खाटू श्याम जी की आरती – महत्व व लाभ सहित

Shyam Baba Ki Aarti Lyrics In Hindi

आज के इस लेख में हम आपके साथ खाटू श्याम आरती (Khatu Shyam Aarti) का पाठ करने जा रहे हैं। श्याम बाबा को कलियुग का अवतार या भगवान माना जाता है। उन्हें यह उपाधि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दी है। यही कारण है कि श्याम बाबा की प्रसिद्धि हर दिन के साथ बढ़ती ही जा रही है।

भक्तों के द्वारा खाटू श्याम जी की आरती (Khatu Shyam Ji Ki Aarti) बड़े ही उत्साह के साथ पढ़ी जाती है। वैसे तो उनका नाम बर्बरीक है लेकिन श्री कृष्ण ने उन्हें श्याम नाम दिया था। उनका प्रमुख मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू जगह में स्थित है। इस कारण श्याम बाबा देशभर में खाटू श्याम के नाम से ही प्रसिद्ध है।

इस लेख के अंत में हम आपको खाटू श्याम की आरती करने से मिलने वाले फायदे और महत्व के बारे में भी बताएँगे। तो आइए सबसे पहले पढ़ते हैं श्री खाटू श्याम आरती।

Khatu Shyam Aarti | खाटू श्याम आरती

ॐ जय श्रीश्याम हरे, प्रभु जय श्रीश्याम हरे।
निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे।
पीत बसन पीताम्बर, कुण्डल कर्ण पड़े

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

मोदक खीर चूरमा, सुवर्ण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर ढुरे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

झांझ, नागारा और घड़ियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावें, जय जयकार करे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जब निज मुख से, श्रीश्याम श्याम उचरे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

श्रीश्याम बिहारीजी की आरती, जो कोई नर गावे।
गावत दासमनोहर, मन वांछित फल पावे

हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे…

इस तरह से आज आपने खाटू श्याम जी की आरती (Khatu Shyam Ji Ki Aarti) पढ़ ली है। अब हम आपको खाटू श्याम आरती पढ़ने से मिलने वाले फायदे और उसके महत्व के बारे में भी बता देते हैं।

खाटू श्याम जी की आरती का महत्व

श्याम बाबा को कलयुग का अवतार माना जाता है जिनका असली नाम बर्बरीक था। वे महाभारत के युद्ध को एक क्षण में ही पलट देने की क्षमता रखते थे लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर वे रुक गए थे और अपना सिर धड़ से अलग कर दिया था। उन्हें एक तरह से भगवान विष्णु का ही अवतार माना गया है और भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपना नाम दे दिया था जिनका मुख्य मंदिर राजस्थान के खाटू में स्थित है।

ऐसे में जब हम खाटू श्याम आरती पढ़ते हैं तो हमें श्याम बाबा की महत्ता के बारे में शुरू से लेकर अंत तक ज्ञान होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि खाटू श्याम आरती के माध्यम से हमें यह जानने में सहायता मिलती है कि क्यों उन्हें इतना महान अवतार कहा गया है और क्यों कलयुग में वे इतने अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इसी के साथ इस खाटू श्याम आरती के माध्यम से श्याम बाबा के सभी गुणों, महत्ता, जीवन, भक्ति इत्यादि के बारे में भी बताया गया है।

खाटू श्याम आरती के फायदे

यह तो आप सभी जानते ही हैं कि श्याम बाबा को कलयुग का अवतार माना गया है और यह हम या आप नहीं अपितु भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले हुए शब्द हैं। वैसे तो सनातन धर्म में कई तरह के देवी-देवता हैं तथा साथ ही भगवान ने भी कई रूपों में अवतार लिया है लेकिन यदि हम कलयुग की बात करें जिसमे हम अभी जी रहे हैं, तो इस युग में श्याम अवतार को सबसे अधिक प्रासंगिक माना गया है।

वैसे तो सभी देवी-देवता व ईश्वर के अवतारों की अपनी-अपनी महत्ता होती है लेकिन श्याम बाबा को कलयुग का अवतार इसलिए कहा गया है क्योंकि उनके दरबार में जो भी अर्जी लगाता है, उसकी सुनवाई जल्दी होती है। ऐसे में यदि आप भी नियमित रूप से खाटू श्याम आरती का पाठ करते हैं तो अवश्य ही आपके ऊपर भी श्याम बाबा की कृपा होगी और आपके बिगड़े हुए सभी कार्य आसानी से बन जाएंगे।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने खाटू श्याम आरती (Khatu Shyam Aarti) पढ़ ली है। साथ ही आपने खाटू श्याम जी की आरती करने से मिलने वाले फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या इस विषय पर हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपको प्रत्युत्तर देंगे।

खाटू श्याम आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: खाटू श्याम जी की शाम की आरती कितने बजे होती है?

उत्तर: खाटू श्याम जी की शाम की आरती गर्मियों के मौसम में 7:30 बजे और सर्दियों में 6:30 बजे होती है।

प्रश्न: खाटू श्याम का प्रसाद क्या होता है?

उत्तर: जो चीज़ खाटू की धरती से पहली बार निकली थी वह गाय माता का कच्चा दूध था। तो वही श्याम बाबा को प्रसाद के रूप में सबसे अधिक प्रिय होता है।

प्रश्न: खाटू श्याम की पूजा कौन से दिन होती है?

उत्तर: खाटू श्याम की पूजा का दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को माना जाता है जिस दिन को हम देवउठनी एकादशी या बड़ी ग्यारस के रूप में भी मनाते हैं। इसी दिन श्याम बाबा का प्रकटोत्सव भी मनाया जाता है।

प्रश्न: श्याम बाबा को प्रसन्न कैसे करें?

उत्तर: यदि आप श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको नियमित रूप से श्याम बाबा की आरती पढ़नी चाहिए और सत्कर्म करने चाहिए।

नोट: यदि आप वैदिक ज्ञान 🔱, धार्मिक कथाएं 🕉️, मंदिर व ऐतिहासिक स्थल 🛕, भारतीय इतिहास, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य 🧠, योग व प्राणायाम 🧘‍♂️, घरेलू नुस्खे 🥥, धर्म समाचार 📰, शिक्षा व सुविचार 👣, पर्व व उत्सव 🪔, राशिफल 🌌 तथा सनातन धर्म की अन्य धर्म शाखाएं ☸️ (जैन, बौद्ध व सिख) इत्यादि विषयों के बारे में प्रतिदिन कुछ ना कुछ जानना चाहते हैं तो आपको धर्मयात्रा संस्था के विभिन्न सोशल मीडिया खातों से जुड़ना चाहिए। उनके लिंक हैं:

अन्य संबंधित लेख:

Recommended For You

लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझ से किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *