लक्ष्मी जी की चालीसा हिंदी में – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

Lakshmi Chalisa

इस लेख के माध्यम से आपको महा लक्ष्मी जी की चालीसा (Lakshmi Chalisa) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ने को मिलेगी ताकि आप उसका संपूर्ण अर्थ व महत्व जान सकें। यदि महालक्ष्मी चालीसा को पढ़ने के साथ-साथ उसका हिंदी अर्थ भी जान लिया जाए तो यह आपके लिए अत्यधिक हितकारी सिद्ध होगा।

महालक्ष्मी चालीसा (Lakshmi Chalisa Lyrics In Hindi) में माता लक्ष्मी के गुणों, शक्तियों, महिमा, पूजा विधि, महत्व इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया है। फिर हम आपको महालक्ष्मी चालीसा पढ़ने के फायदे और उसके महत्व बताएँगे। इससे आप जान पाएंगे कि लक्ष्मी माता की आराधना करने से क्या कुछ लाभ देखने को मिलते हैं।

लक्ष्मी जी की जिस किसी पर भी कृपा हो जाती है, फिर उसके जीवन से सभी संकट एक पल में ही दूर हो जाते हैं। आइए सबसे पहले पढ़ते हैं मां लक्ष्मी चालीसा हिंदी में अर्थ सहित।

Lakshmi Chalisa | लक्ष्मी जी की चालीसा – अर्थ सहित

॥ दोहा ॥

जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ मात तव ध्यान।
सिद्ध काज मम कीजिए निज शिशु सेवक जान॥

हे महालक्ष्मी माता!! आपकी जय हो, जय हो। मैं आपका ही ध्यान करता हूँ और आपकी चालीसा का पाठ करता हूँ। मुझे अपना ही बालक व सेवक मान कर मेरे सभी कामों को पूरा कर दीजिये।

॥ चौपाई ॥

नमो महा लक्ष्मी जय माता, तेरो नाम जगत विख्याता।

आदि शक्ति हो मात भवानी, पूजत सब नर मुनि ज्ञानी।

जगत पालिनी सब सुख करनी, निज जनहित भण्डारण भरनी।

श्वेत कमल दल पर तव आसन, मात सुशोभित है पद्मासन।

महालक्ष्मी माता को हमारा नमन है और उनकी जय है। आपका नाम तो इस पूरे जगत में फैला हुआ है। आप ही माँ आदि शक्ति व माँ भवानी हो। आपकी पूजा सभी मनुष्य, ऋषि-मुनि व ज्ञानी पुरुष करते हैं। आप ही इस जगत का पालन करने वाली और सुखों को प्रदान करने वाली हो। आप हम सभी के हित के कार्य करती हो। आप श्वेत कमल के आसन पर पद्मासन मुद्रा में बैठी हुई हो।

श्वेताम्बर अरू श्वेता भूषण, श्वेतहि श्वेत सुसज्जित पुष्पन।

शीश छत्र अति रूप विशाला, गल सोहे मुक्तन की माला।

सुन्दर सोहे कुंचित केशा, विमल नयन अरु अनुपम भेषा।

कमलनाल समभुज तवचारी, सुरनर मुनिजनहित सुखकारी।

आपने सफेद रंग के वस्त्र धारण किये हुए हैं और इसी रंग के ही आभूषण पहने हुए हैं। आपने अपने हाथों में सफेद रंग के ही पुष्प लिए हुए हैं। आपके सिर पर छत्र लगा हुआ है और आपका रूप अत्यधिक विशाल है। आपने गले में मोतियों की माला पहनी हुई है। आपके बाल बहुत ही सुन्दर लग रहे हैं और ऊपर से आपकी कोमल आँखें आपकी छवि को अनुपम बना रही है। आप कमल के आसन पर बैठ कर सभी को सुख प्रदान करने वाली हैं।

अद्भुत छटा मात तवबानी, सकल विश्वकी हो सुखखानी।

शांतिस्वभाव मृदुलतव भवानी, सकल विश्वकी हो सुखखानी।

महालक्ष्मी धन्य हो माई, पंच तत्व में सृष्टि रचाई।

जीव चराचर तुम उपजाए, पशु पक्षी नर नारी बनाए।

आपकी छवि बहुत ही प्यारी व मन को सुख देने वाली है और आप इस संपूर्ण विश्व में सुखों की खान हैं। आपका स्वभाव शांति प्रदान करने वाला और मधुरता फैलाने वाला है। हे महालक्ष्मी!! आप ही हम सभी की माता हैं और आपने ही पंच तत्व के द्वारा इस सृष्टि का निर्माण किया है। आपने ही इस पृथ्वी पर जीव-जंतुओं का निर्माण किया है और पशु-पक्षी तथा नर-नारी बनाये हैं।

क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए, अमितरंग फल फूल सुहाए।

छवि बिलोक सुरमुनि नरनारी, करे सदा तव जय-जय कारी।

सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं, तेरे सम्मुख शीश नवावैं।

चारहु वेदन तव यश गाया, महिमा अगम पार नहीं पाया।

आपने इस धरती पर नाना प्रकार के वृक्ष उगाकर हम सभी का कल्याण किया है। उन पर आपने भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों को उगाने का काम किया है। आपकी छवि को देख कर तो सभी देवता, ऋषि-मुनि, मनुष्य इत्यादि सदैव ही आपकी जय-जयकार करते हैं।

जापर करहु मातु तुम दाया, सोई जग में धन्य कहाया।

पल में राजाहि रंक बनाओ, रंक राव कर बिलम न लाओ।

जिन घर करहु माततुम बासा, उनका यश हो विश्व प्रकाशा।

जो ध्यावै सो बहु सुख पावै, विमुख रहै हो दुख उठावै।

जिस किसी पर भी आपकी कृपा दृष्टि पड़ जाती है, वह व्यक्ति धन्य हो जाता है। आप अपनी शक्ति से एक ही क्षण में राजा को रंक और रंक को राजा बना देती हैं। जिस घर में भी आपका वास होता है, उस घर का यश पूरे विश्व में फैल जाता है अर्थात उस घर के लोग प्रगति करते हैं। जो भी आपका ध्यान करता है, उसे हर तरह का सुख प्राप्त होता है और जो आपसे मुख मोड़ लेता है, उसकी दुर्गति होना तय है।

महालक्ष्मी जन सुख दाई, ध्याऊं तुमको शीश नवाई।

निजजन जानिमोहिं अपनाओ, सुख संपत्ति दे दुख नसाओ।

ॐ श्री-श्री जयसुखकी खानी, रिद्धिसिद्ध देउ मात जनजानी।

ॐह्रीं-ॐह्रीं सब व्याधिहटाओ, जनउन बिमल दृष्टिदर्शाओ।

हे महालक्ष्मी!! आप तो हम सभी को सुख देने वाली हो। मैं आपके सामने अपना शीश झुकाकर आपका ध्यान करता हूँ। मुझे अपना भक्त मानकर सभी प्रकार की सुख-संपत्ति प्रदान कीजिये और दुःख दूर कीजिये। हे मातारानी!! आप हमें रिद्धि व सिद्धि प्रदान कीजिये तथा हमारे सभी संकटों का अंत कर दीजिये।

ॐक्लीं-ॐक्लीं शत्रुन क्षयकीजै, जनहित मात अभय वरदीजै।

ॐ जयजयति जयजननी, सकल काज भक्तन के सरनी।

ॐ नमो-नमो भवनिधि तारनी, तरणि भंवर से पार उतारनी।

सुनहु मात यह विनय हमारी, पुरवहु आशन करहु अबारी।

हे महालक्ष्मी माता!! आप मेरे शत्रुओं का नाश कर दीजिये और मुझे विजयी होने का वरदान दीजिये। हे जग की माता!! आपकी जय हो। आप अपने भक्तों के सभी कार्य पूरा कर देती हैं। हम सभी को भवसागर पार करवाने वाली माँ!! आपको हमारा नमन है, नमन है। हे मातारानी!! अब आप मेरी विनती सुन लीजिये और मेरी हर इच्छा को पूरा कीजिये।

ऋणी दुखी जो तुमको ध्यावै, सो प्राणी सुख संपत्ति पावै।

रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई, ताकी निर्मल काया होई।

विष्णु प्रिया जय-जय महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी।

पुत्रहीन जो ध्यान लगावै, पाये सुत अतिहि हुलसावै।

जिस भी व्यक्ति के ऊपर किसी का कर्जा चढ़ा हुआ है या जिसे बहुत ज्यादा दुःख है, यदि वह सच्चे मन से आपका ध्यान कर लेता है तो उसे हर प्रकार की सुख-संपत्ति प्राप्त होती है। जिसे किसी तरह का रोग सता रहा है, उसके शरीर को आप स्वस्थ बना देती हैं। आप भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय हैं और आपकी जय हो, जय हो।

महालक्ष्मी माता की महिमा (Lakshmi Chalisa Lyrics In Hindi) का वर्णन नहीं किया जा सकता है। जो भी दंपत्ति आपके पास पुत्र इच्छा की कामना से आता है, आप उसे पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं।

त्राहि त्राहि शरणागत तेरी, करहु मात अब नेक न देरी।

आवहु मात विलम्ब न कीजै, हृदय निवास भक्त बर दीजै।

जानूँ जप तप का नहि भेवा, पार करौ भवनिध बन खेवा।

बिनवों बार-बार कर जोरी, पूरण आशा करहु अब मोरी।

मैं त्राहिमाम करता हुआ आपकी शरण में आया हूँ और अब आप मुझ पर दया कीजिये। अब किसी भी चीज़ में देर मत कीजिये और मेरे हृदय में वास कीजिये। मैं जप व तपस्या इत्यादि कुछ नहीं जानता हूँ और अब आप ही मेरा बेड़ा पार कीजिये। मैं आपसे बार-बार यही प्रार्थना करता हूँ कि अब आप मेरी इच्छाओं को पूरा कर दीजिये।

जानि दास मम संकट टारौ, सकल व्याधि से मोहिं उबारौ।

जो तव सुरति रहै लव लाई, सो जग पावै सुयश बड़ाई।

छायो यश तेरा संसारा, पावत शेष शम्भु नहिं पारा।

गोविंद निशदिन शरण तिहारी, करहु पूरण अभिलाष हमारी।

हे मातारानी!! मुझे अपना सेवक मानकर मेरे संकटों को दूर कर दीजिये, मेरे सभी तरह के कष्टों को दूर कर दीजिये। जब कभी भी जिस देवता ने आपका गुणगान किया है, आपने तब-तब उसके यश में वृद्धि की है। आपका यश पूरे संसार में फैला हुआ है और उसे तो स्वयं शेषनाग व शिव पार नहीं पा सके हैं। यह गोविंद दिनरात आपकी ही शरण में है और अब आप हमारी सभी आशाओं को पूरा कर दीजिये।

॥ दोहा ॥

महालक्ष्मी चालीसा पढ़ै सुनै चित लाय।
ताहि पदारथ मिलै अब कहै वेद अस गाय॥

जो भी व्यक्ति सच्चे मन से महालक्ष्मी चालीसा को पढ़ता है व सुनता है, वेदों के अनुसार उस पर माँ लक्ष्मी की कृपा होती है और उसके सभी काम पूरे हो जाते हैं।

ऊपर आपने मां लक्ष्मी चालीसा हिंदी में (Lakshmi Chalisa In Hindi) अर्थ सहित पढ़ ली है। अब बारी आती है लक्ष्मी चालीसा पढ़ने के फायदे और उसके महत्व को जानने की। तो चलिए वह भी जान लेते हैं।

श्री महालक्ष्मी चालीसा का महत्व

ऊपर आपने महालक्ष्मी माता की चालीसा पढ़ी और साथ ही उसका अर्थ भी जाना। इससे आपको महालक्ष्मी माता के महत्व का ज्ञान हो गया होगा तथा साथ ही यह भी पता चल गया होगा कि धन के साथ-साथ मनुष्य के लिए विद्या व बुद्धि की कितनी आवश्यकता होती है। यही कारण है कि महालक्ष्मी की पूजा कभी भी अकेले नहीं की जाती है अन्यथा वह पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है।

आप जब भी देखेंगे तो पाएंगे कि माँ लक्ष्मी की पूजा भगवान गणेश व माँ सरस्वती के साथ ही की जाती है। दीपावली के पावन अवसर पर भी तीनों की एक साथ ही पूजा की जाती है ताकि धन का सदुपयोग हो सके। माँ लक्ष्मी ने स्वयं कहा है कि जहाँ भी उनकी पूजा होगी और यदि उस जगह भगवान गणेश की पूजा नहीं होगी तो मेरी पूजा का कोई लाभ नहीं मिलेगा। इस कथन का तात्पर्य यह हुआ कि मनुष्य के पास यदि धन है लेकिन बुद्धि का अभाव है तो धन ज्यादा समय तक उसके पास नहीं रह सकेगा।

तो ऐसे ही कुछ भावों को इस महालक्ष्मी चालीसा के माध्यम से प्रकट किया गया है। इसी के साथ ही माँ लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का कितना सहयोग किया है और इस सृष्टि के कल्याण के कार्य किये हैं, उन्हें भी श्री लक्ष्मी चालीसा के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है। यही महालक्ष्मी की चालीसा का महत्व होता है।

महालक्ष्मी चालीसा पढ़ने के फायदे

अब यदि आप निरंतर रूप से महालक्ष्मी चालीसा का पाठ (Lakshmi Chalisa In Hindi) अपने घर पर या मंदिर में करते हैं और माँ लक्ष्मी का सच्चे मन से ध्यान करते हैं तो अवश्य ही माँ लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बरसती है। यदि आपके जीवन में किसी भी तरह का आर्थिक संकट है या वैभव की कमी है तो वह दूर हो जाती है। कई बार यह देखने में आता है कि बहुत प्रयास करने के पश्चात भी आपका काम सही से नहीं चल पा रहा होता है और उसमें कई तरह की दिक्कतें आती हैं।

ऐसी स्थिति में यदि आप सच्चे मन से महा लक्ष्मी चालीसा का सुबह जल्दी उठकर तथा नहा-धोकर पाठ करने लगेंगे तो उसका प्रभाव कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएगा। इससे ना केवल आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी बल्कि समाज में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा। हालाँकि इसी के साथ ही आपको उस प्राप्त धन का सदुपयोग करना होगा और धर्म व समाज सेवा के कार्य भी करते रहने होंगे। तभी वह धन आपके पास टिक पायेगा अन्यथा वह कुछ ही दिनों में पुनः चला जाएगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख के माध्यम से आपने लक्ष्मी जी की चालीसा (Lakshmi Chalisa) हिंदी में अर्थ सहित पढ़ ली है। साथ ही आपने मां लक्ष्मी चालीसा पढ़ने के फायदे और उसके महत्व के बारे में भी जान लिया है। यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम जल्द से जल्द आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

सनातन धर्म व भारतवर्ष के हर पहलू के बारे में हर माध्यम से जानकारी जुटाकर उसको संपूर्ण व सत्य रूप से आप लोगों तक पहुँचाना मेरा उद्देश्य है। यदि किसी भी विषय में मुझसे किसी भी प्रकार की कोई त्रुटी हो तो कृपया इस लेख के नीचे टिप्पणी कर मुझे अवगत करें।

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