प्रहस्त (Prahasta In Ramayana) रावण का क्या लगता था इसको लेकर अलग-अलग रामायण में अलग-अलग मत हैं। किसी रामायण में उसे रावण का मामा बताया गया हैं तो किसी में उसे रावण का पुत्र। आज हम आपको दोनों के बारें में बताएँगे (Prahast Vadh Ramayan)।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार प्रहस्त रावण का मामा तथा उसकी माँ कैकसी का भाई था। प्रहस्त के माता-पिता का नाम सुमाली तथा केतुमती था जिससे उनके 11 पुत्र हुए तथा 4 पुत्रियाँ। उन्ही में से एक पुत्र प्रहस्त था तथा कैकसी उनकी एक पुत्री। बाद में कैकसी के चार संतान हुई जिसमे एक रावण था। इस प्रकार प्रहस्त रावण का मामा हुआ।
अन्य प्रचलित कथाओं में उसे रावण के पुत्र (Prahast Ravana’s Son) की संज्ञा दी गयी हैं। वह रावण का शक्तिशाली पुत्र था जिसने उसके लिए कई युद्ध लड़े थे। वह लंका की सेना का मुख्य सेनापति भी था जिसने राम रावण युद्ध में शुरूआती भूमिका निभाई थी। उसी के द्वारा लंका की रक्षा के लिए शुरूआती युद्ध किया गया था।
उस समय श्रीराम की वानर सेना समुंद्र पार करके लंका पहुँच चुकी थी तथा रावण ने श्रीराम का शांति संदेश भी ठुकरा दिया था। तब रावण ने अपने सभी शक्तिशाली योद्धाओं को लंका के चारो द्वारो पर तैनात किया था। उसी सुरक्षा में प्रहस्त, अकम्पन व दुर्मुख जैसे शक्तिशाली योद्धा तैनात थे।
जब अकम्पन तथा दुर्मुख जैसे महाबली योद्धा युद्ध क्षेत्र में मारे गए तब प्रहस्त युद्धभूमि में आया तथा वानर सेना में हाहाकार मचा दिया। अपने तीर बाणों से वह असंख्य वानरों का वध करते हुए आगे बढ़ रहा था। वानरों का संहार होता देखकर लक्ष्मण स्वयं युद्धभूमि में आये तथा प्रहस्त को युद्ध के लिए ललकारा (Prahast Ka Vadh)।
इसके बाद लक्ष्मण तथा प्रहस्त के बीच भीषण युद्ध हुआ तथा अंत में लक्ष्मण ने उसका वध कर डाला। इस प्रकार रावण के एक और शक्तिशाली योद्धा को मृत्यु (Prahast Vadh) का मुख देखना पड़ा था।