भगवान राम का जन्म कैसे हुआ (Ram Ka Janm Kaise Hua), यह प्रश्न बहुत लोगों के मन में होता है!! अब भगवान राम का जन्म कब और कहाँ हुआ था, वह तो हम सभी जानते हैं। वह इसलिए क्योंकि जब श्रीराम का जन्म हुआ, उस दिन हम हर वर्ष राम नवमी का त्यौहार मनाते हैं। वहीं जहाँ उनका जन्म हुआ, वहाँ की पवित्र भूमि पर श्रीराम का भव्य मंदिर बन चुका है।
ऐसे में प्रश्न यही है कि श्री राम का जन्म कैसे हुआ? हम सभी उस समय राजा दशरथ के द्वारा करवाए गए पुत्र कामेष्टि यज्ञ (Putra Kameshti Yagna In Ramayana) के बारे में तो जानते हैं लेकिन उस समय की परिस्थितियां क्या थी। साथ ही इस यज्ञ के बाद क्या हुआ था और किस तरह से दशरथ की तीनो रानियों को पुत्र प्राप्त हुए!! आइए इस संपूर्ण घटना के बारे में जानते हैं।
भगवान राम का जन्म कैसे हुआ?
दशरथ अयोध्या के चक्रवती व सूर्यवंशी सम्राट थे। जब से वे अयोध्या के राज सिंहासन पर बैठे थे तब से उन्होंने अपनी विजय पताका चारों दिशाओं में लहरा दी थी। उनका राज्य भारतवर्ष के सभी राज्यों में सबसे शक्तिशाली व धनवान था। साथ ही उनकी तीन पत्नियाँ थी जिनका नाम था कौशल्या, कैकई व सुमित्रा।
बहुत समय के बाद भी जब राजा दशरथ को कोई पुत्र प्राप्त नहीं हुआ तो वे निराश रहने (Ram Ka Janm Kaise Hua) लगे। अब उन्हें हर समय यह चिंता सताने लगी कि उनके बाद अयोध्या का राज सिंहासन कौन संभालेगा। अयोध्या के अगले उत्तराधिकारी के लिए प्रजावासियों के द्वारा भी दशरथ पर दबाव बढ़ने लगा था। जब महाराज दशरथ को इसका कोई उपाय नहीं सूचा तो उन्होंने अपने राजगुरु से परामर्श लेने का सोचा।
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महर्षि वशिष्ठ का परामर्श
महर्षि वशिष्ठ अयोध्या के राजगुरु थे जिनसे राजा अपने राज्य संबंधी व निजी जीवन के लिए परामर्श लिया करते थे। अयोध्या नरेश दशरथ भी उनके पास गए व अपनी चिंता प्रकट की। महर्षि वशिष्ठ ने उन्हें ऋषि श्रृंग मुनि के द्वारा पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाने को कहा।
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दशरथ का श्रृंग मुनि के पास जाना
चूँकि दशरथ व कौशल्या के एक पुत्री भी थी जिसका नाम शांता था। शांता का विवाह ऋषि श्रृंग मुनि के साथ ही हुआ था इसलिए वे रिश्ते में दशरथ के दामाद लगते थे। ऋषि श्रृंग मुनि ससुर के आग्रह करने व पत्नी के कहने पर यज्ञ करवाने को तैयार हो गए।
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पुत्र कामेष्टि यज्ञ
श्रृंग मुनि जी के द्वारा यज्ञ की सभी तैयारी कर ली गई व दशरथ के द्वारा पुत्र कामेष्टि यज्ञ (Putra Kameshti Yagna In Ramayana) संपन्न करवाया गया। यज्ञ के समाप्त होने के पश्चात उसकी अग्नि में से स्वयं अग्नि देव प्रकट हुए व उनके हाथ में एक पात्र था। उन्होंने वह पात्र राजा दशरथ को दिया व बताया कि इसमें जो खीर है वह वे अपनी तीनों रानियों को खिला दें जिससे उन्हें पुत्रों की प्राप्ति होगी। यह खीर/ पायसम का प्याला पाकर राजा दशरथ अत्यंत प्रसन्न हो गए।
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खीर का रानियों में बंटवारा
उसके बाद वह खीर लेकर राजा दशरथ अपनी तीनों रानियों के पास गए। उन्होंने उस खीर को दो आधे-आधे भागों में बांटा व एक भाग रानी कौशल्या को खाने को दे दिया। बाकी बची हुई खीर को उन्होंने फिर से दो भागों में बांटा व एक भाग रानी कैकेयी को खाने को दिया। अब बाकी बची खीर को दो भागों में बांटकर उन्होंने रानी कौशल्या व कैकेयी को अपने हाथों से रानी सुमित्रा को खिलाने को कहा।
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भगवान राम का जन्म होना
खीर खाने के फलस्वरूप कुछ ही समय में तीनों रानियाँ गर्भवती हो गई। समय यूँ ही बीता व एक दिन तीनों रानियों के यहाँ पुत्रों का जन्म हुआ। रानी कौशल्या के स्वयं भगवान श्रीराम का जन्म हुआ जो सबसे बड़े पुत्र व अयोध्या के राज सिंहासन के उत्तराधिकारी थे। रानी कैकेयी को पुत्र रूप में भरत मिले व रानी सुमित्रा के दो पुत्र हुए जिनका नाम लक्ष्मण व शत्रुघ्न था।
कहते हैं कि चूँकि रानी कौशल्या ने खीर का अधिकांश भाग खाया था इसलिए उन्हें पुत्र रूप में राम की प्राप्ति हुई थी। सुमित्रा ने रानी कौशल्या के हाथ से जो खीर खाई थी उससे उन्हें लक्ष्मण पुत्र रूप में मिले जो हमेशा भगवान श्रीराम के साथ ही रहे। रानी कैकेयी के हाथ से जो सुमित्रा ने खीर खाई थी उनसे उन्हें शत्रुघ्न मिले जो भरत के ज्यादा घनिष्ठ थे। इस तरह से आपने भगवान राम का जन्म कैसे हुआ (Ram Ka Janm Kaise Hua), के बारे में संपूर्ण जानकारी ले ली है।
श्रीराम के जन्म से संबंधित प्रश्नोत्तर
प्रश्न: श्री राम जी का असली नाम क्या है?
उत्तर: श्री राम जी का असली नाम राम ही है जो उनके राजगुरु महर्षि वशिष्ठ ने रखा था।
प्रश्न: मृत्यु के समय राम की उम्र कितनी थी?
उत्तर: मृत्यु के समय श्रीराम की आयु 10 हज़ार वर्ष से ऊपर की थी। भगवान श्रीराम लगभग दस हज़ार वर्ष तक जीवित रहे थे।
प्रश्न: भगवान राम कितने समय तक जीवित रहे?
उत्तर: भगवान राम लगभग 10 हज़ार वर्षों तक जीवित रहे थे। वे त्रेता युग में पैदा हुए थे और उस समय मनुष्य की औसत आयु दस हज़ार वर्ष होती थी।
प्रश्न: राम पृथ्वी पर कितने वर्ष जीवित रहे?
उत्तर: राम पृथ्वी पर 10,000 वर्ष तक जीवित रहे थे। त्रेता युग में सभी की आयु इतनी ही हुआ करती थी।
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