श्री श्याम स्तुति (Shree Shyam Stuti) | खाटू श्याम स्तुति (Khatu Shyam Stuti)

Shri Shyam Stuti

श्याम बाबा को कलयुग का अवतार या भगवान माना जाता है और उन्हें यह उपाधि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दी है। यही कारण है कि श्याम बाबा की प्रसिद्धि हर दिन के साथ बढ़ती ही जा रही है और हर घर में लोग श्याम बाबा की भक्ति करने लगे हैं। साथ ही उनके द्वारा श्री श्याम स्तुति (Shri Shyam Stuti) भी बड़े ही उत्साह के साथ पढ़ी जाती है। यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके साथ श्याम स्तुति का पाठ करने जा रहे हैं।

अब वैसे तो उनका नाम श्याम है लेकिन उनका प्रमुख मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू जगह में स्थित है जिस कारण देशभर में उनका नाम खाटू श्याम के नाम से ही प्रसिद्ध है। बहुत से भक्त उनकी स्तुति को भी खाटू श्याम स्तुति (Khatu Shyam Stuti) ही कह देते हैं। तो आज के इस लेख में ना केवल आपको श्री श्याम स्तुति (Shree Shyam Stuti) पढ़ने को मिलेगी बल्कि इसके साथ ही आपको उसका अर्थ भी जानने को मिलेगा ताकि आप उसका महत्व अच्छे से समझ सकें। तो आइये पढ़ते हैं श्याम बाबा की स्तुति अर्थ सहित।

श्री श्याम स्तुति (Shri Shyam Stuti)

हाथ जोड़ विनती करूँ सुनियो चित्त लगाए,

दास आ गयो शरण मे रखियो इसकी लाज,

धन्य ढूंढारो देश है खाटू नगर सुजान,

अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।

श्याम श्याम तो मैं रटू श्याम है जीवन प्राण,

श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम,

खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम,

फागुन शुक्ल मेला भरें जय जय बाबा श्याम।

फागुन शुक्ल द्वादशी उत्सव भारी होए,

बाबा के दरबार से खाली जाये न कोए,

उमापति लक्ष्मीपति सीतापति श्रीराम,

लज्जा सबकी राखियो खाटू के बाबा श्याम।

पान सुपारी इलायची इतर सुगंध भरपूर,

सब भगतो की विनती दर्शन देवो हजूर,

आलूसिंह जी तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान,

श्याम भक्त पावे सदा श्याम किरपा से मान।

श्री श्याम स्तुति – अर्थ सहित (Shree Shyam Stuti – With Meaning)

हाथ जोड़ विनती करूँ सुनियो चित्त लगाए,

दास आ गयो शरण मे रखियो इसकी लाज,

धन्य ढूंढारो देश है खाटू नगर सुजान,

अनुपम छवि श्री श्याम की दर्शन से कल्याण।

हे श्याम बाबा! मैं आपके सामने हाथ जोड़ कर विनती कर रहा हूँ और कृप्या करके आप मेरी प्रार्थना सुन लीजिये। आपका यह सेवक आपकी शरण में आ गया है और आप मेरे मान-सम्मान की रक्षा कीजिये। भारत देश बहुत ही ज्यादा धन्य है जिसमें आपकी नगरी खाटू बसी हुई है। वहां पर आप अद्भुत व मनोहर रूप में विराजमान हैं जिनके दर्शन मात्र से ही हम सभी का कल्याण हो जाता है।

श्याम श्याम तो मैं रटू श्याम है जीवन प्राण,

श्याम भक्त जग में बड़े उनको करूँ प्रणाम,

खाटू नगर के बीच में बण्यो आपको धाम,

फागुन शुक्ल मेला भरें जय जय बाबा श्याम।

मैं हर समय श्याम-श्याम नाम ही जपता रहता हूँ और आप ही मेरे प्राण हैं। जो भी इस विश्व में श्याम भक्त है, उन सभी को मैं प्रणाम करता हूँ। खाटू नगरी के बीच में आपका भव्य मंदिर बना हुआ है। वहां पर फागुन मास के शुक्ल पक्ष को मेला लगता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से करोड़ो श्रद्धालु पहुँचते हैं।

फागुन शुक्ल द्वादशी उत्सव भारी होए,

बाबा के दरबार से खाली जाये न कोए,

उमापति लक्ष्मीपति सीतापति श्रीराम,

लज्जा सबकी राखियो खाटू के बाबा श्याम।

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आपकी नगरी खाटू में उत्सव का वातावरण रहता है। जो भी भक्त उस समय आपके दरबार में अपनी अर्जी लेकर आता है, आप उसकी झोली को भर देते हैं। आप ही माँ पार्वती के पति हो, आप ही माँ लक्ष्मी के पति हो, आप ही माता सीता के पति श्रीराम हो। हे खाटू नरेश व बाबा श्याम!! आप अपने सभी भक्तों के मान-सम्मान की रक्षा कीजियेगा।

पान सुपारी इलायची इतर सुगंध भरपूर,

सब भगतो की विनती दर्शन देवो हजूर,

आलूसिंह जी तो प्रेम से धरे श्याम को ध्यान,

श्याम भक्त पावे सदा श्याम किरपा से मान।

आपको पान, सुपारी, इलायची, इत्र इत्यादि चढ़ाया जाता है। आपसे आपके सभी भक्तों की प्रार्थना है कि अब आप हमें दर्शन दीजिये। आलूसिंह महाराज तो सदा ही आपका ध्यान करते हैं। जो भी इस जगत में श्याम भक्त है, उन्हें आपकी कृपा से मान-सम्मान मिलता है।

खाटू श्याम स्तुति का महत्व (Khatu Shyam Stuti Ka Mahatva)

श्याम बाबा को कलयुग का अवतार माना जाता है जिनका असली नाम बर्बरीक था। वे महाभारत के युद्ध को एक क्षण में ही पलट देने की क्षमता रखते थे लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर वे रुक गए थे और अपना सिर धड़ से अलग कर दिया था। उन्हें एक तरह से भगवान विष्णु का ही अवतार माना गया है और भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपना नाम दे दिया था जिनका मुख्य मंदिर राजस्थान के खाटू में स्थित है।

ऐसे में जब हम खाटू श्याम स्तुति पढ़ते हैं तो हमें श्याम बाबा की महत्ता के बारे में शुरू से लेकर अंत तक ज्ञान होता है। कहने का अर्थ यह हुआ कि श्याम स्तुति के माध्यम से हमें यह जानने में सहायता मिलती है कि क्यों उन्हें इतना महान अवतार कहा गया है और क्यों कलयुग में वे इतने अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इसी के साथ इस खाटू स्तुति के माध्यम से श्याम बाबा के सभी गुणों, महत्ता, जीवन, भक्ति इत्यादि के बारे में भी बताया गया है।

श्याम स्तुति के लाभ (Shyam Stuti Benefits In Hindi)

यह तो आप सभी जानते ही हैं कि भगवान श्याम को कलयुग का अवतार माना गया है और यह हम या आप नहीं अपितु भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकले हुए शब्द हैं। वैसे तो सनातन धर्म में कई तरह के देवी-देवता हैं तथा साथ ही भगवान ने भी कई रूपों में अवतार लिया है लेकिन यदि हम कलयुग की बात करें जिसमे हम अभी जी रहे हैं, तो इस युग में श्याम अवतार को सबसे अधिक प्रासंगिक माना गया है।

वैसे तो सभी देवी-देवता व ईश्वर के अवतारों की अपनी-अपनी महत्ता होती है लेकिन श्याम बाबा को कलयुग का अवतार इसलिए कहा गया है क्योंकि उनके दरबार में जो भी अर्जी लगाता है, उसकी सुनवाई जल्दी होती है। ऐसे में यदि आप भी नियमित रूप से श्री श्याम स्तुति का पाठ करते हैं तो अवश्य ही आपके ऊपर भी श्याम बाबा की कृपा होगी और आपके बिगड़े हुए सभी कार्य आसानी से बन जाएंगे।

श्याम स्तुति से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: खाटू श्याम का मंत्र कौन सा है?

उत्तर: ॐ मोर्वी नन्दनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरिकः प्रचोदयात्।

प्रश्न: खाटू श्याम का दिन कौन सा होता है?

उत्तर: खाटू श्याम का दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को माना जाता है जिस दिन को हम देवउठनी एकादशी या बड़ी ग्यारस के रूप में भी मनाते हैं। इसी दिन श्याम बाबा का प्रकटोत्सव भी मनाया जाता है।

प्रश्न: श्याम बाबा का दिन कौन सा होता है?

उत्तर: श्याम बाबा का दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को माना जाता है जिस दिन को हम देवउठनी एकादशी या बड़ी ग्यारस के रूप में भी मनाते हैं। इसी दिन श्याम बाबा का प्रकटोत्सव भी मनाया जाता है।

प्रश्न: खाटू श्याम कौन से दिन जाना चाहिए?

उत्तर: वैसे तो आप खाटू श्याम वर्ष के किसी भी दिन जा सकते हैं लेकिन हर महीने जो शुक्ल पक्ष की ग्यारस या बारस आती है, उस दिन खाटू श्याम जाने से ज्यादा फल मिलता है।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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