संजीवनी बूटी लाते समय जब हुआ भरत हनुमान मिलन

रामायण (Ramayan In Hindi)

रामायण में हनुमान भरत मिलन (Hanuman Bharat Milan) ऐसे समय पर होता है जब लक्ष्मण मूर्छा में होते हैं और श्रीराम लगातार विलाप कर रहे होते हैंराम-रावण युद्ध में जब मेघनाथ दूसरी बार युद्धभूमि में आया था तो उसके शक्तिबाण के प्रहार से लक्ष्मण मुर्छित हो गए थे। तब लंका के राजवैद्य सुषेण की सहायता ली गई।

उन्होंने इसका उपचार केवल संजीवनी बूटी बताया जिसका सूर्योदय से पहले लाया जाना आवश्यक था। इसका उत्तरदायित्व हनुमान जी ने उठाया था। जब वे हिमालय से संजीवनी पर्वत उठाकर ला रहे थे तब बीच में श्रीराम के छोटे भाई भरत ने उन पर प्रहार कर उन्हें घायल कर दिया था। उसी समय भरत हनुमान मिलन (Bharat Hanuman Milan) देखने को मिलता है

Hanuman Bharat Milan | हनुमान भरत मिलन

जब हनुमान जी उस पहाड़ पर पहुँचे जहाँ का पता सुषेण वैद्य ने बताया था तो वे वहाँ कई प्रकार की बूटियों को देखकर शंका में पड़ गए। वहाँ पर संजीवनी बूटी के समान ही कई अन्य प्रकार की बूटियाँ थी जो उसके समान ही प्रकाशमान थी। कहीं हनुमान जी गलत बूटी ले गए तो लक्ष्मण के प्राण नहीं बचेंगे, यही सोचकर उन्होंने अपना शरीर बड़ा किया व संपूर्ण पहाड़ को ही उठा लिया।

हनुमान जी संजीवनी पर्वत को उठाकर तीव्र गति से हिमालय से लंका की ओर बढ़ रहे थे जिसके बीच में अयोध्या नगरी भी आती थी। जब वे अयोध्या के ऊपर से उड़ रहे थे तब अयोध्या के सैनिकों ने आकाश में एक विशालकाय शरीर के प्राणी को उड़ते देखा जिसके हाथ में एक विशाल पहाड़ भी था। यह देखकर अयोध्या के सैनिक बुरी तरह डर गए क्योंकि उन्हें लगा कि कोई अयोध्या पर आक्रमण करने आया है। इसलिए उन्होंने तुरंत इसकी सूचना अपने राजा भरत को जाकर दी।

भरत ने चलाया हनुमान पर तीर

भरत उस समय भगवान श्रीराम के समान वनवास का जीवन व्यतीत कर रहे थे व महल से बाहर एक कुटिया बनाकर रहते थे। जब उन्हें आकाश में एक विशाल शरीर वाले प्राणी की पहाड़ के साथ उड़ने की सूचना दी गई तब उन्होंने उसे कोई दैत्य या राक्षस समझा जो अयोध्या पर आक्रमण करने आया था। चूँकि भगवान श्रीराम 14 वर्षों तक अयोध्या व उसकी प्रजा की सुरक्षा का उत्तरदायित्व भरत को सौंपकर गए थे इसलिए उन्होंने अपना धनुष बाण निकाला व हनुमान जी के पैरों पर निशाना मारा।

भरत के बाण से हनुमान घायल होकर गिर पड़े

भरत का बाण जैसे ही हनुमान जी के पैरों पर लगा तो उनके हाथ से पहाड़ छूट गया तथा वे पहाड़ समेत नीचे गिर पड़े। उनके मुख से लगातार श्रीराम का नाम निकल रहा था। जब भरत उनके पास आए व उनके मुख से श्रीराम का जाप सुना तो उन्हें ज्ञान हो गया कि यह श्रीराम का भक्त है व उन्हीं के किसी काम के लिए जा रहा होगा।

चूँकि चित्रकूट में मिलन के पश्चात भरत को श्रीराम के जीवन में घटी किसी घटना का ज्ञान नहीं था इसलिए वे इन सब बातों से अनभिज्ञ थे। उन्हें हनुमान पर आघात करने का दुःख हुआ तथा जल्दी से उन्होंने उसका उपचार किया जिससे हनुमान जी ठीक हो गए।

Bharat Hanuman Milan | भरत हनुमान मिलन

हनुमान को जब चेतना आई तब उन्होंने स्वयं का परिचय दिया व श्रीराम व लक्ष्मण के बारे में बताया। माता सीता के अपहरण, भगवान श्रीराम के लंका पर आक्रमण व लक्ष्मण के मुर्छित होने का समाचार सुनकर भरत अत्यंत व्याकुल हो गए। लेकिन वे श्रीराम के आदेश के अनुसार अयोध्या छोड़कर नहीं जा सकते थे।

उन्होंने हनुमान की सहायता करने का अनुरोध भी किया किंतु उन्होंने मना कर दिया। तब समय के महत्व को देखते हुए हनुमान ने भरत से जाने की इच्छा प्रकट की जिसे भरत ने तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद हनुमान ने पुनः संजीवनी पर्वत को उठाया व लंका की ओर उड़ पड़े।

हनुमान भरत मिलन (Hanuman Bharat Milan) के माध्यम से हनुमान जी की पहली बार भरत से भेंट हुई थी। इसी कारण जब श्रीराम वापस अयोध्या आने वाले होते हैं तब वे हनुमान को ही भरत को यह संदेश देने भेजते हैं।

हनुमान भरत मिलन से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने में कितना समय लगा?

उत्तर: हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने में अधिकतम 4 से 5 घंटे का समय लगा था उन्हें रात-रात में ही संजीवनी बूटी को लेकर लौटना था

प्रश्न: हनुमान जी से ज्यादा शक्तिशाली कौन था?

उत्तर: हनुमान जी से ज्यादा शक्तिशाली योद्धा कोई नहीं था केवल नारायण को छोड़कर रामायण में हनुमान जी से शक्तिशाली कोई नहीं था

प्रश्न: हनुमान को कौन हरा सकता है?

उत्तर: हनुमान जी भगवान महादेव के अवतार हैं उन्हें किसी के भी द्वारा नहीं हराया जा सकता है

प्रश्न: हनुमान जी का घमंड कैसे टूटा?

उत्तर: हनुमान जी ईश्वर के अवतार थे उन्हें कभी घमंड नहीं था उन्हें तो अपनी शक्ति का चतुराई व बुद्धिमता से उपयोग करने के लिए जाना जाता है

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *