में

सर्वप्रथम गणेश वंदना और उसका अर्थ पढ़ लीजिए:

खर्वं स्थूलतनुं गजेन्द्रवदनं लम्बोदरं सुन्दरं
प्रस्यन्दन्मदगन्धलुब्धमधुपव्यालोलगण्डस्थलम्।
दन्ताघातविदारितारिरुधिरै सिन्दूरशोभाकरं
वन्दे शैलसुतासुतं गणपतिं सिद्धिप्रदं कामदम्॥

अर्थ: मैं सिद्धि को प्रदान करने वाले, अभय प्रदान करने वाले, पार्वती माता के पुत्र भगवान गणेश की वन्दना करता हूँ। वे छोटे कद के हैं, शरीर मोटा है, मुख हाथी के समान है, उदर लंबा है, फिर भी वे अत्यधिक सुंदर व मनमोहक हैं।

उनकी कनपटियों से जो मधुर गन्ध आती है और जो उनकी आकृष्ट भौरें हैं, उस कारण वे अत्यधिक चंचल प्रतीत होते हैं। उनके दांत से मरे हुए राक्षसों का खून उनके मुख पर सिंदूर की भांति उनकी शोभा को और बढ़ा देता है।

अब हम गणेश जी की आरती इन हिंदी में अर्थ सहित देने जा रहे हैं:

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।

हे गणेश भगवान, आपकी जय हो, जय हो, जय हो। आपकी माता का नाम पार्वती है और आपके पिता स्वयं महादेव हैं।

एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी, मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी।

आपका एक दांत है, आप दयावान हैं, आपके चार हाथ हैं, माथे पर सिंदूर लगा हुआ है और आप चूहे की सवारी करते हो।

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लडुवन कौ भोग लगे सन्त करे सेवा।

आपकी पूजा में पान, फूलों और मेवा का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। साथ ही आपको लड्डू अत्यधिक प्रिय है, इसलिए आपकी पूजा में उनका भी भोग लगाया जाता है। आपकी सेवा करने को संत लोग हमेशा तत्पर रहते हैं।

अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया, बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया।

आप अंधे मनुष्य को आँख प्रदान करते हो तो वहीं कोढ़ी के रोगी को स्वस्थ शरीर प्रदान करते हो। इतना ही नही जो स्त्री बाँझ है, उसे भी आप पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद देते हो और गरीब लोगों की झोली को पैसों से भर देते हो।

दीनन की लाज राखो शम्भु-सुत वारी, कामना को पूरा करो जग बलिहारी।

हे सभी का भला करने वाले भगवान गणेश, आप सभी दीन बंधुओं का सम्मान रखें और समाज में उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि करें। हे विश्व के पालनकर्ता, आप हम सभी की इच्छाओं को पूर्ण करके हमारा उद्धार करें।

सूरश्याम शरण आये सुफल कीजे सेवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।

हे श्री गणेश, हम सभी आपकी सुबह-शाम आराधना व भक्ति करते हैं। आपके माता-पिता पार्वती व शिव हैं।

इस तरह से आज आपने गणेश आरती इन हिंदी (Ganesh Aarti In Hindi) में पढ़ ली है। चलिए अब गणेश जी की आरती का महत्व और उसके पाठ से मिलने वाले लाभ के बारे में भी जान लेते हैं।

गणेश जी की आरती का महत्व

गणेश भगवान को सर्वप्रथम पूजने की परंपरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वयं महादेव ने उन्हें यह आशीर्वाद दिया है। इसी के साथ ही माँ लक्ष्मी की पूजा बिना गणेश भगवान की पूजा के अधूरी मानी जाती है। ऐसे में हम कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं तो सबसे पहले गणेश जी की आरती से ही शुरुआत होती है।

कहते हैं कि जब तक घर में गणेश जी का आगमन नहीं होता है, तब तक दूसरे देवी-देवता भी उस घर में प्रवेश नहीं करते हैं। इस कारण गणेश आरती का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। यदि आप अपने घर में अन्य देवी-देवताओं को भी बुलाना चाहते हैं तो सबसे पहले गणेश भगवान को निमंत्रण दिया जाना आवश्यक है। उसके लिए गणेश जी की आरती करनी होती है। यहीं गणेश जी की आरती का महत्व है।

गणेश जी की आरती पढ़ने के फायदे

गणेश आरती को करने से एक नहीं बल्कि कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है। विघ्न अर्थात संकट और हर्ता अर्थात उसे हरने वाला या दूर करने वाला। गणेश जी की आरती से गणेश भगवान प्रसन्न होते हैं और हमारे हर तरह के संकट को दूर कर देते हैं।

अब वह संकट चाहे परिवार को लेकर हो या करियर को लेकर, स्वास्थ्य की चिंता हो या व्यवसाय की, हर संकट गणेश जी की कृपा से दूर हो जाता है। इसी के साथ ही गणेश जी को बुद्धि का देवता माना जाता है। गणेश जी की आरती के माध्यम से हमारी बुद्धि का भी विकास होता है और आत्म-विश्वास में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। यहीं गणेश जी की आरती के लाभ होते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने गणेश जी की आरती हिंदी में (Ganesh Ji Ki Aarti In Hindi) अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने जान लिया है कि गणेश जी की आरती करने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं और उनका क्या महत्व है। अब यदि आपके मन में कोई और प्रश्न है तो आप नीचे कमेंट कर हमसे पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द उसका उत्तर देंगे।

श्री गणेश आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: गणेश जी की आरती कितने बजे होती है?

उत्तर: आप सुबह और शाम दोनों समय गणेश जी की आरती कर सकते हैं शाम में सूर्यास्त के समय आरती कर लेनी चाहिए और सुबह आरती का समय 11 बजे के बाद का नहीं होना चाहिए

प्रश्न: गणेश जी की आरती कैसे करें?

उत्तर: गणेश जी की आरती करने के लिए आपको सर्वप्रथम सच्चे मन के साथ गणेश भगवान का नाम लेना चाहिए अब आपको पूजा की थाली लेकर गणेश भगवान की आरती शुरू कर देनी चाहिए

प्रश्न: गणेश जी का पुराना नाम क्या है?

उत्तर: गणेश जी का पुराना नाम विनायक था जब भगवान शिव ने उनका मस्तक काट दिया था, उसके बाद उनका नाम गणेश रखा गया था

प्रश्न: गणपति की आरती कितनी होती है?

उत्तर: मुख्य रूप से गणपति या भगवान गणेश की कुल पांच आरतियां है इन्हें गणपति आरती, गणेश आरती, इत्यादि के नाम से जाना जाता है

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *