रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में 10 रोचक तथ्य

Rabindranath Tagore In Hindi

रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore In Hindi) का जन्म तो भारत की भूमि में हुआ था लेकिन बांग्लादेश और श्रीलंका के लोगों के बीच भी वे बहुत लोकप्रिय हैं। वे ना केवल एक महान कवि थे बल्कि उन्होंने कई कहानियों की रचनाएँ भी की थी। उन्हें हम भारतीय इतिहास का महान कवि, लेखक, संगीतकार व साहित्यकार भी कह सकते हैं।

आज हम उनके बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य जानेंगे जिसके बारे में आप में से अधिकतर लोग जानते नहीं होंगे। आइए जानते हैं गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में (Rabindranath Tagore Ke Bare Mein) कुछ आश्चर्यजनक तथ्य।

Rabindranath Tagore In Hindi | रबीन्द्रनाथ टैगोर – 10 रोचक तथ्य

रबीन्द्रनाथ जी का जन्म भारत के बंगाल राज्य के कलकत्ता शहर में 7 मई 1861 को हुआ था। उस समय भारत देश अंग्रेजों के अधीन था। देश को ब्रिटिश इंडिया के नाम से जाना जाता था। उनकी मूल भाषा बंगाली थी जबकि उन्हें हिंदी व अंग्रेजी का भी ज्ञान था। उनका विवाह सन 1883 में मृणालिनी देवी से हुआ था लेकिन वर्ष 1902 में उनका देहांत हो गया था।

रबीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण रचनाओं को लिखा था। उनकी लिखी रचनाएँ देश में ही नहीं अपितु विदेशों तक में प्रसिद्ध थी जिस कारण उन्हें विश्व का सर्वोच्च सम्मान नोबल पुरस्कार तक मिला था। उनकी सर्वप्रसिद्ध रचना गीतांजलि थी। आइए उनके बारे में 10 मुख्य बातें जान लेते हैं।

#1. हम रबीन्द्रनाथ टैगोर जी को भारत के राष्ट्रीय गान “जन गण मन” व बांग्लादेश के राष्ट्रगान “आमार सोनार बांग्ला” के रचयिता के रूप में जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रगान “श्रीलंका माता” में भी उनकी मुख्य भूमिका थी।

श्रीलंका के राष्ट्रगान को लिखने का श्रेय आनंद समाराकून को जाता है लेकिन उन्होंने रबीन्द्रनाथ की बंगाली कविता में से इसको लिखा था। साथ ही रबीन्द्रनाथ ने श्रीलंका के राष्ट्रीय गीत को धुन भी दी है। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि आनंद ने रबीन्द्रनाथ के बंगाली गीत को सिंहली भाषा में अनुवाद करके ही श्रीलंका का पूरा राष्ट्रगान लिखा था।

#2. बचपन में रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore In Hindi) को रबी नाम से बुलाया जाता था। उन्होंने अपने जीवन की प्रथम रचना मात्र 8 वर्ष की आयु में ही कर दी थी जो कि एक कविता थी।

#3. सन 1910 ईस्वी में उनकी विश्व प्रसिद्ध रचना गीतांजलि प्रकाशित हुई थी जो कि 157 कविताओं का समूह था। इसी रचना के कारण सन 1913 ईस्वी में उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था।

#4. हम में से ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि रबीन्द्रनाथ टैगोर ऐसे प्रथम भारतीय थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था लेकिन आज हम इसमें दो बातें और जोड़ देना चाहते हैं। वे ना केवल प्रथम भारतीय बल्कि प्रथम एशियाई भी थे जिन्हें अपने साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार मिला था।

इसी के साथ आज तक केवल यूरोप के लोगों को ही नोबेल पुरस्कार मिला था। रबीन्द्रनाथ प्रथम ऐसे व्यक्ति थे जो नोबेल पुरस्कार पाने वाले गैर यूरोपीय थे।

#5. अंग्रेजों की सरकार ने रबीन्द्रनाथ की रचनाओं से प्रभावित होकर सन 1915 में उन्हें नाइटहुड (सर) की उपाधि से सम्मानित किया था।

#6. सन 1919 में अंग्रेजों ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग के कांड को अंजाम दिया था जिसमें हजारों की संख्या में सिख व हिंदू धर्म के लोग मारे गए थे। इस कांड के बाद रबीन्द्रनाथ टैगोर ने अंग्रेजों से मिली नाइटहुड की उपाधि को लौटा दिया था।

#7. भौतिक शास्त्र में नोबेल विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी एक बार रबीन्द्रनाथ टैगोर को अपने यहाँ आमंत्रित किया था। उन्होंने विज्ञान और साहित्य पर विस्तृत चर्चा की थी जिसे “नोट ऑन द नेचर ऑफ़ ब्यूटी” में भी प्रकाशित किया गया था।

#8. पारंपरिक शिक्षा पद्धति से रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore In Hindi) इतने खुश नहीं थे। इसलिए इसे चुनौती देने के लिए ही उन्होंने विश्व भारती विद्यालयों की स्थापना की थी। नोबेल पुरस्कार से मिलने वाली नकदी को उन्होंने इसमें लगा दिया था।

#9. हम सभी महात्मा गांधी को बहुत अच्छे से जानते हैं जिनका पहले का नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्हें महात्मा की उपाधि किसने दी थी? उन्हें महात्मा की उपाधि देने वाले स्वयं रबीन्द्रनाथ टैगोर थे।

#10. उन्होंने कई शैलियों पर काम किया था जैसे कि निबंध, कविताएँ, नाटक, छंद, दोहे, गीत, लघु कथाएं, उपन्यास इत्यादि। यहाँ तक कि 60 वर्ष की आयु में उन्होंने चित्रकारी करनी भी शुरू कर दी थी।

इस तरह से रबीन्द्रनाथ टैगोर अपनी लिखी रचनाओं के कारण हमेशा के लिए अमर हो गए। अन्ततः 7 अगस्त 1941 को 80 वर्ष की आयु में कलकत्ता में ही उनका निधन हो गया। रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में (Rabindranath Tagore Ke Bare Mein) लिखने को तो बहुत कुछ है लेकिन आज हमने उनके जीवन से जुड़ी 10 सबसे मुख्य बातों को आपके सामने रखा है।

रबीन्द्रनाथ टैगोर से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: रवींद्रनाथ टैगोर क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर: रवींद्रनाथ टैगोर अपनी लिखी ऐतिहासिक रचनाओं के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध हैं उन्होंने भारत व बांग्लादेश का राष्ट्रगान भी लिखा था तो वहीं उनकी सर्वप्रसिद्ध रचना गीतांजलि थी

प्रश्न: रविंद्र नाथ टैगोर की सबसे प्रसिद्ध रचना कौन सी है?

उत्तर: रविंद्र नाथ टैगोर की सबसे प्रसिद्ध रचना गीतांजलि है जो कई कविताओं का समूह है उनकी इसी रचना के कारण वर्ष 1913 में उन्हें नोबल पुरस्कार मिला था

प्रश्न: रवींद्रनाथ टैगोर की सबसे प्रसिद्ध कविता कौन सी है?

उत्तर: रवींद्रनाथ टैगोर की सबसे प्रसिद्ध कविता गीतांजलि है दरअसल यह एक कविता नहीं बल्कि 157 कविताओं का समूह है उनकी यह रचना वर्ष 1910 में प्रकाशित हुई थी

प्रश्न: रवींद्रनाथ टैगोर ने कौन सा नारा दिया था?

उत्तर: प्रसिद्ध “एकला चलो रे” का नारा रवींद्रनाथ टैगोर के द्वारा ही दिया गया था इसका अर्थ होता है अकेले आगे बढ़ते रहो और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करो

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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