नरसिंह भगवान की आरती (Narsingh Bhagwan Ki Aarti)

Narsingh Bhagwan Ki Aarti

नरसिंह भगवान की आरती (Narsingh Bhagwan Ki Aarti) – अर्थ, महत्व व लाभ सहित

भगवान विष्णु के इस युग में दस पूर्ण अवतार हैं जिनमें से नौ अवतार हो चुके हैं तो तथा अंतिम अवतार भगवान कल्कि कलयुग के अंत में जन्म लेंगे। इन दस अवतारों में से भगवान विष्णु का नरसिंह अवतार बहुत ही भीषण, प्रचंड व प्रलयंकारी रूप लिए हुए है जिन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध कर दिया था। आज के इस लेख में हम भगवान विष्णु के इसी रूप को समर्पित नरसिंह आरती का पाठ (Narsingh Aarti) करने जा रहे हैं।

नरसिंह भगवान की आरती (Narsingh Bhagwan Ki Aarti) का पाठ तो हर कोई कर लेगा लेकिन उसी के साथ ही यदि उसका अर्थ भी जान लिया जाए तो इससे ज्यादा लाभ मिलता है। यही कारण है कि आज के इस लेख में हम आपके साथ नृसिंह आरती (Narsingh Aarti In Hindi) का हिंदी अर्थ भी सांझा करेंगे ताकि आप उसका भावार्थ समझ सकें। अंत में आपको नृसिंह भगवान की आरती पढ़ने के लाभ व महत्व भी जानने को मिलेंगे। आइये पढ़ते हैं भगवान नरसिंह आरती।

नरसिंह आरती (Narsingh Aarti)

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

सबके हृदय विदारण, दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥

नरसिंह आरती हिंदी में (Narsingh Aarti In Hindi)

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे॥

भगवान नरसिंह जो कि श्रीहरि के अवतार हैं, हम सभी उनकी जय-जयकार करते हैं। वे हम सभी के प्रभु हैं और हम उनकी जय-जयकार करते हैं। भगवान विष्णु धर्म की रक्षा करने के लिए खंभे को फाड़कर नरसिंह अवतार के रूप में प्रकट हुए थे। इस रूप में उन्होंने लोगों के दुखों को दूर किया था।

तुम हो दिन दयाला, भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥

नरसिंह भगवान हम सभी दीन-दुखियों पर दया बरसाने वाले और भक्तों का हित करने वाले हैं। उन्होंने नरसिंह अवतार में अपना अद्भुत रूप लिया था जिसका ऊपर का शरीर सिंह का तो नीचे का मनुष्य का था। इस रूप में उन्होंने हमारे भय का नाश कर दिया था।

सबके हृदय विदारण, दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥

उन्होंने सभी के दुःख व पीड़ा को दूर करते हुए दैत्य नगरी व पाताल लोक के राजा हिरण्यकश्यप का वध कर अधर्म का अंत कर दिया था। इसी के साथ ही उन्होंने अपने परम भक्त प्रह्लाद को अपनाया था और उसे पाताल नगरी का अगला राजा नियुक्त किया था। यह कर उन्होंने प्रजा पर बहुत कृपा की थी।

ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥

भगवान नरसिंह की आरती तो स्वयं भगवान ब्रह्मा भी करते हैं और उनके स्वागत में उन्हें पुष्पों की माला पहनाते हैं। इतना ही नहीं, भगवान शिव भी उनकी जय-जयकार करते हैं और उनके ऊपर पुष्प वर्षा करते हैं।

नरसिंह भगवान की आरती (Narsingh Bhagwan Ki Aarti) – महत्व

भगवान विष्णु के द्वारा लिए गए सभी अवतारों का अपना-अपना महत्व है। इसमें उन्होंने राम व कृष्ण के रूप में मानवीय जीवन व सोलह संस्कारो का पालन किया था जिनकी कथाएं हम पढ़ते रहते हैं। वहीं अन्य अवतार कुछ समय के लिए या एक ही उद्देश्य की प्राप्ति के लिए लिए गए थे किन्तु भगवान परशुराम इसमें एक अपवाद हैं। अब जो उनका नरसिंह अवतार था, वह अल्पकाल के लिए ही था लेकिन उनका उद्देश्य बहुत बड़ा था।

इस अवतार में उन्होंने एक बारी में ही दैत्य व पाताल नगरी के राजा हिरण्यकश्यप को भगवान ब्रह्मा जी से मिले वरदान को निष्फल करते हुए अपने नाखूनों से उसके सीने को फाड़कर उसका वध कर दिया था तथा अपने भक्त प्रह्लाद को दैत्य नगरी का अगला राजा नियुक्त किया था। तो नरसिंह आरती के माध्यम से भगवान नरसिंह के गुणों, कार्यों, शक्तियों तथा महत्व का वर्णन किया गया है। यही नरसिंह भगवान की आरती का महत्व होता है।

नृसिंह आरती (Narsingh Ji Ki Aarti) – लाभ

अब यदि आप नित्य रूप से भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए नृसिंह आरती का पाठ करते हैं तो उसके एक नहीं बल्कि कई लाभ देखने को मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि हमारे शत्रुओं का नाश हो जाता है तथा हमारे जीवन में आ रही हरेक बाधा व संकट का समाधान हो जाता है। भगवान नरसिंह अपने भक्तों के किसी भी शत्रु, बाधा, संकट व विपदा को हरने में सक्षम हैं।

ऐसे में जो भक्तगण प्रतिदिन नरसिंह भगवान की आरती का पाठ कर रहा है, उसके जीवन में कोई भी विपत्ति नहीं आती है और यदि आती भी है तो वह उसका सरलता से सामना कर पाने में सक्षम होता है। इसी के साथ ही भगवान नरसिंह की कृपा से हमारी उन्नति होती है तथा हमें वह सब मिल जाता है, जिसकी हम कामना करते हैं। यही नरसिंह आरती को पढ़ने के लाभ होते हैं।

नरसिंह आरती से संबंधित प्रश्नोत्तर

प्रश्न: नरसिंह देवता कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: नरसिंह देवता भगवान विष्णु का चौथा अवतार हैं और इस अवतार में उन्होंने दैत्य हिरण्यकश्यप का वध किया था। ऐसे में नरसिंह देवता के प्रकार नाम की कोई चीज़ नहीं होती है।

प्रश्न: नरसिंह भगवान को खुश कैसे करें?

उत्तर: यदि आप नरसिंह भगवान को खुश करना चाहते हैं तो प्रतिदिन सुबह के समय नरसिंह भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर नृसिंह चालीसा या आरती का पाठ करना शुरू करें।

प्रश्न: नरसिंह का दिन कौन सा है?

उत्तर: हर वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान नरसिंह की जयंती मनाई जाती है और उनकी पूजा-आराधना की जाती है।

प्रश्न: क्या हम घर पर नरसिंह की पूजा कर सकते हैं?

उत्तर: बिल्कुल, आप अपने घर पर भी भगवान नरसिंह की पूजा कर सकते हैं और उनकी चालीसा व आरती का पाठ कर सकते हैं।

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लेखक के बारें में: कृष्णा

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